Thursday, 30 May 2024
सातवा मर्हला भाजपा के लिए परेशानी का सबब।
18वीं लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में पंजाब, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश बीजेपी के लिए परेशानी का सबब हैं। इस चरण में होने वाले चुनाव में पार्टी पर बिहार में भी अपनी सीटें बरकरार रखने का दबाव है। करीब ढाई महीने के इंतजार के बाद 1 जून को सातवें चरण का मतदान होना है. इस बार 400 पार के नारे के साथ मैदान में उतरी बीजेपी के लिए भी ये चरण सबसे अहम है. पश्चिम बंगाल के सातवें चरण की 9 लोकसभा सीटों में से बीजेपी को सिर्फ 2 सीटें मिलीं, पिछली बार इन दोनों राज्यों में बीजेपी को कोई सीट नहीं मिली थी, पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने लगातार मेहनत की है रोड शो करने के साथ-साथ गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं. बीजेपी ने सातवें चरण में 9 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है आधे सीटों पर जीत हासिल कर सकती है पार्टी छठे चरण में हिंसा की कई घटनाएं हुई हैं, इस ध्रुवीकरण से बीजेपी को कोलकाता और उसके आसपास के शहरी भारतीय मतदाताओं पर उम्मीद जगी है भी इसी चरण में मतदान होना है। पिछली बार पंजाब में बीजेपी को केवल 2 सीटें मिली थीं, जबकि बीजेपी अकाली दल के साथ गठबंधन में थी, लेकिन इस बार दोनों अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं चुनाव में बीजेपी ने पंजाब में ज्यादा सीटें जीतने के लिए कांग्रेस के शीर्ष नेताओं (कैप्टन अमरिंदर सिंह, उनकी पत्नी परनीति कौर) को शामिल किया है. किसानों के विरोध का असर पंजाब में 4 जून को ही पता चलेगा और कांग्रेस अलग जरूर हैं, लेकिन उनकी भी अपनी ताकत है. आखिरी चरण में यूपी की 13 लोकसभा सीटें शामिल हैं. इनमें कोसी, बलिया और ग़ाज़ीपुर की तीन सीटें हैं जहां बीजेपी के लिए लंबी लाइन है पिछले दो चुनावों की तुलना में युवा 2019 के आम चुनाव में भी बीजेपी को कोसी और गाजीपुर में हार मिली थी. यूपी में सातवें चरण की सीटों में महाराजगंज, गोरखपुर, कोशीनगर, देवरिया, बांसगांव, सलीमपुर और चंदौली आदि सात सीटें हैं. आखिरी चरण में जहां विपक्ष 2022 में खाता भी नहीं खोल पाया है. कोसी और गाजीपुर और बलिया लोकसभा क्षेत्रों में बीजेपी को जिन सीटों का सामना करना पड़ रहा है, उन्हें 2022 के विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सिर्फ दो सीटों पर जीत मिली है इन तीन निर्वाचन क्षेत्रों की 15 विधानसभा सीटों में से बाकी सात सीटें विपक्षी दलों, सपा, बसपा गठबंधन के खाते में चली गईं, अगर भाजपा को 400 के पार जाना है तो यह सातवां और आखिरी चरण सबसे महत्वपूर्ण है इस चरण में एक बड़ी जीत. (अनिल नरेंद्र)
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