Saturday 25 May 2024

जहां हादसा, वो मोसाद का गढ़ रहा है


ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और उनके विदेश मंत्री सहित नौ अधिकारियों की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत तेहरान के लिए जबरदस्त झटका है। अभी इसके पीछे कोई साजिश नहीं बताई गई है परन्तु अनाधिकृत तौर पर इसे इजरायल और अमेरिका का षड्यंत्र भी बताया जा रहा है। ईरान में भी कुछ लोग रईसी के ऐसे अचानक हेलीकॉप्टर क्रैश में मारे जाने पर सवाल उठा रहे हैं। बीते दिनों ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष देखने को मिला था। पहले सीरिया में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले का इल्जाम इजरायल पर आया। फिर जवाबी कार्रवाई में अप्रैल 2024 में ईरान ने इजरायल पर ड्रोन और मिसाइल हमला किया। इस संघर्ष के बीच जब रईसी और ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्ला की अचानक मौत हुई तो कुछ लोगों ने इसे भरी निगाहों से इजरायल की तरफ इशारा किया। इजरायल ने इसका खंडन किया है। अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि इस हेलीकाप्टर क्रैश में अमेरिका का कोई रोल नहीं था। इसमें कोई शक नहीं है कि रईसी एक क्रूर आदमी थे। चाई नेट न्यूज वेबसाइट में इब्राहिम रईसी के की कहानी बताई गई है और इस रिपोर्ट को तेहरान का कसाई शीर्षक दिया गया है। एक अन्य वेबसाइट ने शीर्षक दिया है.... ईरान के सबसे नफरती आदमी की मौत। इस ओपिनियन पीस में लिखा गया है कि रईसी की मौत पर कोई सच्चा आंसू आंख से नहीं गिरेगा। हिजाब को लेकर की गई सख्ती के कारण महिलाएं रईसी से नफरत करती हैं। रईसी साल 1988 में बने उस खुफिया ट्राइब्यूनल में शामिल हुए जिन्हें डेथ कमेटी के नाम से जाना गया। इस ट्राइब्यूनल ने कुल कितने राजनीतिक कैदियों को मौत की सजा दी, इस संख्या के बारे में ठीक-ठीक मालूम नहीं है लेकिन मानवाधिकार समूहों का कहना है कि इनमें लगभग 5000 पुरुष और महिलाएं शामिल थीं। फांसी के बाद इन सभी को अज्ञात सामूहिक कब्रों में दफना दिया गया। राष्ट्रपति रईसी की मौत की जांच के नतीजे अभी आने हैं, लेकिन बड़ा सवाल क्रैश साइट अजरबैजान को लेकर है। ईरान के पड़ोसी देश अजरबैजान से तनावपूर्ण संबंध रहे हैं। अजरबैजान मध्य एशिया का एक मात्र मुस्लिम देश है जिसके इजरायल के साथ दोस्ताना रिश्ते हैं। रईसी का हेलीकॉप्टर अजरबैजान में जहां क्रैश हुआ वो पहाड़ी वाला दुर्गम इलाका इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद का गढ़ रहा है। यहां पर मोसाद के कई खुफिया एजेंट सक्रिय हैं, पिछले साल ईरान ने अजरबैजान में रहकर इजरायल के लिए जासूसी करने के आरोप में एक महिला समेत चार लोगों को फांसी दी थी फिर रईसी के हेलीकॉप्टर के अलावा दो और हेलीकॉप्टर थे। यानि की तीन हेलीकाप्टरों ने उड़ान भरी। यह कैसे हुआ कि तीन में से सिर्फ एक हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ और बाकी दोनों सही सलामत पहुंच गए? ईरान में एविएशन का खराब रिकार्ड है। इसके बावजूद राष्ट्रपति रईसी ने अमेरिका के 45 साल पुराने बेल हेलीकॉप्टर में उड़ान भरी। प्रतिबंधों के कारण ईरान को कलपुर्जे नहीं मिल रहे थे। सवाल उठता है कि मौसम खराब होने के बावजूद पायलट ने पुराने हेलीकॉप्टर के साथ रिस्क लेकर उड़ान भरी। स्थानीय लोगों का कहना है कि रईसी को 150 किमी सड़क मार्ग से भी ले जाया जा सकता था। रईसी की मौत भारत के लिए भी अपूरणीय क्षति है।

-अनिल नरेन्द्र


No comments:

Post a Comment