Wednesday, 19 July 2017

जीएसटी की वजह से परेशान मरीज व ग्राहक

जीएसटी लागू होने के बाद पैदा हुई सप्लाई का संकट व्यापारियों के साथ ही अब आम ग्राहकों को भी सताने लगा है। दवा जैसी जरूरी चीज से लेकर कम्प्यूटर और डिजिटल गैजेट्स के बाजारों में ग्राहक खाली हाथ लौट रहे हैं। ट्रेडर्स का कहना है कि जीएसटी रेट और एचएसएन कोड को लेकर जारी कंफ्यूजन के चलते मैन्युफैक्चरर और डिस्ट्रीब्यूटर माल आगे नहीं बढ़ा रहे हैं। कुछ जगहों पर जीएसटी रेट के अनुसार एमआरपी में बदलाव के चलते भी देरी हो रही है। कपड़ा व्यापारियों की हड़ताल के चलते कपड़े की कमी भी बताई जा रही है जिससे कई जगहों पर ग्राहकों को पहले से ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है। जीएसटी पर भ्रम के कारण देश के कई हिस्सों में मधुमेह और दिल की बीमारी के इलाज के लिए जरूरी दवाओं की किल्लत हो गई है। दवा कंपनियों ने पुराने स्टॉक रोक लिए हैं। इससे दिल्ली, यूपी, बिहार, उत्तराखंड आदि राज्यों के कई शहरों में दवा की आपूर्ति ठप हो गई है। वित्त मंत्रालय का कहना है कि उसे दवाओं की कमी की कोई सूचना नहीं मिली है। दिल्ली के एक बड़े दवा डिस्ट्रीब्यूटर के अनुसार मल्टीनेशनल कंपनियों के दवाओं का स्टॉक 60 फीसदी तक कम हो गया है। जबकि दवा कंपनियों के कई सौ करोड़ रुपए के स्टॉक गोदामों में भरे पड़े है जिसे जीएसटी लागू होने के बाद से वे बाजार में नहीं उतार रहे हैं। कंपनियों को पुराने स्टॉक पर घाटा हो रहा है, इससे वे इसे बाजार में नहीं निकाल रहे हैं। दवा कंपनियों को पुराने स्टॉक में केवल उत्पाद कर और वैट पर ही छूट मिली हुई है। ट्रेडर्स को अभी एचएसएन कोड भी नहीं मिले हैं। बहुत से मेडिकल और सर्जिकल सामान के रेट में भी अंतर आ गया है जिससे कंपनियों और डिस्ट्रीब्यूटरों को ढर्रे पर आने में समय लगेगा। मार्केट सूत्रों का कहना है कि जहां स्टॉक है वहां ट्रेडर भारी डिमांड को देखते हुए जीएसटी एनवाइस की जगह बिल ऑफ सप्लाई जारी कर रहे हैं। जीएसटी में उलझे रहे टेडर्स की दिक्कतों को देखते हुए दिल्ली वैट विभाग पहली तिमाही की वैट रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 28 जुलाई से आगे बढ़ा सकते हैं। मार्केट में इस समय जिन दवाओं की किल्लत है उनमें प्रमुख हैंöहैपेटाइटिस बी का इंजैक्शन, डायलिसिस, ब्लड प्रेशर की दवाएं, गंभीर रोगियों की जान बचाने वाले सेफ्टेक्साम, सिरोटैकिज्म, टेमानिक एसिड व मेरोफेनम इंजैक्शन। मल्टी विटामिन, मल्टी फूड विटामिन, कुत्ते के काटने की दवा रेबीज, फैंसिड्रिल कफ सीरप, गुर्दा रोगियों की दवा एल्बुमिन, आई ड्रॉप्स, टेरामाइसीन, टीबी, डायरिया, मधुमेह की दवा अमरिल-एन, जेनीविचा, लीपेज इमरजेंसी ड्रग, गैस के लिए लूज व ब्लड प्रेशर की दवा लेसिक।

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