आजकल
आईपीएल अपने पूरे जलवे में है। विश्व की सबसे महंगी क्रिकेट लीग इंडियन प्रीमियर
लीग टीवी का सबसे बड़ा शो बनती जा रही है। यह न केवल टीवी के दूसरे चैनलों के लिए
ही चुनौती बन रही है बल्कि सिनेमाघरों में फिल्मों का भी इसने भट्ठा बिठा दिया है।
सिनेमा हॉल आईपीएल से बुरी तरह प्रभावित हैं और कई सिनेमाओं में तो 50 प्रतिशत
दर्शकों में ड्रॉप आ गया है। स्टार इंडिया के मुताबिक पिछले वर्ष 55 करोड़ लोगों
ने आईपीएल मैच देखे थे जबकि इस बार चैनल और ऑनलाइन प्रसारण से यह आंकड़ा 70 करोड़
पार कर जाएगा। आईपीएल के इस सीजन के पहले मैच में शहरी युवाओं की व्यूरशिप 63.55
लाख इंंप्रैशंस (एक मिनट या इससे अधिक देखने वाले दर्शक) रही, जो पिछले वर्ष से 37
प्रतिशत अधिक है। टीवी दर्शकों का विश्लेषण करने वाली ब्रॉडकास्ट ऑडिएंस रिसर्च
काउंसिल (बार्प) के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2017 में आईपीएल सीजन-10 के दौरान
हिन्दी मनोरंजन चैनल्स की दर्शक संख्या में 14 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई वहीं
मूवी चैनल्स की दर्शक संख्या में 12 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई क्योंकि सोनी
मैक्स की व्यूरशिप हटा दें तो मूवी चैनल्स की दर्शक संख्या में गिरावट दर्ज की गई।
इंडियन टेलीविजन डॉट कॉम के सीईओ और विश्लेषक अनिल वनवारी ने बताया कि आईपीएल के
सीजन में टीवी चैनल्स पर विज्ञापन की दरें अवश्य बदलती हैं, खासतौर पर आईपीएल मैच
दिखाने वाले चैनल पर। सूत्रों के मुताबिक आईपीएल के पिछले मैचों के प्रसारणकर्ता
सोनी पिक्चर्स नेटवर्प के मुकाबले इस वर्ष स्टार इंडिया ने विज्ञापन दरें 50
प्रतिशत से अधिक बढ़ा दी हैं। वनवारी कहते हैं कि यह रकम दो हजार करोड़ रुपए से अधिक
हो सकती है। आईपीएल-10 सीजन में सोनी पिक्चर्स नेटवर्प ने प्रसारण से 1200 करोड़
रुपए कमाए थे। आईपीएल-10 की तुलना में सीजन-11 में विज्ञापन दरें 50 प्रतिशत से
अधिक हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि स्टार विज्ञापनदाता को हिन्दी, अंग्रेजी के साथ ही
बंगाली, तमिल, तेलुगू और कन्नड़ भाषाओं में 10 चैनल की सुविधा भी दे रहा है। स्टार
इंडिया से जुड़े अधिकारी ने बताया कि स्टार आईपीएल शुरू होने से पहले ही करीब 90
प्रतिशत से अधिक ऑन एयर इंवेंट्री बेच चुका था और 70 स्पांसरशिप कर चुका है जिसमें
100 से अधिक ब्रैंड के विज्ञापन आए। गौरतलब है कि स्टार इंडिया ने आईपीएल मैचों के
पांच साल के टीवी और डिजिटल मीडिया के ग्लोबल मीडिया अधिकार भारतीय क्रिकेट
कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से 16,357.5 करोड़ रुपए में खरीदे हैं। जबकि चीनी मोबाइल
निर्माता कंपनी वीवो इलैक्ट्रॉनिक्स कॉर्प ने 2,199 करोड़ रुपए में पांच वर्ष
के लिए टाइटल स्पांसर करने का अधिकार
खरीदा है।
-अनिल नरेन्द्र
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