काला हिरण शिकार मामले में फिल्म अभिनेता सलमान खान को जमानत दिलाने
में उनके वकील महेश बोरा का बड़ा हाथ रहा। वकील बोरा की जोधपुर सत्र न्यायालय में दी
गई दलीलें अभियोजन पक्ष पर भारी पड़ी जिससे सलमान को जमानत मिल गई। पहली दलील में कहा
कि हाई कोर्ट उनके मुवक्किल को दो अन्य मामलों में बरी कर चुका है। इसके साथ ही कोर्ट
में यह साबित नहीं हो सका कि चिंकारा हिरण को सलमान ने ही अपने लाइसेंस रिवॉल्वर से
मारा था। वहीं सलमान के वकील ने अपनी दूसरी दलाल में कहा कि गवाहों के बयान पर भरोसा
नहीं किया जा सकता है। जबकि वकील ने तीसरी दलील में कहा कि पोस्टमार्टम के लिए हिरण
की हड्डियां ही भेजी गई थीं। जोधपुर सेंट्रल जेल में कैदी नम्बर 106, यानि सलमान आखिरकार
50 घंटे बाद जमानत मिलने पर बाहर निकले। गुरुवार अपराह्न 2.55 बजे सेंट्रल जेल की लाल
फाटक में पहुंचने के बाद शुक्रवार का पूरा दिन जेल में गुजारा। शनिवार अपराह्न कोर्ट
से जमानत मिलने की सूचना जेल स्टाफ से मिली तो सलमान भावुक हो गए और मुंह से कोई शब्द
नहीं निकला। कुछ देर बाद वह सामान्य हुए और अपना सामान समेटना शुरू किया। कोर्ट से
जमानत का आदेश पहुंचने तक के करीबन डेढ़ घंटे तक सलमान तैयार होकर इंतजार करते रहे।
शाम 5.10 बजे कोर्ट से आदेश की कॉपी जेल प्रशासन के पास पहुंची। इसी बीच डीसीपी (ईस्ट)
डॉ. अमनदीप सिंह कपूर भी सेंट्रल जेल पहुंचे और सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लेकर डीआईजी
जेल विक्रम सिंह से चर्चा की। ऑर्डर की कॉपी मिलने के बाद जेल प्रशासन ने औपचारिकताएं
पूरी की और ठीक 5.32 बजे सलमान जेल के मेन गेट से बाहर निकले। जेल अधिकारियों और स्टाफ
से हाथ मिलाकर धन्यवाद किया और एयरपोर्ट रवाना हो गए। सलमान की रिहाई का आदेश तीन बजे
आया। इससे आधा घंटा पहले दोपहर ढाई बजे ही चार्टर की बुकिंग करवाई। यह शेड्यूल एयरपोर्ट
को मिल गया था। इसके अनुसार दिल्ली से चार्टर विमान को अपराह्न साढ़े चार बजे आना था
और शाम पांच बजे मुंबई के लिए उड़ना था। लेकिन चार्टर की बुकिंग के साथ ही उसके पैसेंजर
की सूची भी दी गई। निर्धारित समय 4.30 बजे के स्थान पर यह चार्टर 4.52 बजे जोधपुर में
लैंड हुआ। निर्धारित समय साढ़े पांच बजे की बजाय सलमान को लेकर यह विमान शाम छह बजकर
पांच मिनट पर उड़ा। सलमान का मुंबई पहुंचने पर जो भव्य स्वागत हुआ वह सबने देखा। सेशन
कोर्ट के आदेश के अनुसार सलमान बिना इजाजत के देश नहीं छोड़ सकते। सात मई को कोर्ट
में इन्हें उपस्थित होना है और उसी दिन सजा स्थगन पर भी सुनवाई होगी।
-अनिल नरेन्द्र
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