अपने पति व देवर की कंपनी को कर्ज देने के मामले में फंसी आईसीआईसीआई
बैंक की मैनेजिंग डायरेक्टर व सीईओ चन्दा कोचर के पद पर बने रहने को लेकर सवाल उठने
लगे हैं। एक तरफ जहां देश के इस दूसरे सबसे बड़े बैंक के कुछ शेयरधारकों ने कोचर की
भूमिका पर सवाल उठाया है तो दूसरी तरफ केंद्र भी इस बैंकिंग संस्थान की छवि को लेकर
चिंतित है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक आईसीआईसीआई बैंक की हालिया बैठक में कोचर को
सीईओ पद से हटाने को लेकर मतभेद उभरने के बाद फैसला टाल दिया गया। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट
के मुताबिक बोर्ड की बैठक में बाहरी निवेशकों ने चन्दा कोचर के पद पर बने रहने को लेकर
सवाल उठाए। हालांकि फिलहाल कोई आम राय नहीं बन सकी है। रही-सही कसर रेटिंग एजेंसी फिच
ने पूरी कर दी। सोमवार को फिच ने आईसाआईसीआई बैंक पर रिपोर्ट में कहा है कि बैंक में
गवर्नेंस को लेकर संशय पैदा हो चुका है। पहली बार है जब किसी अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग
एजेंसी ने विवाद उत्पन्न होने पर इस बैंक के बारे में राय दी है। चन्दा कोचर के पति
दीपक कोचर व उनके देवर राजीव कोचर की कंपनी वीडियोकॉन उद्योग समूह के साथ रिश्ते और
इस उद्योग समूह को बैंक की तरफ से लोन देने का मामला अब बेहद उलझ गया है। सूत्रों के
मुताबिक बैंक के निदेशक बोर्ड की अगली बैठक में चन्दा कोचर के भविष्य का फैसला हो सकता
है। बैंक में हिस्सा लेने वाले कुछ अहम शेयरधारकों ने अपनी तरफ से बैंक की गिरती साख
को लेकर चिन्ताएं जता दी हैं। उन्होंने यहां तक कहा है कि कोचर का एमडी व सीईओ के पद
पर बने रहने से बैंक की खोई प्रतिष्ठा बहाल करने में परेशानी होगी। उधर वित्त मंत्रालय
आईसीआईसीआई में उपजे इस विवाद को लेकर चल रही जांच पर नजर बनाए हुए है। वैसे चन्दा
कोचर का कार्यकाल 31 मार्च 2019 को खत्म हो रहा है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने बताया
है कि आईसीआईसीआई बैंक की प्रबंध निदेशक और सीईओ चन्दा कोचर के कार्यकाल को लेकर कोई
भी फैसला रिजर्व बैंक या आईसीआईसीआई बैंक के निदेशक मंडल के अधिकार क्षेत्र में आता
है। वित्त मंत्रालय का मानना है कि निजी क्षेत्र के बैंक आईसीआईसीआई के मामलों को देखना
और उसके बारे में कोई फैसला लेना उसका काम नहीं है। देश चाहता है कि पूरे मामले की
निष्पक्ष जांच हो और कसूरवारों को न केवल सजा मिले बल्कि जो पब्लिक का पैसा इन्होंने
मिलीभगत से गायब किया है उसकी पूरी रिकवरी की जाए। यही पंजाब नेशनल बैंक से भी नीरव
मोदी केस में होना चाहिए।
-अनिल नरेन्द्र
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