Tuesday, 28 September 2021

पीएम केयर्स फंड सरकारी नहीं है?

पीएम केयर्स फंड भारत का सरकारी फंड नहीं है। इसके तहत जमा धन भारत सरकार की संचित निधि (कोष) में नहीं डाला जाता। यह जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने दिल्ली हाई कोर्ट में दी है। इस फंड को जमा करने के लिए प्रधानमंत्री के पद, नाम, राष्ट्रीय चिन्ह का इस्तेमाल होने से इसे सरकारी फंड घोषित करने के लिए सम्यप् गंगवाल नामक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका की सुनवाई में यह जानकारी दी गई। पीएमओ के अवर सचिव प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने हलफनामे में बताया कि वह पीएम केयर्स ट्रस्ट में अपनी सेवाएं मानद आधार पर दे रहे हैं। ट्रस्ट पूरी पारदर्शिता से काम कर रहा है और इसके सभी फंड ऑडिट ऐसे सीए द्वारा करवाया गया है, जो नियंत्रक महालेखा परीक्षक द्वारा बनाए पैनल में शामिल हैं। जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस अनिल बंसल ने उनका पक्ष सुनने के बाद मामले को सुरक्षित रख लिया है और इस पर सुनवाई जल्द होगी। केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली हाई कोर्ट में पीएम केयर्स फंड को भारत सरकार का फंड नहीं बताने के एक दिन बाद विपक्षी दलों ने अधिक पारदर्शिता की मांग उठाते हुए सवाल उठाया कि अगर ऐसा है तो सरकारी कर्मचारियों से उसमें दान करने के लिए क्यों कहा गया और सरकारी वेबसाइटों पर उसमें दान करने का लिंक क्यों है? इंडिया डॉट जीओवी डॉट इन और वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले व्यय विभाग जैसी आधिकारिक सरकारी वेबसाइटों पर पीएम केयर्स में दान करने का लिंक मौजूद है। वहीं पीएम केयर्स फंड का भी डॉट जीओवी डॉट इन अधिकारिक पोर्टल है। हालांकि केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों की कई वेबसाइटों ने अब पीएम केयर्स के लिंक हटा लिए हैं। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने सरकारी कर्मचारियों से एक दिन की सैलेरी दान करने के लिए सरकार के अप्रैल 2020 के आदेश को ट्वीट करते हुए कहा कि अगर पीएम केयर्स फंड सरकार का फंड नहीं है तो ऐसे आदेश कैसे जारी हो सकते हैं? कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि यह पीएम द्वारा पीएम का और पीएम के लिए संचालित फंड है। प्रधानमंत्री के नाम वाला फंड सरकारी फंड नहीं है? लोगों की बुद्धिमत्ता से अजीब मजाक है। -अनिल नरेन्द्र

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