Friday, 24 September 2021

गुजरात के कच्छ मुंद्रा पोर्ट में आई 3000 किलो हेरोइन

अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत आने के बाद नशे के कारोबार का ठिकाना भारत को बनाने की साजिश का बड़ा मामला सामने आया है। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने गुजरात के कच्छ के मुंद्रा पोर्ट से 3000 किलो हेरोइन जब्त की है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 21 हजार करोड़ रुपए बताई जा रही है। यह देश में ड्रग की सबसे बड़ी बरामदगी तो है ही, साथ ही अफगानिस्तान में तालिबानी कब्जे के बाद दुनिया में ड्रग्स की खेप की सबसे बड़ी जब्ती है। डीआरआई के मुताबिक ड्रग्स दो कंटेनरों से जब्त किया गया है। एक में 2000 किलो और दूसरे में 1000 किलो हेरोइन है। जब्त की गई हेरोइन को बीएसएफ के अधीन क्षेत्र में रखी गई है। अफगानिस्तान से रवाना यह खेप 13 सितम्बर को ईरान के बदार अब्बास बंदरगाह से गुजरात के लिए रवाना हुई थी। आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा पहुंचना था। गांधीनगर की सेंट्रल फोरेंसिक लैब ने इसे बहुत उच्च गुणवत्ता की हेरोइन बताया है। इस मामले में दिल्ली-एनसीआर से कुछ अफगान नागरिकों को हिरासत में लिया गया है। अहमदाबाद, दिल्ली, चेन्नई, गांधीनगर व मांडवी में तलाशी ली गई है। ईडी इस मामले में मनी लांड्रिंग की जांच करेगी। मुंद्रा से हेरोइन विजयवाड़ा की मैसर्स शशि ट्रेडिंग कंपनी के पते पर जानी थी। 17 सितम्बर को गिरफ्तार कंपनी के मालिक एम. सुधाकर और पत्नी-पुत्री डीआरआई की रिमांड पर हैं। कंपनी को पिछले साल काकीनाडा पोर्ट से चावल एक्सपोर्ट के लिए रजिस्टर्ड कराया गया था। कंसाइनमेंट प्लैकम स्टोन के नाम से मंगाया गया था। कंपनी का कहना है कि कंटेनर्स चेन्नई जाने थे। कंटेनरों पर बतौर एक्सपोर्ट कंधार से हुसैनी ट्रेडर्स का नाम दर्ज है। इस बीच अडानी पोर्ट के प्रवक्ता ने कहा कि पोर्ट में कंटेनरों की जांच पोर्ट संचालक कंपनी नहीं, सक्षम एजेंसियां ही कर सकती हैं। छह जून 2021 से लेकर 19 जुलाई तक भारत में करीब सवा सौ करोड़ की उच्च दर्जे की 18 किलो हेरोइन पकड़ी गई थी। अब करीब 3000 किलो हेरोइन का पकड़ा जाना विशेषज्ञों की इस आशंका को साबित करता है कि अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन के बाद ड्रग्स तस्करी में बेतहाशा बढ़ोत्तरी होगी। भास्कर से खास चर्चा में दुनिया की जानी-मानी काउंटर नारकोटिक्स विशेषज्ञ वैंडा फेलबाब ब्राउन ने बताया कि अफगानिस्तान में तालिबान खुद अफीम और हेरोइन की तस्करी से जुड़ा है। गृहयुद्ध से बचने के लिए और विदेशी मदद के अभाव में तालिबान अब ड्रग्स टेड को कई गुना बढ़ा सकता है। विशेषज्ञ इतनी बड़ी मात्रा में हेरोइन पकड़े जाने के अर्थ को समझने की कोशिश में जुटे हैं। टेलकम पाउडर के नाम पर कंधार से आई 21 हजार करोड़ रुपए की हेरोइन अडानी पोर्ट पर पकड़ी जानी सनसनीखेज तो है ही पर पता नहीं इससे पहले कितनी हेरोइन की खेप अडानी पोर्ट पर उतर चुकी है। इस मामले की बारीकी से जांच होनी चाहिए। इस जांच में अडानी पोर्ट के अधिकारियों की भी जांच होनी आवश्यक है।

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