Wednesday, 29 September 2021
हाथ-पैर काटने की सजा शुरू करेगा तालिबान
अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने अमानवीय तौर-तरीकों की फिर शुरुआत कर दी है। जेल मंत्री मुल्ला नूरुद्दीन तुराबी ने ऐलान किया है कि अपराधियों के हाथ-पैर काटने की सजा तय की गई है। इस बार शरीया के तहत सजा को सार्वजनिक रूप से नहीं दिया जाएगा। तुराबी ने कहा कि इस प्रकार से सार्वजनिक सजा देने पर लोगों में किसी प्रकार का कोई विरोध नहीं है। उसने चेताया कि सजा के इस तरीके पर दुनिया का कोई देश दखल न दे। क्योंकि यह इस्लाम और कुरान से जुड़ा मसला है। जब हम बाकी दुनियाभर के विभिन्न देशों में सजा देने के तौर-तरीकों में दखल नहीं देते हैं तो किसी भी देश को यह हक नहीं है कि वो हमारे यहां के कानून-कायदों में किसी प्रकार का दखल दे। तुराबी का कहना है कि फिलहाल कुछ मामलों में महिला जजों की भी नियुक्ति की जा सकती है, लेकिन सजा देने का आधार इस्लामी कानून ही रहेगा। लगभग 60 साल का तुराबी पहले भी तालिबान सरकार में कानून मंत्री रह चुका है। 1980 के दशक में सोवियत सेनाओं से संघर्ष के दौरान अपनी एक आंख और एक पैर गंवा चुका तुराबी तालिबान के संस्थापकों में से एक है। पिछली सरकार में सार्वजनिक सजा शुरू करने के पीछे उसका ही हाथ था। उसने कहाöअपराधी के हाथ-पैर काटने से अपराध का दोहराव नहीं होता है। कानून का भय बना रहता है।
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