Thursday, 30 September 2021

रोहिणी शूटआउट ः मौके पर चार शूटर थे

रोहिणी कोर्ट में शूटआउट की डिटेल्स धीरे-धीरे सामने आ रही है। हमलावर आई10 कार पर वकील का कोर्ट का स्टीकर लगाकर कोर्ट परिसर में घुसे थे। इसलिए उन्हें कोर्ट में प्रवेश करने में कोई परेशानी नहीं हुई। साथ ही वकील की पोषाक भी पहन रखी थी। स्पेशल सेल ने विनय और उमंग की गिरफ्तारी के साथ ही इनकी कार को जब्त कर लिया है। उमंग ने तो लॉ की प्रैक्टिस भी कर रखी थी और उसके पास वकील की ड्रेस पहले से ही मौजूद थी। वह भी कोर्ट ड्रेस में कोर्ट में गया था। स्पेशल सेल के अधिकारियों के अनुसार कोर्ट के बाद उमंग कार लेकर सीधा अपने घर गया। शूटआउट से पहले उसने दाढ़ी बढ़ा रखी थी। घर जाते ही उसने पुलिस से बचने के लिए दाढ़ी काट ली। इसके बाद वह घर में ही रहा। स्पेशल सेल में तैनात इंस्पेक्टर विनोद बडौला की टीम ने उमंग को शूटआउट के कुछ समय बाद ही पकड़ लिया था। हैदरपुर में रहने वाले उमंग ने बीए के बाद एलएलबी करना शुरू किया था। चौथे साल में वह फेल हो गया था, इसलिए उसने लॉ छोड़ दी थी। अब पता लगा है कि रोहिणी कोर्ट में गैंगस्टर जितेंद्र उर्फ गोगी की हत्या के लिए चार शूटर पहुंचे थे। इन सभी को गोगी को ठिकाने लगाने के बाद जज साहब के सामने सरेंडर करना था। लेकिन एक बदमाश के पास वकील की यूनिफॉर्म में शामिल काली पैंट नहीं होने के कारण ऐन वक्त योजना बदलनी पड़ी थी। बदली योजना के तहत दो बदमाश कोर्ट के बाहर कार में रुक गए थे जबकि दो शूटर ही अंदर दाखिल हुए जो वारदात के दौरान मारे गए। मामले में गिरफ्तार आरोपियों उमंग यादव और विनय यादव ने पूछताछ में उक्त खुलासे किए हैं। गिरफ्तार बदमाश उमंग दो वर्षों से टिल्लू गैंग से जुड़ा है। जबकि विनय इसका करीबी साथी है। दोनों आरोपी कोर्ट रूम में मारे गए। मेरठ निवासी राहुल त्यागी उर्फ नितिन और सोनीपत निवासी जगदीप उर्फ जग्गा को वारदात से पूर्व आई10 कार से कोर्ट लेकर आए थे। दोनों के रहने का इंतजाम भी उन्होंने ही किया था। आरोपी विनय ने वारदात वाले दिन शूटरों के फोन व कपड़ों को ठिकाने लगाया था। मारे गए शूटर कोर्ट से तीन किलोमीटर दूर हैदरपुर में आरोपी उमंग यादव के फ्लैट में रुके हुए थे। यहां से उन्होंने तीन दिनों तक कोर्ट की रेकी की थी। आरोपी उमंग कार से आरोपियों के साथ कोर्ट पहुंचा था। लेकिन विनय के पास वकील की पूरी यूनिफॉर्म नहीं होने से उमंग भी उसके साथ कोर्ट के बाहर ही रुक गया था। योजना तो यह थी कि चारों शूटरों को वकीलों की वेशभूषा में कोर्ट रूम में जाना था और गोगी की हत्या के बाद जज साहब के सामने सरेंडर करना था। गड़बड़ी यह हुई कि एक मॉल से चारों आरोपियों के लिए वकील की ड्रेस खरीदी गई लेकिन विनय के लिए काली पैंट की व्यवस्था नहीं हो पाई थी। ऐसे में मौके पर ही योजना बदलनी पड़ी। मौके पर बने प्लान में तय हुआ कि कोर्ट रूम में दो ही शूटर जाएंगे और दो बाहर कार में उनका इंतजार करेंगे। दोनों शूटरों को गोगी की हत्या के बाद सरेंडर करने की बजाय भागकर कार तक पहुंचना था। बदमाश उमंग और विनय कोर्ट के बाहर शूटरों का इंतजार करते रहे। लेकिन अचानक कोर्ट में अफरातफरी मच गई। पता चला कि दोनों शूटरों को पुलिस कमांडो ने मार गिराया है। इसके बाद उमंग और विनय वहां से फरार हो गए।

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