Saturday, 25 September 2021

पंजाब में आप व भाजपा को चुनावी रणनीति बदलनी पड़ेगी

पंजाब में कांग्रेस द्वारा दलित मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद आगामी विधानसभा चुनावों के लिए आम आदमी पार्टी और भाजपा को नए सिरे से रणनीति बनाने पर मजबूर हो सकते हैं। पहले बात करते हैं आम आदमी पार्टी (आप) की। अब उसे दलित वोटरों को आकर्षित करने के लिए नए सिरे से अपनी चुनावी रणनीति का निर्धारण करना पड़ सकता है। क्योंकि पंजाब में दलितों के मत बेहद अहम हैं। राज्य में करीब 32 प्रतिशत दलित मतदाता हैं। दलितों को लुभाने के लिए आप ने सत्ता में आने पर दलित उपमुख्यमंत्री बनाए जाने का दांव चला था। इसी प्रकार की घोषणा शिरोमणि अकाली दल ने भी की थी। इसी रणनीति के तहत उसने बसपा के साथ चुनावी गठबंधन भी किया था, लेकिन कांग्रेस ने दोनों दलों की रणनीति पर पानी फेर दिया है। जानकारों का कहना है कि राज्य में मुख्य टक्कर कांग्रेस और आप में होने की संभावना है इसलिए असल झटका भी आप को ही लगा है। कांग्रेस ने इस कदम से दलितों में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश की है जबकि आप समेत दूसरे दलों को रणनीति बदलनी होगी। पिछले चुनाव में भी बड़े पैमाने पर दलित वोट कांग्रेस को मिले थे और ज्यादातर आरक्षित सीटें भी उसने जीत ली थीं। अब दलित को मुख्यमंत्री बनाने से उसका प्रदर्शन दलित सीटों पर पहले से बेहतर होने की उम्मीद की जा सकती है। वहीं भाजपा कांग्रेस के नेतृत्व परिवर्तन पर बारीकी से नजर रखे हुए है। कांग्रेस-अकाली दल-बसपा गठबंधन के साथ चतुर्ष्योकोणीय संघर्ष बनाने के लिए भाजपा की तरफ से जल्दी ही नई रणनीति सामने आ सकती है। पार्टी का फोकस गैर-सिख समीकरण और शहरी क्षेत्रों में ज्यादा केंद्रित रह सकता है साथ ही किसानों को उपज बेचने के लिए मिलने वाले एमएसपी पर बड़ा फैसला आने की उम्मीद है। पंजाब में चुनावी घमासान में अकाली दल से गठबंधन टूटने के बाद भाजपा को अपनी जमीन बचाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। राज्य की अधिकांश सीटों पर उसने लंबे समय से चुनाव नहीं लड़ा है। किसान आंदोलन का भी भाजपा को नुकसान उठाना पड़ सकता है। ऐसे में उसको हर विधानसभा सीट के लिए चुनावी टीम भी खड़ी करनी पड़ सकती है। राज्य में मौजूदा हालात में भाजपा चौथे नम्बर पर है और उसे कोई खास तवज्जो भी नहीं मिल रही है। हालांकि भाजपा के नेताओं का सोचना अलग है। उनका दावा है कि भाजपा की जमीन दिनोंदिन मजबूत हो रही है। देखते हैं आने वाले दिनों में पंजाब की सियासत क्या करवट लेती है।

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