Saturday, 18 November 2023

अडाणी की वजह से ममता मेहरबान

तृणमूल कांग्रोस की प्रामुख ममता बनजा गौतम अडाणी से दूरी दिखाने के लिए अब महुआ मोइत्रा के प्राति अपने रुख में नरमी लाईं हैं। उन्हें जिला अध्यक्ष बनाया गया है और आगे लोकसभा का फिर से टिकट भी देंगी। अडाणी बंगाल में कोल ब्लॉक के लिए प्रायासरत है, इसका भाकपा और स्थानीय संस्थाएं विरोध कर रहे हैं। वीरभूम जिले में देउचा पचामी कोयला ब्लॉक दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कोयला ब्लॉक है जिसमें लगभग 1,198 मिलियन टन कोयला और 1,400 मिलियन टन बेसाल्ट है। अडाणी की इसी पर नजर है। इस कोयला ब्लॉक से बड़ी तादाद में आदिवासी प्राभावित होंगे। ऐसी समस्याएं व्यक्त की जा रही हैं कि अडाणी को ही कोयला ब्लॉक मिलेगा, इसलिए राजनीतिक दल और आदिवासी संगठन विरोध कर रहे हैं। ऐसे में तृणमूल कांग्रोस को लगा कि अगर वह महुआ मोइत्रा के खिलाफ कार्रवाईं करती हैं तो देश में यह संदेश जाएगा कि उसने अडाणी का विरोध करने वाली सांसद का साथ नहीं दिया। महुआ अक्सर अडाणी पर हमलावर रहती हैं। ये ही वजह है कि तृणमूल कांग्रोस ने अडाणी से दूरी दिखाने के लिए अब अपनी सांसद महुआ मोइत्रा के प्राति नरम रुख कर लिया है। पाटा ने उन्हें संगठन में जगह देते हुए वृष्णानगर का जिलाध्यक्ष बनाया है। आगे लोकसभा का टिकट भी देंगी। संसद में घूस लेकर सवाल पूछने के मामले में जब तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ आरोप लगे थे तो पाटा ने उनसे दूरी बना ली थी। इस बीच तृणमूल कांग्रोस की प्रामुख ममता बनजा ने अपनी सांसद के बचाव में एक शब्द नहीं बोला। पहले तृणमूल कांग्रोस की लाइन यही थी कि जिस सांसद पर आरोप लगे हैं वही अपना बचाव करे। इस वजह से विपक्षी दलों ने भी महुआ मोइत्रा से मुंह मोड़ लिया। एक तरह से महुआ मोइत्रा अकेली पड़ गईं थीं। लोकसभा की समिति ने लोकसभा अध्यक्ष को तृणमूल कांग्रोस सांसद महुआ की सदस्यता छीनने की सिफारिश की है। इस सिफारिश को पाटा अब पक्षपातपूर्ण मुद्दा मानती है। समिति में वैप्टन अमरिदर सिह की पत्नी और निलंबित सांसद परनीत कौर ने महुआ के खिलाफ वोट दिया था जिससे बहुमत महुआ के खिलाफ रहा। महुआ ने अपनी नईं नियुक्ति के लिए पाटा नेतृत्व को धन्यवाद दिया है। सांगठनिक जिम्मेदारी देने के पीछे वुछ लोगों का मानना है कि इससे यह संदेश गया है कि पाटा महुआ के साथ है। एक अन्य वर्ग के मुताबिक अगर महुआ को सजा के तौर पर अगले लोकसभा चुनाव में खड़ा नहीं किया गया तो पाटा उनका संगठन में इस्तेमाल कर सकती है। सत्तारुढ़ दल ने एक प्राशासनिक जिले को कईं संगठनात्मक जिलो में विभाजित कर दिया है। इससे पहले महुआ नादिया जिले की अध्यक्ष थीं, लेकिन जब तृणमूल ने नदिया को वृष्णा नगर और राणघाट में विभाजित किया तो महुआ को संगठनात्मक जिम्मेदारी नहीं दी गईं थी। वह केवल सांसद के रूप में काम कर रहीं थीं। तृणमूल ने जिला स्तर पर बड़ा संगठनात्मक पेरबदल किया है। विभिन्न जिलों की नईं ताजपोशी से कईं प्रामुख नेताओं का नाम गायब है और कईं नए नाम जुड़े हैं। पाटा ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि वह अपनी सांसद महुआ मोइत्रा के साथ मजबूती से खड़ी है। ——अनिल नरेन्द्र

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