Thursday 9 November 2023

इस भयानक जंग की कीमत चुकाते बच्चे व महिलाएं

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ), यूनाइडेट नेशंस रिलीफ एंड वर्क्‍स (यूएनआरडब्ल्यूए) ने चेतावनी दी है कि गाजा में महिलाएं, बच्चे और नवजात शिशु कब्जे वाले फिलिस्तीन क्षेत्र में बढ़ती शत्रुता का बोझ सबसे ज्यादा उठा रहे हैं। फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए एजेंसी यूएनआरडब्ल्यूए संयुक्त राष्ट्र यौन और प्रजनन स्वास्थ्य एजंेसी (यूएनएफपीए) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार 3 नवम्बर तक फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार गाजा पट्टी में 2326 महिलाएं और 3760 बच्चे मारे जा चुके हैं जो वुल हताहतों का 67 प्रतिशत है जबकि हजारों लोग घायल हैं। ताजा आंकड़ों के अनुसार अनुमान है कि अब तक गाजा पट्टी में और वेस्ट बैंक में 20,000 से ज्यादा के मरने की आशंका है। इसका मतलब है कि हर दिन 420 बच्चे मारे जाते हैं या घायल होते हैं, उनमें से वुछ तो केवल वुछ महीनों के होते हैं। बमबारी, क्षतिग्रस्त या निष्व्रिय स्वास्थ्य सुविधाएं, बड़े पैमाने पर विस्थापन, पानी और बिजली की आपूर्ति में गिरावट के साथ-साथ भोजन और दवाओं तक की सीमित पहुंच, मातृ, नवजात और बाल स्वास्थ्य सेवाओं को गंभीर रूप से बाधित कर रही है। गाजा में अनुमानित 50,000 गर्भवती महिलाएं हैं, जिनमें से 180 से अधिक प्रतिदिन बच्चे को जन्म देती हैं। उनमें से 15 प्रतिशत को विभीषका या जन्म संबंधी जटिलताओं का अनुभव होने की संभावना है और उन्हें अतिरिक्त चिकित्सा, देखभाल की सख्त जरूरत है। ये महिलाएं सुरक्षित रूप से जन्म देने और अपने नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए आवश्यक आपातकालीन प्रसूति सेवाओं तक पहुंचने में असमर्थ हैं। 14 अस्पतालांे और 45 प्राथमिक सुविधा देखभाल केन्द्रों के बंद होने के कारण वुछ महिलाओं को आश्रयों में अपने घरों में जन्म देना पड़ रहा है। जहां स्वच्छता की स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है। संव्रमण और चिकित्सा जटिलताओं का खतरा बढ़ रहा है। स्वास्थ्य सुविधाएं भी बम बारी की चपेट में आ रही हैं। 1 नवम्बर को अल हिलो अस्पताल जो कि एक महत्वपूर्ण प्रसूति अस्पताल है पर गोलीबारी की गईं। यूएनआरडब्ल्यूए के प्रारंभिक आंकलन के अनुसार 4600 विस्थापित गर्भवती महिलाओं को और 300 नवजात शिशुओं को चिकित्सा व देखभाल की सख्त आवश्यकता है। तीव्र संव्रमण के 22,500 से अधिक मामले और डायरिया के 12,000 मामले पहले ही सामने आ चुके हैं, जो वुपोषण की दर को देखते हुए विशेष रूप से चिंताजनक हैं। 7 अक्टूबर के बंद से गाजा पट्टी में बहुत कम ईंधन आया है। अस्पतालों, जल संयंत्रों और बेकरियों को सहायता जारी रखने में सक्षम होने के लिए सहायता एजेंसियों को तुरंत ईंधन प्राप्त कराना चाहिए। पीड़ा को कम करने और निराशाजनक स्थिति को विनाशकारी बनने से रोकने के लिए तत्काल मानवीय विराम की आवश्यकता है। संघर्ष के सभी पक्षों को अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत अपने दायित्वों का पालन करना चाहिए। सभी बंधकों को बिना किसी देरी या शर्त के रिहा किया जाना चाहिए। विशेष रूप से सभी पक्षों के बच्चों, महिलाओं को नुकसान से बचाना चाहिए। बच्चे, महिलाएं और वृद्ध इस जंग की कीमत चुका रहे हैं।

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