Thursday 16 November 2023

डीप पेक वीडियो की भरमार

बॉलीवुड एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना आजकल चर्चा में हैं और उनके साथ डीप पेक तकनीक को लेकर भी एक नईं बहस छिड़ गईं है। पुष्पा जैसी कामयाब फिल्मों से अलग पहचान बनाने वाली रश्मिका मंदाना की चर्चा फिलहाल एक वायरल वीडियो को लेकर हो रही है। डीप पेक वीडियो के जरिए तैयार इस वीडियो में नजर आ रही एक महिला को रश्मिका मंदाना की तरह दिखाने की कोशिश की गईं है। रश्मिका मंदाना ने इसे लेकर दुख जाहिर किया है और जल्दी से जल्दी इसका समाधान तलाशने की अपील की है जिससे किसी और को उनके जैसी तकलीफ न छेलनी पड़े। रश्मिका मंदाना ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा : ईंमानदारी से ऐसा वुछ भी कहना डरावना है, न सिर्प मेरे लिए बल्कि हम सभी के लिए। उन्होंने आगे लिखा कि आज तकनीक का जिस तरह से दुरुपयोग हो रहा है, उससे सिर्प उन्हें ही नहीं बल्कि तमाम दूसरे लोगों को भी भारी नुकसान हो सकता है। आज एक महिला और एक्टर होने के नाते मैं अपने परिवार, दोस्तों और शुभचिंतकों की शुव्रगुजार हूं जो मेरे रक्षक और सपोर्ट सिस्टम हैं। लेकिन अगर ऐसा वुछ तब होता जब मैं स्वूल या कॉलेज में थी तो सच में यह कल्पना नहीं कर सकती हूं कि तब मैंने इसका कैसे सामना किया होता। वहीं केन्द्रीय (राज्य प्रसार) मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने कहा है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि किस इंर्फोमेशन को उनके प्लेटफार्म पर शेयर की जाए। अभिनेत्री रश्मिका मंदाना का डीप पेक वीडियो का पैक्ट चैक करने वाले एक शख्स ने दी है। पैक्ट चेकिग वेबसाइट आहट न्यूज से जुड़े एक्सपर्ट ने एक्स पर बताया कि ये वीडियो डीप पेक तकनीक का इस्तेमाल करके बनाया गया है और वीडियो में दिखने वाली महिला रश्मिका मंदाना नहीं हैं। डीप पेक क्या है? डीप पेक एक तकनीक है। जिसमें एआईं का उपयोग करके वीडियो, छवियों और ऑडियो में हेर-पेर किया जा सकता है। इस तकनीक की मदद से किसी दूसरे व्यक्ति की फोटो या वीडियो पर किसी और का चेहरा लगाकर इसे बदला जा सकता है। सरल भाषा में कईं तो इन तकनीक में एआईं का इस्तेमाल करके डीप पेक वीडियो बनाईं जा सकती है जो देखने में रियल लगती है। लेकिन होती पेक है इसी कारण इसका नाम डीप पेक रखा गया। रिपोर्ट के मुताबिक इस शब्द का प्रचलन 2017 में शुरू हुआ जब एक रेडिट यूजर ने अश्लील वीडियो में चेहरा बदलने के लिए इन तकनीक का उपयोग किया था। बाद में रेडिट ने डीप पेक पॉर्न को बैन कर दिया था। डीप पेक बेहद पेचीदा तकनीक है। इसके लिए मशीन लर्निग यानी कम्प्यूटर में दक्षता होनी चाहिए। डीप पेक वंटेट दो एल्गोरिदम का उपयोग करके बनाईं जाती है जो एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करती है। एक को डिकोडर कहते हैं तो दूसरे को एनकोडर। इनमें पेक डिजिटल वंटेट बनाता है और डिकोडर ये पता लगाने को कहता है कि वंटेट रियल है या नकली? हर बार डिकोडर वंटेट को रियल या पेक के रूप में सही ढंग से पहचानता है, फिर वह उस जानकारी को एनकोडर को भेज देता है ताकि अगले डीप पेक में गलतियां सुधार कर उसे और बेहतर किया जा सके। पोर्नोग्राफी में इस तकनीक का काफी इस्तेमाल होता है। अभिनेता और अभिनेत्री का चेहरा बदल के अश्लील वंटेट पोर्न साइट्स पर पोस्ट किया जाता है। डीप व पेक की रिपोर्ट के अनुसार 2019 में ऑनलाइन पाए गए डीप पेक वीडियो में 96 प्रतिशत अश्लील वंटेट था। डीप पेक वंटेट में कलरिंग को देखकर भी पता लगाया जा सकता है कि तस्वीर में या वीडियो में छेड़छाड़ की गईं है। अक्सर लोग डीप पेक तकनीक में पेस और आंख की पोजिशन में मात खा जाते हैं।

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