Friday, 3 November 2023
आतंकी खतरों का अंत नहीं हुआ है
तमाम दावों के बावजूद जम्मू-कश्मीर में आतंकी खतरों का अंत नहीं हो रहा है। पिछले तीन दिनों में तीसरा आतंकी हमला कश्मीर घाटी में हुआ। जम्मू-कश्मीर के बारामुला जिले में मंगलवार को आतंकवादियों ने एक पुलिसकमा की गोली मारकर हत्या कर दी।
कश्मीर घाटी में पिछले तीन दिनों में यह इस तरह का तीसरा आतंकवादी हमला है। सोमवार को आतंकवादियों ने गोली मारकर उत्तर प्रादेश के एक मजदूर की हत्या कर दी थी। जबकि रविवार को एक आतंकवादी ने एक पुलिस अधिकारी को निशाना बनाया था। मंगलवार को हुए इस हमले के बारे में अधिकारियों ने बताया हैड कांस्टेबल गुलाम मोहम्मद डार को जिले के पहन इलाके के कालपोटा स्थित उनके आवास के बाहर आतंकियों ने गोली मार कर हत्या कर दी गईं थी। अधिकारियों ने कहा कि डार को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। रविवार को एक पुलिस अधिकारी को गोली मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया था। वहीं सोमवार को पुलवामा जिले में उत्तर प्रादेश के एक मजदूर को गोली मारकर हत्या कर दी गईं थी। यह घटना दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के तुममी नौपारो में हुईं, जब मजदूर मुकेश वुमार सब्जी खरीदने बाजार जा रहा था। अधिकारियों ने बताया कि वुमार बुनाईं उदृाोग से जुड़ा था और गोली लगने के बाद अस्पताल में मौत हो गईं। हमलों में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। इसी साल मईं में अनंतनाग जिले में आतंकियों ने एक सर्वसकमा की हत्या कर दी थी, जबकि जुलाईं में शोपियां जिले में बिहार के तीन मजदूरों को गोली मारकर घायल कर दिया गया था। इस बीच जम्मू-कश्मीर के निवर्तमान पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिह ने मंगलवार को कहा कि केन्द्र शासित प्रादेश में साजिशों और आतंकी खतरों का अंत नहीं हुआ है और यह समय शांति बनाए रखने का है। यहां एक समारोह में अपने विदाईं भाषण में उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल जम्मू-कश्मीर में काफी हद तक शांति लाने में सफल रहे हैं। पुलिस, सेना और वेंद्रीय अर्ध सैनिक बलों के अधिकारियों और कर्मियों को संबोधित करते हुए सिह ने कहा, हम शांति हासिल करने में काफी हद तक सफल रहे हैं। लेकिन यह पर्यांप्त नहीं है, जरूरत इस बात की है कि शांति कायम रखी जाए। साजिशें खत्म नहीं हुईं हैं और आतंकी धमकियां नहीं रूकी हैं। हमें सतर्व रहने के साथ ही मिलकर काम करना होगा। वर्ष 1987 बैन्च के आईंपीएस के अधिकारी दिलबाग सिह को सितम्बर 2018 में अंतरिम डीजीपी के रूप में नियुक्त किया गया था। लेकिन एक महीने बाद पूर्णकालिक पुलिस प्रामुख बना दिया गया था। आतंकी मंसूबों का मुकाबला करने के लिए हमें अपना गृह विभाग और चुस्त करना पड़ेगा। यह टारगेट किलिग बढ़ती जा रही है। चुन-चुन कर निशाना लगाया जा रहा है। जब तक हमारी इंटेलीजेंस और चुस्त नहीं होगी। इस टारगेट किलिग को रोका नहीं जा सकता। आतंकी और उनके आका अपने प्लान के मुताबिक चुन-चुन कर निशाना लगा रहे हैं और हम तमाम कोशिशों के बावजूद इन्हें रोकने में पेल हो रहे हैं।
——अनिल नरेन्द्र
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