Thursday, 16 November 2023
लोकसभा, विधानसभाओं का एक साथ चुनाव?
लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग (इलेक्शन कमिशन ऑफ इंडिया) को लगभग तीस लाख इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों (ईंवीएम) की जरूरत होगी और इसके लिए करीब डेढ़ साल का समय लगेगा। सूत्रों ने यह जानकारी दी है कि देश में एक साथ चुनाव कराने पर विचार-विमर्श तेज होने के बीच आयोग ने वुछ महीने पहले विधि आयोग को सूचित किया था कि इतनी ईंवीएम को रखने के लिए पर्यांप्त भंडारण सुविधाओं की आवश्यकता होगी। एक साथ लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव कराने के मसले पर एक रपट पर काम कर रहे हैं। विधि आयोग ने निर्वाचन आयोग के साथ उसकी जरूरतों और चुनौतियों पर बातचीत की थी। इस बातचीत से अवगत सूत्रों ने कहा कि बहुत वुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि इस तरह की कवायद कब होगी। एक राष्ट्र, एक चुनाव पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित की गईं एक उच्च स्तरीय समिति संविधान के तहत मौजूद ढांचे और अन्य वैधानिक प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव एक साथ कराने पर विचार कर रही है। सूत्रों ने बताया कि एक ईंवीएम में एक वंट्रोल यूनिट, कम से कम एक बैलेट यूनिट, एक वोटर वेरिलिएबल पेपर आडिट ट्रेल (वीवीपैट) यूनिट होता है। आयोग को एक साथ चुनाव कराने के लिए करीब 31 लाख वंट्रोल यूनिट, लगभग 43 लाख बैलेट यूनिट और लगभग बत्तीस लाख वीवीपैट की आवश्यकता होगी। लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के लिए लगभग 35 लाख वोटिंग यूनिट (वंट्रोल यूनिट), बैलेट यूनिट और वीवीपैट यूनिट की कमी है। जब वुछ राज्यों में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होते हैं तो मतदाता दो अलग-अलग ईंवीएम में अपना वोट डालते हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में 12.50 लाख मतदान केन्द्र थे। आयोग को अब इतने मतदान केन्द्रों के लिए लगभग 15 लाख वंट्रोल यूनिट, 15 लाख वीवीपैट यूनिट और 18 लाख बैलेट यूनिट की आवश्यकता है।
निर्वाचन आयोग ने एक कार्यंव्रम में फिल्म अभिनेता राजवुमार राव को अपना राष्ट्रीय आइकान नियुक्त किया है। वे आमजन को मतदान के लिए प्रेरित करेंगे।
——अनिल नरेन्
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