Thursday, 22 February 2024

तेजस्वी और राहुल गांधी की जोड़ी

शुक्रवार को कांग्रेsस नेता राहुल गांधी के साथ आरजेडी के तेजस्वी यादर भी भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल हुए। राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान गुरुवार को दूसरी बार बिहार पहुंचे थे। पिछले महीने यानि जनवरी में भी राहुल गांधी दो दिनों के लिए बिहार के सीमाचंल इलाके में पहुंचे थे। उस दौरान 29 जनवरी को आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और 30 जनवरी को तेजस्वी यादव को ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया था। शुक्रवार को रोहतास में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में तेजस्वी यादव ने इस बात का जिक्र और दावा भी]िकया कि उन्हें राहुल गांधी की सभा में शामिल होने से रोकने के लिए ही प्रवर्तन निदेशालय ने घंटों पूछताछ के लिए बैठा रखा था। यानि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में 16 फरवरी को पहली बार राष्ट्रीय जनता दल का कोई शीर्ष नेता शामिल हुआ है। बिहार में पिछले महीने 28 जनवरी को ही नीतीश कुमार ने महागठबंधन का साथ छोड़कर एनडीए से हाथ मिला लिया था। इस तरह से बिहार में आने वाले लोकसभा चुनावों में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के सामने बड़ी चुनौती होगी। बिहार विधानसभा में नीतीश सराकर के फ्लोर टेस्ट के दौरान तेजस्वी यादव ने दावा किया था कि वो बिहार में नरेन्द्र मोदी को रोक कर दिखाएंगे। बिहार ने साल 2020 sमें हुए विधानसभा चुनावों में आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी (75 सीटें) बनकर उतरी थी। तेजस्वी यादव ने लालू प्रसाद यादव के बिना ही खुद को और पार्टी के बिहार में ताकतवर बनाए रखा है। लालू औ तेजस्वी को हमेशा से बिहार के एक वर्ग की सहानुभूति मिली है। मुस्लिम, यादव और मंडल समर्थकों का वर्ग है जो लालू के साथ खड़ा है। लालू को सजा हुई तो उसमें भी लालू के समर्थक उनके साथ खड़े नजर आए। यह इतना बड़ा समर्थन है की बिहार में बीजेपी आज तक अकेले लालू को हटा नहीं पाई है। बिहार में यह समर्थन अब तेजस्वी के साथ है। तेजस्वी के साथ जातीय समीकरण के अलावा भी युवाओं का एक वर्ग नजर आता है और नीतीश के पाला बदलने से उनकी सहानुभूति तेजस्वी के साथ बड़ी है। बिहार में राहुल गांधी ने तेजस्वी यादव को ड्राइविंग सीट दे दी है और यह कहा जाता है कि बिहार में तेजस्वी यादव किसी भी गठबंधन के लिए बड़ी चुनौती होंगे। विधानसभा चुनाव में तेजस्वी के सामने बूढ़ा घोड़ा या थका हुआ घोड़ा हो सकता है। जब]िक लोकसभा चुनाव में राहुल और मोदी है। मोदी के लिए यह तीसरा चुनाव होगा। इस]िलए उनके लिए भी यह चुनाव बहुत आसान नहीं होगा। माना जाता है कि बिहार में जेडीयू के विपक्षी गठबंधन से निकलने के बाद कांग्रेsस और आरजेडी मिलकर सेक्यूलर और मुस्लिम वोटों का विभाजन रोक सकते हैं। जातिगत सर्वे के मुताबिक राज्य में 17 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम आबादी है। तेजस्वी और राहुल की मुलाकात की एक खास तस्वीर में राहुल गांधी और तेजस्वी एक ही गाड़ी में सवार हैं और ड्राइविंग सीट पर तेजस्वी यादव हैं। यह एक सांकेतिक तस्वीर है कि बिहार में विपक्ष का नेतृत्व तेजस्वी करेंगे और कांग्रेस सहयोगी की भूमिका में होगी। यही नहीं विपक्ष के इंडिया गठबंधन में हाल में जो कुछ हुआ उससे सबक लेते हुए कांग्रेस तेजस्वी यादव को काफी महत्व और सम्मान भी देती दिख रही है। तेजस्वी और हालु दोनों इस बात की एहमियत जानते हैं कि बिहार में युवाओं के लिए रोजगार एक बड़ा चुनावी मुद्दा बन सकता है। राहुल ने सेना में अगेन वोट का मुद्दा उठाया। राहुल-तेजस्वी की जोड़ी क्या गुल खिलाती है।

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