लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव को लेकर सियासी गतिविधियां तेज हो गई हैं। माना जा रहा है कि तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) स्पीकर का पद चाहती है। एनडीए में शामिल जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने स्पीकर पद के लिए भाजपा उम्मीदवार का समर्थन करने की बात कही है। वहीं शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता संजय राउत ने रविवार को कहा कि अगर सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार खड़ा करती है तो विपक्षी गठबंधन (इंडिया) के सभी सहयोगी उसके समर्थन सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे। उधर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि लोकसभा का नया अध्यक्ष कौन होगा, इसका निर्णय राजनीतिक दल मिलकर करेंगे। इसका फैसला उनके हाथ में नहीं है और इस बारे में उनकी कोई भूमिका नहीं है। राउत ने मुंबई में पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव महत्वपूर्ण होगा और अगर भाजपा को यह पद मिलता है तो वह सरकार का समर्थन करने वालों दलों, तेदेपा, जद (यू) तथा चिराग पासवान व जयंत चौधरी के राजनीतिक संगठनों को तोड़ देगी। उन्होंने दावा किया, हमें अनुभव है कि भाजपा उन लोगों को धोखा देती है जो उसका समर्थन करते हैं। शिव सेना और एनसीपी के उदाहरण हमारे सामने हैं। राउत ने कहा, मैंने सुना है कि तेदेपा अपना उम्मीदवार खड़ा करना चाहती है। अगर ऐसा होता है तो इंडिया गठबंधन के सहयोगी इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे और यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे कि विपक्षी गठबंधन के सभी सहयोगी तेदेपा को समर्थन दें। नियम के मुताबिक विपक्ष को उपाध्यक्ष का पद मिलना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि राजग सरकार स्थिर नहीं है। लोकसभा चुनाव के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कुछ नेताओं द्वारा भाजपा के बारे में दिए गए हालिया बयानों के बारे में पूछे जाने पर राउत ने कहा कि अगर आरएसएस अतीत की गलतियों को सुधारना चाहती है तो यह अच्छा है। हम घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं। राउत ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) संसदीय दल की बैठक में चुना गया था। न कि भाजपा संसदीय दल की बैठक में। भाजपा संसदीय दल की बैठक नहीं हुई। अगर भाजपा संसदीय दल की बैठक में नेतृत्व का मुद्दा आता तो नतीजे अलग हो सकते थे। इसलिए राजग संसदीय दल की बैठक में मोदी को नेता चुना गया। सरकार के गठन के बाद अब केन्द्र ने जहां एक तरफ कामकाज शुरू कर दिया है तो वहीं कई रणनीतियों को लेकर बैठकों का दौर भी जारी है। इसी कड़ी में रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के घर संसद सत्र को लेकर बड़ी बैठक हुई। बैठक में जेपी नड्डा, अश्विनी वैष्णव, किरण रिजिजू, ललन सिंह, चिराग पासवान मौजूद रहे। सवाल है कि इस बैठक का एजेंडा और वजह क्या थी? कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव जीतकर एनडीए ने सरकार तो बना ली है। नरेन्द्र मोदी तीसरा बार पीएम बन गए हैं और कैबिनेट मंत्रियों के पोर्ट फोलियो भी बन चुके हैं। अब बचा है एक आखिरी काम, लोकसभा स्पीकर का चयन। भाजपा नेताओं और एनडीए के लिए ये भी किसी चुनौती से कम नहीं है। उल्लेखनीय है कि पिछली बार ओम बिरला ने स्पीकर की गद्दी संभाली थी, क्या वही इस बार भी यह कुर्सी संभालेंगे? मौजूदा सरकार में अभी इस गद्दी पर कौन काबिज होगा, उसका चयन नहीं हो सका है। फैसला जल्द करना होगा क्योंकि सत्र जल्द ही शुरू हो रहा है।
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