Thursday 13 June 2024

स्मृति ईरानी के हारने की वजह


लोकसभा चुनाव को लेकर सबसे चौंकाने वाले परिणाम उत्तर प्रदेश के रहे। इंडिया गठबंधन ने सारे अनुमान और एग्जिट पोल को गलत साबित कर दिया और भाजपा के अकेले पूर्ण बहुमत हासिल करने की राह में रोड़ा डाल दिया। वैसे तो उत्तर प्रदेश की कई सीटों पर एनडीए और इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी के बीच कई रोचक चुनाव देखने को मिले पर इस बार राज्य में एक सीट ऐसी थी जिस पर चुनाव शुरू होने से पहले से लेकर आने वाले परिणाम तक सभी की नजरें टिकी हुई थीं। यह थी अमेठी की सीट। जहां कांग्रेस के पुराने कार्यकर्ता नेता किशोरी लाल शर्मा ने भाजपा सरकार की बड़बोली अहंकारी मंत्री स्मृति ईरानी को एक लाख 66 हजार से ज्यादा मतों से हराया। इंडिया गठबंधन खासकर प्रियंका गांधी ने किशोरीलाल शर्मा को चुनाव जिताने के लिए पूरी ताकत लगा दी थी। प्रियंका गांधी ने न केवल रायबरेली में बड़े भाई राहुल गांधी के लिए पूरी मेहनत की बल्कि अमेठी में किशोरी लाल के लिए भी उतनी मेहनत के साथ काम किया। स्थानीय लोगों का कहना है कि स्मृति ईरानी ने 2019 में जब राहुल गांधी को हराया था। उसके बाद से राहुल गांधी ने अमेठी आना बंद कर दिया था। ऐसे में राजनीतिक विश्लेषकों के बीच ऐसी चर्चा भी होने लगी थी कि राहुल गांधी ने हमेशा के लिए यह सीट छोड़ दी है। नामांकन के अंतिम दिन तक सस्पेंस बनाए रखने के बाद तीन मई की सुबह इंडिया गठबंधन ने अमेठी से किशोरी लाल शर्मा को कांग्रेस का प्रत्याशी बनाया। बेशक किशोरी लाल शर्मा पिछले 40 साल से अमेठी, रायबरेली से जुड़े रहे थे पर ]िकसी को अंदाजा नहीं था कि उन्हें स्मृति ईरानी के खिलाफ उतारा जाएगा। किशोरी लाल के आने से सारा दबाव स्मृति ईरानी पर आ गया। राजनीति के जानकारों का मानना है कि अमेठी की जनता में मोदी सरकार में मंत्री स्मृति ईरानी को लेकर खासी नाराजगी भी थी। जनता में स्मृति ईरानी के व्यवहार को लेकर रोष था। स्मृति ईरानी केंद्र सरकार में मंत्री थीं लेकिन उन्होंने पिछले पांच सालों में विकास का कोई ठोस काम नहीं किया। इसके साथ-साथ महंगाई और बेरोजगारी को लेकर भी जनता ने इस बार स्मृति का साथ नहीं दिया। वहीं गौरीगंज के निवासी ने दावा किया कि स्मृति ईरानी ने कोई काम नहीं किया। जनता को इनसे बड़ी उम्मीद थी कि ये मंत्री हैं, क्षेत्र में बहुत काम होगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। स्मृति ईरानी की हार का एक कारण यह भी है कि प्रधानमंत्री ने जिस तरह से भैंसे और मंगलसूत्र जैसे बयान दिए उससे जनता में नाखुशी थी। 2019 में राहुल गांधी की हार के बाद से अमेठी की जनता क्षुब्ध थी। लोगों को अहसास हुआ कि उसने बहकावे में आकर हीरा खो दिया और प्लास्टिक की तरफ हाथ बढ़ा दिया। एक अन्य युवक ने कहा जायस कस्बे में एक महिला अस्पताल है जोकि बंद पड़ा है लेकिन कोई पूछने नहीं आया। क्षेत्र की महिलाओं के इलाज के लिए बड़ी समस्या है लेकिन स्मृति ईरानी ने सांसद रहते हुए इसके लिए कुछ नहीं किया। एमबीए के एक छात्र स्मृति ईरानी की हार की वजह गिनाते हैं। उन्होंने जनता से कनेक्ट नहीं किया। जब भी दौरे पर आती थीं वो जनता से नहीं मिलती थीं। कुछ चंद लोगों से घिरी रहती थीं। बीते पांच सालों में राहुल गांधी, सोनिया गांधी की आलोचना के सिवा उन्होंने कोई काम नहीं किया था। स्मृति ईरानी का कोई काम धरातल पर नहीं दिखा और पिछले पांच सालें में सिर्फ अमेठी की ही नहीं बल्कि पूरे देश की जनता भारतीय जनता पार्टी से ऊब चुकी है। दूसरी ओर किशोरी लाल शर्मा अमेठी के गांव-गांव तक जानते हैं और उन्होंने उनसे कभी संपर्क नहीं तोड़ा।

-अनिल नरेन्द्र

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