Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi |
Published on 24th October 2011
अनिल नरेन्द्र
भारतीयों को हमेशा से सोना सबसे ज्यादा पसंद रहा है। दुनिया में सोने की कुल खपत में से 20 फीसदी तो केवल भारत में ही है। 2011 में वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल द्वारा जारी इन आंकड़ों से जाहिर है कि भारत में सोने की खपत पिछले साल के मुकाबले 66 फीसदी बढ़ी है जबकि इस दौरान सोने के दाम में 30 फीसदी से ज्यादा का उछाल आया है। केंद्र सरकार का इस साल त्यौहार के मौसम में 700 पोस्ट ऑफिस के जरिये एक टन सोने के सिक्के और बिस्किट बेचने का लक्ष्य है जबकि निजी क्षेत्र के बड़े बैंकों में से एफएमडीएफसी का टारगेट भी लगभग इतना ही है। काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक 2010 में भारत ने सोने का 963 टन आयात किया था जबकि 2009 में 578.5 टन। इस रिपोर्ट में दुनिया के 25 ऐसे देशों का अध्ययन है, जहां सोने की खपत ज्यादा है। दुनिया में चीन सोने का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। वहां भी बतौर निवेश के इसे सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। लेकिन पिछले साल यहां सोने की खपत 580 टन थी यानि भारत की खपत का करीब 60 फीसदी। अर्थशास्त्राr इसका मुख्य कारण दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही इन दो अर्थव्यवस्थाओं में मध्य वर्ग की बढ़ी आमदनी बता रहे हैं। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट में भारत को सोने का सबसे बड़ा उपभोक्ता बताया गया है जबकि यह भी कहा गया है कि भारत में सोने की जितनी मांग है उसका उत्पादन आधा फीसदी भी नहीं है। भारत में सोने के आभूषण का कारोबार भी पिछले सालों में 25 फीसदी से बढ़कर 36 फीसदी पहुंच गया है। भारत में सोने की निवेश का रुझान इसी से समझा जा सकता है कि 2010 में 217 टन सोने के सिक्के और बिस्किट खरीदे गए। जो 2009 के मुकाबले 60 फीसदी ज्यादा थे। सिक्कों और बिस्किट की इतनी खपत के करीब सिर्प चीन और जर्मनी थे। जहां 2010 में क्रमश 180 टन और 128 टन सोने के सिक्के और बिस्किट खरीदे गए।दिल्ली में दीपावली में सोने की मांग बढ़ गई है। सोना 90 रुपये चढ़कर 27,030 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया है। चांदी की कीमत 52,600 रुपये से 600 रुपये चढ़कर 53,200 रुपये प्रति किलो हो गई। इसके अलावा, चांदी सिक्का लिवाली एवं बिकवाली 3000 रुपये उछलकर 62,000-63,000 रुपये प्रति सैकड़ा दर्ज किया गया। सोना खरीदने वालों के लिए एक खुशखबरी, अब एटीएम मशीनों में सिर्प रुपये ही नहीं बल्कि सोने और चांदी के आभूषण तथा सिक्के भी मिलेंगे। दुनिया में अपने किस्म की यह पहली मशीन आभूषणों का कारोबार करने वाली कम्पनी गीतांजलि समूह ने लगाई है। कम्पनी ने त्यौहार सीजन को ध्यान में रखते हुए अपने ग्राहकों की सुविधा के लिए यह व्यवस्था की है। कम्पनी का दावा है कि इस आविष्कारी कदम से कीमती धातुओं और आभूषणों की खरीददारी करने के तरीकों में बड़ा बदलाव आएगा। वैसे भारत में कितना सोना है इसका कोई भी अनुमान लगाना असम्भव है। हर घर में सोना है और मंदिरों में कितना बेशुमार सोना है, इसका अनुमान ही नहीं लगाया जा सकता। हजारों सालों से भारत में सोने के आकर्षण के प्रति बढ़ोतरी ही हुई है।
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