Tuesday 18 October 2011

आडवाणी की जनचेतना यात्रा को लग रहे हैं झटके


Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi
Published on 18th October 2011
अनिल नरेन्द्र
जनचेतना यात्रा पर निकले श्री लाल कृष्ण आडवाणी जब यात्रा पर निकले थे तो उन्हें यह अनुमान नहीं था कि यात्रा के आरम्भिक दौर में उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। कभी रथ में तकनीकी खराबी आ गई तो कभी पुल से गुजरने में उसे दिक्कत आ गई पर जैसे-जैसे यात्रा आगे बढ़ती गई नई-नई मुसीबतें आती गईं। पहले मध्य प्रदेश के सतना में यात्रा की अच्छी कवरेज के लिए पत्रकारों को लिफाफे में पैसे देने की घटना का पर्दाफाश हुआ और अब जमीन घोटाले में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की गिरफ्तारी से जनचेतना यात्रा को झटका लगा है। चूंकि आडवाणी जी ने अपनी जनचेतना यात्रा का मकसद भ्रष्टाचार को बनाया है, लिहाजा इन हालात में पार्टी की किरकिरी स्वाभाविक है। भ्रष्टाचार पर सख्त रुख अपनाने का संकेत देने के लिए पार्टी ने सतना से जुड़े मध्य प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री नागेन्द्र सिंह पर कड़ी कार्रवाई का मन बना लिया है। स्वयं श्री आडवाणी इस घटना से बहुत सख्त नाराज हैं। असहज आडवाणी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा को इसकी सख्त जांच के आदेश भी दिए हैं। उनके गुस्से का कारण भी है कि मध्य प्रदेश में यात्रा के दौरान भारी जन समर्थन मिलने के बावजूद इस घटना ने सारे उत्साह पर पानी फेर दिया है। आडवाणी जी ने अपनी यात्रा में सबसे ज्यादा समय मध्य प्रदेश को ही दिया है। राज्य ने इसके लिए भारी-भरकम तैयारी भी कर रखी थी। लेकिन शुरुआत में ही इस एक घटना ने सारा मजा किरकिरा कर दिया है। यात्रा की कवरेज के लिए पैसा बांटने के आरोपों में कठघरे में खड़े प्रदेश सरकार के मंत्री नागेन्द्र सिंह व सांसद गणेश सिंह ने हालांकि इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है, लेकिन अपनी सभाओं में लोगों को रिश्वत देने या लेने से परहेज करने का संकल्प दिला रहे आडवाणी को यह घटना बेहद नागवार गुजरी।
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की गिरफ्तारी ऐसे समय हुई जब आडवाणी अपनी जनचेतना यात्रा पर निकले हुए थे। येदियुरप्पा भाजपा के पहले पूर्व मुख्यमंत्री हैं जिन्हें न्यायायिक हिरासत में भेजा गया है। कर्नाटक में लोकायुक्त अदालत ने येदियुरप्पा को ऐसे मौके पर जेल भेजा है जब आडवाणी भ्रष्टाचार, काला धन, सुशासन और स्वच्छ राजनीति को लेकर अपनी यात्रा पर निकले हुए हैं। उनका रथ 30 अक्तूबर को बेंगलुरु पहुंचेगा। ऐसे में अब श्री आडवाणी समेत भाजपा नेताओं को येदियुरप्पा मामले पर उठने वाले तीखे सवालों से जूझना पड़ेगा। भाजपा अब तक 2जी, राष्ट्रमंडल खेल, कैश फॉर वोट जैसे उदाहरण देकर कांग्रेस समेत यूपीए सरकार पर तीखे हमले करती रही है। अब येदियुरप्पा के जेल जाने से कांग्रेस को हमला करने का एक मौका मिल गया है। कांग्रेस को लम्बे समय से भ्रष्टाचार के मसले पर रक्षात्मक रही को यह मौका काफी मुफीद लगा है। पार्टी ने हमला बोलने में देरी नहीं की। पार्टी प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी का कहना था कि ये उदाहरण भाजपा की कथनी और करनी में अन्तर बताते हैं। उनके सहयोगी मनीष तिवारी ने कहा कि ज्यादा उचित यह होता कि आडवाणी की भ्रष्टाचार विरोधी यात्रा पहले कर्नाटक, उत्तराखंड और पंजाब में निकाली जाती जहां भाजपा के मंत्री और पदाधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। भाजपा में आडवाणी की इस यात्रा को लेकर पहले से उत्साह नहीं था, इस घटनाक्रम के बाद पार्टी को जवाब देना मुश्किल हो रहा है, मनीष तिवारी ने कहा कि नेताओं को यह भी आशंका है कि येदियुरप्पा की गिरफ्तारी के बाद कर्नाटक में पार्टी व सरकार का संकट बढ़ सकता है। राज्य की राजनीति में येदियुरप्पा के धुर विरोधी माने जाने वाले अनन्त कुमार जनचेतना यात्रा के प्रमुख कर्ताधर्ता हैं। ऐसा न हो कि जब तक आडवाणी जी का रथ कर्नाटक में प्रवेश करे दक्षिण भारत की एकमात्र भाजपा सरकार की स्थिति डांवाडोल हो रही हो।

No comments:

Post a Comment