Wednesday 19 October 2011

सैक्स स्कैंडल में फंसे महिपाल मदेरणा की छुट्टी


Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi
Published on 19th October 2011
अनिल नरेन्द्र
नर्स भंवरी देवी के रहस्यमय परिस्थितियों में लापता होने के मामले में संदिग्ध राजस्थान के विवादित मंत्री महिपाल मदेरणा को रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निकाल बाहर किया। अशोक गहलोत ने रविवार शाम राज्यपाल शिवराज पाटिल को भेजे संचार में मदेरणा की बर्खास्तगी की सिफारिश की जिसके आधार पर राज्यपाल ने उन्हें बर्खास्त कर दिया। गहलोत ने पहले जल संसाधन मंत्री मदेरणा को राजी करने की कोशिश की लेकिन असफल रहने पर उन्होंने यह कदम उठाया। हम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा उठाए गए इस साहसी कदम का स्वागत करते हैं। जोधपुर जिले में बिलाडा के स्वास्थ्य केंद्र में काम करने वाली नर्स भंवरी देवी गत एक सितम्बर को संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गई थी। उसके पति अमर चन्द द्वारा बिलाडा थाने में भंवरी देवी के लापता होने और उसकी गुमशुदगी में राजस्थान के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री महिपाल मदेरणा का हाथ होने संबंधी मामला दर्ज करवाए गए, लेकिन पुलिस ने यह मामला दर्ज नहीं किया। इस पर भंवरी देवी के पति ने बिलाडा की सिविल अदालत में महिपाल मदेरणा के खिलाफ मामला दर्ज किया। अदालत ने 23 सितम्बर को मामले की सुनवाई करते हुए पुलिस को मदेरणा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए। नर्स भंवरी देवी (36) जोधपुर जिले के 120 किलोमीटर दूर स्थित जलीवाड़ा गांव के एक स्वास्थ्य उपकेंद्र में नियुक्त है। स्थानीय लोगों का कहना है कि वह एशो-आराम वाली जिन्दगी जीती है, साथ ही उसके गहरे राजनीतिक संबंध है। मंत्री मदेरणा से उसकी मित्रता हो गई थी। मदरेणा का भंवरी के घर आना-जाना था। बार-बार फोन करने पर भंवरी के पति अमर चन्द ने आपत्ति जताई थी। दो लड़कियां और एक लड़के की मां भंवरी कुछ स्थानीय संगीत वीडियो एलबम में भी काम कर चुकी है। गुमशुदगी के बाद पुलिस ने एक ठेकेदार सोहणा लाल विश्नोई को गिरफ्तार किया। कहा जाता है कि भंवरी ने विश्नोई को एक कार बेची थी, एक सितम्बर को उससे रुपये लेकर लौटते वह लापता हो गई।
दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मदेरणा के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने पर कुछ हद तक मजबूर थे। एक तरफ अदालत का दबाव दूसरी तरफ सीबीआई की जांच के कारण उन्हें मदेरणा को हटाने का फैसला करना पड़ा। शनिवार को गहलोत ने महिपाल को तलब किया और उनको तत्काल पद छोड़ने की सलाह दी थी क्योंकि सोमवार को हाई कोर्ट में इस मामले में महत्वपूर्ण सुनवाई होने जा रही थी वहीं सीबीआई अब महिपाल पर हाथ डालने की तैयारी में थी, लेकिन महिपाल अपने अड़ियल रवैये पर कायम रहे और इस्तीफा नहीं दिया। उल्टे रविवार को वह दिल्ली रवाना हो गए। कहा जा रहा है कि वे पार्टी आलाकमान के सामने अपना पक्ष रखना चाहते थे। पिछले करीब डेढ़ महीने से चल रहे भंवरी देवी मामले में महिपाल को मंत्रिमंडल से हटाना, अब गहलोत की मजबूरी हो गई थी। कोर्ट के आदेश के बाद भंवरी देवी मामले में महिपाल के खिलाफ हत्या और अपहरण का मामला पुलिस में दर्ज हो चुका था, सीबीआई ने मामले की जांच भी शुरू कर दी। पुलिस ने मामला दर्ज होने के बाद एक बार भी महिपाल से पूछताछ नहीं किए जाने पर राजस्थान हाई कोर्ट ने यहां तक टिप्पणी कर दी थी कि इससे ज्यादा नाकारा राजस्थान सरकार उसने अब तक नहीं देखा। दूसरी ओर कांग्रेस आलाकमान ने भी मसले को गंभीरता से लेते हुए गहलोत को दिल्ली तलब किया था, जहां वे अपनी सफाई देने पर मजबूर हो गए। दूसरी तरफ महिपाल अपने रवैये पर अड़े हुए थे तथा अपने पिता परसराम मदेरणा के जन्म दिन के बहाने अपना शक्ति प्रदर्शन भी कर चुके थे। ऐसे में महिपाल की मंत्रिमंडल से रवानगी के अलावा अशोक गहलोत के पास दूसरा कोई रास्ता नहीं बचा था। भंवरी देवी कहां है, किस हालत में है इसका अभी तक पता नहीं चल सका। वह जिन्दा भी है या नहीं इसका भी पता नहीं। उम्मीद है कि राजस्थान पुलिस और सीबीआई भंवरी देवी का अता-पता लगा लेंगे और जल्द ही पूरे मामले की सच्चाई सामने आएगी।
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