Tuesday, 11 October 2011

फारुख और उमर अब्दुल्ला दोनों ही कठघरे में

Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi
Published on 11th October 2011
अनिल नरेन्द्र
पिछले कुछ दिनों से कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सुर्खियों में हैं। कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस के एक नेता की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत पर सियासत चल रही है। सत्तारूढ़ नेशनल कांफ्रेंस के एक नेता सईद मोहम्मद यूसुफ की मौत से एक भारी विवाद खड़ा हो गया है। यूसुफ का आरोप है कि उसने नेशनल कांफ्रेंस के दो नेताओं से कुल एक करोड़ 15 लाख रुपये लिए थे। उन दो नेताओं से उक्त पैसे की एवज में सरकार में कुछ काम करवाने का वादा किया था। काम नहीं हुआ तो विवाद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला तक पहुंचा। शिकायतकर्ता और आरोपी को मुख्यमंत्री के कैम्प ऑफिस बुलाया गया। बाद में यूसुफ की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई। इस दौरान एक चश्मदीद गवाह सामने आ गया है। चश्मदीद का दावा है कि फारुख अब्दुल्ला उमर सरकार में किसी को मंत्री बनाने या विधायक बनाने के लिए पैसे वसूलते थे। घटना के चश्मदीद और नेशनल कांफ्रेंस के ही कार्यकर्ता सलमान रेशी ने न्यूज चैनलों को दिए अपने बयान में दावा किया है कि मौत से पहले उमर अब्दुल्ला और यूसुफ के बीच पैसे के लेन-देन को लेकर झगड़ा हुआ था। रेशी का कहना है कि वह पैसा एक पार्टी वर्पर ने मंत्री बनने के लिए फारुख अब्दुल्ला को दिया था। उनका दावा है कि मुख्यमंत्री निवास में उमर और यूसुफ की मुलाकात के दौरान वह मौजूद था। फारुख अब्दुल्ला ने इसका खंडन किया है। रेशी का दावा है कि जब यूसुफ उमर से मिलने गए थे तो वह ठीक थे। मुख्यमंत्री निवास से बाहर आने के बाद उनकी हालत खराब थी। रेशी ने कहा कि उस दिन उमर ने यूसुफ से पूछा कि क्या उन्हें भट्ट से पैसे मिले हैं, इसके बाद यूसुफ ने उमर से कहा कि वह उनके पास वाले कमरे में अकेले में बात करना चाहता है। उमर ने उनकी बात नहीं मानी। यूसुफ ने तब कहा कि वह इस मामले को सुलझाने के लिए फारुख अब्दुल्ला का इंतजार करना चाहते हैं।
कश्मीर के प्रमुख विपक्षी दल पीडीपी ने उमर अब्दुल्ला के त्यागपत्र की मांग करते हुए जबरदस्त हंगामा कर रखा है। आरोपों से घिरे पिता-पुत्र यानि फारुख और उमर अब्दुल्ला व उनकी पार्टी नेशनल कांफ्रेंस गठबंधन की सियासत में अलग-थलग पड़ते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस के ज्यादातर नेता जहां इस मुद्दे पर चुप हैं, वहीं कई निजी बातचीत में मुख्यमंत्री के इस्तीफे की इच्छा जाहिर कर रहे हैं। एक अन्य सहयोगी पीपुल्स डेमोकेटिक फोरम (पीडीएफ) ने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है। वहीं माकपा नेता मोहम्मद यूसुफ तारीगामी और निर्दलीय रशीद ने भी सदन में इस मामले पर बहस के लिए प्रमुख विपक्षी दल पीडीपी की मांग का समर्थन किया है। बीते तीन साल की राजनीति में शायद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने खुद को कभी इतना असहाय महसूस नहीं किया होगा, जितना मौजूदा माहौल में कर रहे हैं। रहस्यमय परिस्थितियों में मारे गए यूसुफ के परिजनों ने शनिवार को तीन तस्वीरें जारी कीं। इन तस्वीरों के माध्यम से परिजनों ने यह बताने की कोशिश की है कि यूसुफ के चेहरे पर यातना के निशान साफ नजर आ रहे हैं। एक तस्वीर यह भी दर्शाती है कि यूसुफ मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उनके पिता फारुख अब्दुल्ला का खास था। पुलिस दावा कर रही है कि यूसुफ की मौत हार्ट अटैक से हुई है जबकि श्रीनगर के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट ने मामले की जांच शुरू कर दी। इसमें तो कोई संदेह नहीं लगता कि दिवंगत नेकां कार्यकर्ता सैयद मोहम्मद यूसुफ फारुख और उमर, दोनों को करीब से जानता था। किसी न किसी लेवल पर पैसों का लेन-देन भी हुआ। सवाल इतना रह जाता है कि 30 सितम्बर को पुलिस हिरासत में यूसुफ की मौत कैसे हुई? हार्ट अटैक से या फिर...।
Anil Narendra, Daily Pratap, Farooq Abdullah, Jammu Kashmir, Umar Abdullah, Vir Arjun

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