Tuesday, 4 October 2011

2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में अनिल अम्बानी की भूमिका?


Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi
Published on 4th October 2011
अनिल नरेन्द्र
सीबीआई ने दावा किया है कि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में रिलायंस धीरुभाई अम्बानी ग्रुप के मुखिया अनिल अम्बानी की भूमिका की आगे जांच करने की जरूरत है और उन्हें क्लीन चिट नहीं दी गई। आरएडीएजी अध्यक्ष अनिल अम्बानी को क्लीन चिट दिए जाने से संबंधित खबरें आने के बाद सीबीआई ने रविवार को अपने प्रवक्ता के माध्यम से इस बारे में स्थिति स्पष्ट की है। सीबीआई ने कहा कि अनिल अम्बानी की भूमिका की जांच इसलिए भी करनी जरूरी है क्योंकि तिहाड़ जेल में बन्द उनके तीन शीर्ष अधिकारियों ने किसी भी तरह के गलत काम में शामिल होने से इंकार किया है। सीबीआई ने कहा कि रिलायंस अनिल धीरुभाई अम्बानी ग्रुप के तीन गिरफ्तार वरिष्ठ अधिकारी जांच के दौरान दिए गए अपने बयानों से मुकर गए हैं इसलिए वास्तविक लाभान्वितों का पता लगाने के लिए आगे जांच की जा रही है। सीबीआई ने कहा है कि आरएडीएजी के तीन अधिकारियों गौतम दोषी, सुरेन्द्र पीपारा और हरि नायर ने आपराधिक संहिता प्रक्रिया की 161 धारा के तहत दिए गए अपने वक्तव्य में फैसले के लिए पूरी जिम्मेदारी ली थी लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय में वे इससे मुकर गए। सीबीआई की ओर से पेश वकील केके वेणुगोपाल ने न्यायाधीश जीएस सिंघवी तथा एके गांगुली की खंडपीठ के समक्ष कहा कि उन्होंने फैसले की सारी जिम्मेदारी ली थी लेकिन उच्च न्यायालय में जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान वह बोले कि हम तो केवल कर्मचारी थे और हमें कोई लाभ नहीं मिला। सीबीआई ने अदालत को इस घोटाले में अम्बानी, टाटा ग्रुप, वीडियोकॉन के स्वामित्व वाली डेटम तथा अटार्नी जनरल जीई वाहनवती के खिलाफ विभिन्न आरोपों में अपनी जांच की विस्तृत जानकारी दी और कहा कि अनिल अम्बानी के खिलाफ जांच जारी है लेकिन उसे इस घोटाले में अन्य के खिलाफ अभियोजयता संबंधी कोई साक्ष्य नहीं है। जांच एजेंसी द्वारा दो दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में कहा गया है कि स्वान टेलीकॉम में 9.9 फीसदी शेयर के मामले को लेकर अनिल अम्बानी और अन्य कर्मचारियों की भूमिका की जांच की जा रही है। ये शेयर मारीशस की कम्पनी डेल्फी को बेचे गए थे। सीबीआई ने जांच की प्रगति के बारे में 29 सितम्बर को उच्चतम न्यायालय में प्रस्तुत `स्थिति पत्र' में कहा है कि जांच में ऐसा कोई मौखिक या लिखित सबूत नहीं मिला है जिससे लगता है कि विभिन्न कम्पनियों के पुनर्गठन और धन के हस्तांतरण में अनिल अम्बानी संलिप्त हैं। सीबीआई ने यह जवाब इस मामले में याचिका दायर करने वाले वकील प्रशांत भूषण की ओर से अदालत को दिए गए एक पत्र के जवाब में दिया। अदालत में सीबीआई ने कहा कि याचिकाकर्ता ने इस पत्र के उसकी जांच की निष्पक्षता और ईमानदारी के बारे में गलत राय पैदा करने की कोशिश की है। जनता जानना चाहती है कि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में श्री अनिल अम्बानी की सही भूमिका क्या थी? अगर सीबीआई की जांच पर शक किया जा रहा है तो इसके लिए वह खुद जिम्मेदार है जो बार-बार विरोधाभास बयान दे रही है। कभी क्लीन चिट देती है तो कभी कहती है कि आगे जांच करना जरूरी है और हमने अनिल अम्बानी को कोई क्लीन चिट नहीं दी?

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