Sunday, 22 October 2017

अब सांप के जहर का काला कारोबार

पश्चिम बंगाल की सीमा सशस्त्र बल (एसएसबी) ने कोबरा सांप के सफेद जहर के काले कारोबार के अब बड़े नेटवर्क का खुलासा किया है। पैसे के लिए नए-नए धंधों का पर्दाफाश हो रहा है। एसएसबी की 63वीं बटालियन वारासात ने विशेष सूचना के आधार पर वन विभाग व कोलकाता पुलिस के नार्को सेल की संयुक्त टीम ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर उनसे करीब नौ पौंड जहर बरामद किया। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत सौ करोड़ रुपए आंकी गई है। गिरफ्तार अभियुक्तों में नारायण दास (26), दबो ज्योति बोस (43) व बुद्धदेव खन्ना (40) तीनों पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं। एसएसबी के मुताबिक जब्त जहर कोबरा का तरल, क्रिस्टल व पाउडर के रूप में तीन जारों में एकत्रित किया गया था। चिकित्सा के लिए इसका इस्तेमाल होना था। इसे कैंसर के इलाज व मादक दवाओं में इस्तेमाल किया जाता है। बरामद जहर को वन विभाग को सौंप दिया गया है। पकड़े गए तीनों तस्कर एक अंतर्राष्ट्रीय गिरोह के सदस्य हैं। यह गिरोह पड़ोसी देश में सांप के जहर का कारोबार करता है। इस जहर की सिलीगुड़ी कॉरिडोर के रास्ते चीन में तस्करी की जानी थी। इससे पहले भी एसएसबी ने 70 करोड़ रुपए के जहर के साथ दो लोगों को गिरफ्तार किया था। सफेद जहर के इस काले कारोबार के अंतर्राष्ट्रीय गिरोह के तार कई देशों में फैले हुए हैं। एसएसबी ने सिर्फ तीन जार पकड़े हैं, अभी भी 33 जार जहर गायब है। इसकी कीमत 1100 करोड़ रुपए है। पकड़ा गया जहर फ्रांस से तस्करी करके साउथ-ईस्ट एशिया में किसी देश में जहाज के जरिये भेजा जा रहा था। इस जहाज को बीच समुद्र (हाई सी) में बांग्लादेशी लूटेरों ने कोई कीमती सामान समझकर लूट लिया। बांग्लादेश से यह जहर कोलकाता पहुंचा और सिलीगुड़ी कॉरिडोर से चीन पहुंचाने की तैयारी थी। सिलीगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नैक भी कहते हैं, यहां पर तीन देशों की सीमाएं मिलती हैं। इसमें नेपाल, भूटान व बांग्लादेश शामिल है। वन विभाग के सूत्रों के अनुसार एक सांप से प्वाइंट दो ग्राम जहर एक महीने में निकाला जा सकता है। बरामद जहर नौ पौंड यानि करीब तीन किलो छह सौ ग्राम है और 33 जार अभी भी गायब हैं। हजारों सांपों से यह जहर निकाला गया होगा। जहरीले सांप की केवल चार प्रजाति भारत में हैं। इसमें कोबरा, किंग कोबरा, करेर व वारपर शामिल हैं। जहरीले सांपों की 216 प्रजाति भारत में पाई जाती हैं। सिलीगुड़ी कॉरिडोर जहर तस्करों के लिए स्वर्ग बन गया है।

-अनिल नरेन्द्र

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