केरल
की माकपा की सरकार के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी ने अपना बिगुल फूंक दिया है। केरल में
हो रही सियासी हिंसा के विरोध में जन यात्रा का आगाज करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष
अमित शाह ने कहा कि लाल आतंक के खात्मे तक भाजपा का संघर्ष जारी रहेगा। 15 दिनों तक चलने वाली इस यात्रा का
नेतृत्व करते हुए पहले दिन अमित शाह ने खुद नौ किलोमीटर पदयात्रा की। भाजपा का केरल
में हिंसा के विरोध के साथ-साथ एक मकसद 2019 के लोकसभा चुनाव में केरल में अच्छा प्रदर्शन करना भी है। शाह ने आरोप लगाया
कि माकपा शासित राज्य में भाजपा और आरएसएस के कार्यकर्ताओं की राजनीतिक हत्या की जा
रही है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा, अकेले कन्नूर जिले में भाजपा और
आरएसएस के 84 कार्यकर्ताओं की हत्या की गई है। भाजपा के तीन कार्यकर्ताओं
पर शाह की यात्रा से एक दिन पहले कासरगोड जिले कनिलेखत्म में कथित तौर पर माकपा कार्यकर्ताओं
ने हमला किया। यह हमला रात नौ बजे तब हुआ जब भाजपा कार्यकर्ता राष्ट्रीय राजमार्ग-66
के एक हिस्से की 15 दिन की मार्च के लिए सजावट
कर रहे थे। यात्रा संघ की रणनीति का हिस्सा लगती है। वामपंथ के सबसे मजबूत किले केरल
को भेदने के लिए वहां की भाजपा इकाई और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की पहली पसंद उत्तर
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं। वैचारिक लड़ाई में भाजपा अपना सबसे बड़ा
दुश्मन वामपंथियों को मानती है। वामपंथ के सबसे मजबूत किले के तौर पर अब बस केरल बचा
है। यहां कार्यकर्ताओं की लगातार हो रही हत्याओं को पार्टी और संघ ने पिछले एक साल
से आक्रामक तौर पर लाल
आतंक के रूप में पेश करना शुरू किया है। इसी कड़ी में अमित शाह ने जन यात्रा का भी
आगाज किया है। भाजपा के एक प्रदेश पदाधिकारी का कहना है कि यात्रा के लिए योगी आदित्यनाथ
संगठन और कार्यकर्ताओं की पहली पसंद हैं। इसके पीछे सबसे अहम वजह यह है कि जिन मुद्दों
पर पार्टी के लोग लड़ रहे हैं, योगी आदित्यनाथ पहले से ही इन
मुद्दों पर काम कर रहे हैं। दूसरे हिन्दुत्व के चेहरे के तौर पर उनकी यहां भाजपा समर्थकों
और कार्यकर्ताओं में काफी लोकप्रियता है। शाह ने यात्रा की शुरुआत पेयनूर से कर राज्य
के मुख्यमंत्री पी. विजयन को मानो सीधी चुनौती दी। पेयनूर विजयन
का गृह क्षेत्र है और केरल में माकपा का सबसे मजबूत गढ़ माना जाता है, शायद यही कारण है कि माकपा यहां भाजपा और संघ परिवार को रोकने के लिए सारा
जोर लगा रही है। भाजपा और संघ कार्यकर्ताओं की बड़े पैमाने पर राजनीतिक हत्याएं हो
रही हैं। यात्रा की शुरुआत करते हुए शाह ने इन हत्याओं के लिए सीधे तौर पर मुख्यमंत्री
को जिम्मेदार ठहराया। कहाöविजयन जी, जितना
हिंसा का कीचड़ फैलाओगे उतना ही कमल खुलकर सामने आएगा। यात्रा की पूरी तैयारियों से
साफ है कि भाजपा का उद्देश्य माकपा के गढ़ में अपने कार्यकर्ताओं और आम जनता के बीच
वामपंथी हिंसा के खिलाफ उठ खड़े होने का भरोसा पैदा करना है। शायद यही कारण है कि दूसरे
राज्यों से भी भाजयुमो के कार्यकर्ताओं को इसमें शामिल होने के लिए बुलाया गया है।
यात्रा के दौरान हर दिन सभी भाजपा शासित मुख्यमंत्री भी हिस्सा लेंगे। भाजपा कार्यकर्ता
वामपंथी हिंसा को पूरे देश में फैलाने की तैयारी में हैं। केरल में भाजपा की सियासी
महत्वाकांक्षा को देखते हुए इस यात्रा को अहम माना जा रहा है। यात्रा में शामिल भाजपा
के एक वरिष्ठ नेता ने अगले लोकसभा चुनाव में केरल में आठ-दस सीटें
जीतने का दावा भी किया है।
-अनिल नरेन्द्र
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