Thursday 26 October 2017

क्या नवाज शरीफ का राजनीतिक भविष्य खतरे में है?

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने 67 वर्षीय नवाज शरीफ को बेईमानी के लिए अयोग्य करार दिया था। न्यायालय ने फैसला सुनाया था कि   उनके एवं उनके बच्चों के खिलाफ पनामा पेपर्स घोटाला मामले में भ्रष्टाचार मामले में केस दर्ज किए जाएं और उन पर आरोप तय किए जाएं। नतीजन नवाज शरीफ को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। इस मामले में मानना पड़ेगा कि पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट अन्य देशों में आगे रहा। पनामा घोटाले में तो बहुत से नामी-गिरामी व्यक्तियों का नाम आया है पर कार्रवाई सबसे पहले पाकिस्तान में हुई है। चाहे इनके पीछे कई शक्तियां लगी हों पर दुनिया को यह तो पाक ने दिखा ही दिया कि उनके देश में ज्यूडिशरी स्वतंत्र और ताकतवर है। शीर्ष अदालत द्वारा 28 जुलाई को पनामा पेपर्स कांड में शरीफ को प्रधानमंत्री पद से अयोग्य करार दिया था। तीन दिन पहले पाकिस्तान की भ्रष्टाचार निरोधक एक अदालत ने अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर भ्रष्टाचार के तीसरे मामले में आरोप तय किए। यह मामला फ्लैगशिप इंवेस्टमेंट्स और दूसरी विदेशी कंपनियों से जुड़ा हुआ है। यहां की जवाबदेही अदालत ने शरीफ की अनुपस्थिति में उन पर आय से ज्यादा संपत्ति रखने के मामले में आरोप तय किए और उनके अधिवक्ता जाफिर खान को आरोप पढ़कर सुनाया। यह मामला, राष्ट्रीय जवाबदेही अदालत द्वारा गठित 8 सितंबर के शरीफ के खिलाफ दर्ज कराए गए धनशोधन और भ्रष्टाचार के तीन मामलों में से एक है। न्यायाधीश मुहम्मद बशीर द्वारा पढ़े गए आरोपों पर खान ने शरीफ की ओर से दलील दी कि शरीफ निर्दोष हैं। शरीफ अपनी बीमार पत्नी कुलसुम के साथ लंदन में हैं। कुलसुम नवाज गले के कैंसर से पीड़ित है और उनकी अब तक तीन सर्जरी हो चुकी हैं। भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण नवाज शरीफ को रिकार्ड तीसरी बार अपना पद छोड़ना पड़ा था। उन्हें पार्टी अध्यक्ष पद से हटने के लिए भी विवश किया गया, हालांकि उन्होंने पार्टी की कमान अपने हाथ में रखी और अपने वफादार शाहिद खान अब्बासी को प्रधानमंत्री बना दिया। पांच सदस्यीय निर्वाचन दल के अध्यक्ष जाफर इकबाल ने कहा कि श्री शरीफ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की केन्द्राrय कार्यकारी समिति द्वारा निर्विरोध चुने गए हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी प्रमुख के रूप में श्री शरीफ का पुनर्निर्वाचन उन लोगों को गलत ठहराते हुए उन्हें राजनीतिक दायरे में वापस ले आया है, जिसका कहना था कि वह अब प्रासंगिक नहीं रह गए हैं। आने वाले दिन नवाज शरीफ के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण और चुनौती पूर्ण होंगे। अगर उन पर लगे आरोप साबित हो जाते हैं तो उनको सजा भी मिल सकती है और जेल भी जा सकते हैं।

-अनिल नरेन्द्र

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