Wednesday, 4 October 2017

हनीप्रीत के सामने एक ही रास्ता बचा है ः सरेंडर

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम की मुंहबोली बेटी हनीप्रीत सिंह इंडियाज मोस्ट वांटेड सूची में  बहुत ऊंचे नम्बर पर पहुंच चुकी है। हाल ही में उसके नई दिल्ली में मौजूद होने की खबर थी। हनीप्रीत इंसा की तलाश में दक्षिण दिल्ली के ग्रेटर कैलाश पर हरियाणा पुलिस ने हाल ही में छापेमारी की। दिल्ली और पंचकूला पुलिस की संयुक्त टीम ने ग्रेटर कैलाश पार्ट-2 एन्क्लेव स्थित आलीशान कोठी ए-9 पर दबिश डाली। दो घंटे तक हर कमरे की सघन छानबीन की लेकिन हनीप्रीत वहां नहीं मिली। पुलिस ने मेन गेट से एंट्री की थी। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि हनीप्रीत को छापेमारी की खबर पहले से ही मिल गई थी और वह पिछले गेट से भाग निकली। दिल्ली हाई कोर्ट ने हनीप्रीत को ट्रांजिट अग्रिम जमानत देने से मंगलवार को इंकार कर दिया। उस पर देशद्रोह और पंचकूला में हिंसा भड़काने का आरोप है। कोर्ट ने उसे पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर करने को कहा। इससे पहले सुनवाई के दौरान कोर्ट ने हनीप्रीत के वकील से कहा कि सरेंडर करना ही आसान रास्ता है। सुबह 10.30 बजे हनीप्रीत के वकील प्रदीप आर्य ने कार्यवाहक चीफ जस्टिस गीता मित्तल की बैंच से सुनवाई का आग्रह किया। कहाöहनीप्रीत को खतरा है उसे तीन हफ्ते की ट्रांजिट अग्रिम जमानत दे। जज महोदया ने कहाöबैंच दो बजे सुनवाई करेगी। 12.45 बजे जस्टिस संगीता ढींगरा की सिंगल बैंच ने सुनवाई शुरू की। क्या बहस हुई इसके प्रमुख अंश कूछ यूं हैंöजस्टिस सहगल ः यह केस दिल्ली के अधिकार क्षेत्र में कैसे है? आर्य ः हनीप्रीत नियमित रूप से ग्रेटर कैलाश आती हैं। उसे दिल्ली से गिरफ्तार किया जा सकता है। जस्टिस सहगल ः चंडीगढ़ का रास्ता कुछ घंटे का है। वहां सरेंडर क्यों नहीं करतीं? आर्य ः डर है कि हरियाणा पुलिस प्रताड़ित करेगी। हनी के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है। कुछ लोगों के बयानों से वह अपराधी नहीं बन जातीं। वह सिर्फ अपने पिता के साथ कोर्ट रूम के अंदर गई थीं और उन्हें जेल तक छोड़ने गई थीं। राहुल मेहरा (दिल्ली पुलिस के वकील) हनीप्रीत ने ग्रेटर कैलाश-2 का जो पता दिया है, वह गलत है, उसका पता ग्रेटर कैलाश एन्क्लेव है। किसी आरोपी की मदद नहीं करना चाहिए। उसकी वजह से हरियाणा में दंगा हुआ, जब वह कहती है कि उसके पिता भगवान समान हैं तो उन्हें किस बात का खतरा है? अनिल ग्रोवर (हरियाणा सरकार के वकील) खबरों के आधार पर ही हनीप्रीत जान को खतरा बता रही है। पुलिस ने कभी कुछ नहीं कहा। जस्टिस सहगल ः आपको जांच में तो शामिल होना ही होगा। सरेंडर क्यों नहीं करते? दिल्ली हाई कोर्ट में जमानत याचिका रद्द होने के बाद अब हनीप्रीत के सामने बस एक ही रास्ता बचा है। दिल्ली हाई कोर्ट ने हनीप्रीत के ट्रांजिट बेल को खारिज करते हुए जो टिप्पणियां की हैं उन्हें देखकर कानूनी जानकारों का मानना है कि हनीप्रीत ने जेल जाने से बचने के चक्कर में अपनी मुसीबतें बढ़ा ली हैं। उसके लिए कानूनी रास्ता भी जटिल होता जा रहा है। हनीप्रीत के सामने अब आत्मसमर्पण करने या फिर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में जाने के ही सीमित विकल्प बचे हैं। हरियाणा पुलिस अलग से अरेस्ट वारंट लेकर उसकी तलाश में जुटी है। पिछले एक महीने के दौरान पुलिस ने उसकी तलाश में पंजाब, राजस्थान और यहां तक कि नेपाल तक की खाक छानी थी। हालिया घटनाक्रम के बाद हरियाणा पुलिस का अब भी फोकस एनसीआर एरिया में है। हरियाणा पुलिस का यह भी अनुमान है कि हनीप्रीत के साथ आदित्य इंसा और पवन इंसा भी हो सकते हैं। हनीप्रीत के साथ-साथ इन दोनों के खिलाफ भी देशद्रोह के संगीन आरोप हैं। तीनों के खिलाफ हाल ही में लुकआउट नोटिस भी जारी हुए हैं। 43 लोगों की लिस्ट में हनीप्रीत का नाम टॉप पर है। हनीप्रीत के रिश्तेदार भी चाहते हैं कि वह अब सामने आए और सरेंडर कर दे।

-अनिल नरेन्द्र

No comments:

Post a Comment