Saturday, 2 April 2022
जरूरतमंदों को मिलता रहेगा मुफ्त राशन
बढ़ती महंगाई के बीच गरीबों के लिए सरकार बड़ी राहत लेकर आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ने अब इस साल सितम्बर तक 80 करोड़ आबादी को मुफ्त राशन देने का फैसला किया है। कोरोना महामारी की शुरुआत होने पर वर्ष 2020 के अप्रैल में गरीबों को मुफ्त में राशन देने के लिए मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की शुरुआत की थी ताकि महामारी के दौरान गरीबों का भोजन सुनिश्चित किया जा सके। इस साल 31 मार्च को मुफ्त राशन की इस योजना की अवधि समाप्त हो रही थी। माना जा रहा था कि यूकेन युद्ध की वजह से बढ़ रही महंगाई को देखते हुए सरकार ने गरीबों से जुड़ी अन्न योजना को जारी रखने का फैसला किया है ताकि उन पर अनाज खरीदने का आर्थिक भार नहीं आए। इस साल अप्रैल से सितम्बर तक 80 करोड़ जनता को मुफ्त में राशन देने से सरकार पर 80 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ आएगा। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत अप्रैल, 2020 से लेकर इस साल मार्च तक सरकार 2.60 लाख करोड़ रुपए का खर्च कर चुकी है। इसके तहत प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिमाह पांच किलो राशन निशुल्क मिलता रहेगा। यूपी समेत चार राज्यों के चुनाव में भाजपा को शानदार जीत मिली है। ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब कल्याण अन्न योजना का भी बड़ा फायदा भाजपा को मिला है। यह माना जा रहा है कि महंगाई के कारण जो नाराजगी सरकार के प्रति थी वह इस योजना से कम हुई। केंद्र सरकार ने भी योजना को विस्तार देने का फैसला किया है। हालांकि इस समय कोरोना संकट खत्म हो चुका है। कोरोना की वजह से लॉकडाउन के समय शुरू हुई इस योजना को पांच बार विस्तारित किया जा चुका है। इसे पूरे दो साल हो चुके हैं। अब छठी बार छह महीने और इस योजना का लाभ मिलेगा। वैसे गरीबों को राहत और रियायत देने की योजनाएं उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य को ध्यान में रखकर ही संचालित की जानी चाहिए, न कि केवल राजनीतिक लाभ के उद्देश्य से। कई बार ऐसी योजनाएं गरीबों के लिए बैसाखी बनकर रह जाती हैं और कुछ लोग अपने पैरों पर खड़े होने का प्रयत्न करना ही छोड़ देते हैं।
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