Tuesday 12 April 2022

दिखावे की कार्रवाई

पाकिस्तान की एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने शुक्रवार को 26/11 (मुंबई हमले) के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद को आतंकी फंडिंग के दो और मामलों में 32 साल जेल की सजा सुनाई। इससे पहले ऐसे पांच मामलों में उसको पहले ही 36 साल कैद की सजा सुनाई जा चुकी है। कुल 68 साल कैद की सजा एकसाथ चलेगी। अदालत ने सईद पर 3.42 लाख पाकिस्तानी रुपए का जुर्माना भी लगाया। अदालत के एक अधिकारी ने बताया कि आतंकवाद-रोधी अदालत के न्यायाधीश एजाज अहमद मुहर ने सईद को 32 साल जेल की सजा सुनाई। पंजाब पुलिस के आतंकवाद-रोधी विभाग द्वारा दर्ज दो प्राथमिकियों के आधार पर उसे यह सजा सुनाई गई है। बताते चलें कि वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफटीएफ) द्वारा पाकिस्तान पर लगातार इस बात के लिए दबाव डाला जा रहा है कि वह अपने यहां आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करे। इसके अलावा भारत सरकार भी अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का मुद्दा उठाती रही है। हाफिज सईद को लाहौर की कोट लखपत जेल से अदालत लाया गया, जहां वह 2019 से कड़ी सुरक्षा में कैद है। सईद को संयुक्त राष्ट्र आतंकी घोषित कर चुका है। अमेरिका का विदेश विभग भी उसे वैश्विक आतंकी घोषित कर चुका है। उसको जुलाई 2019 में आतंकी फंडिंग के मामलों में गिरफ्तार किया गया था। उसका जमात-उद-दावा अंसल में लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है, जो वर्ष 2008 के मुंबई हमले को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार है। इसमें छह अमेरिकी नागरिकों सहित 166 लोग मारे गए थे। हाफिज सईद पर अदालती कार्रवाई कोई नई बात नहीं है। हाफिज सईद सहित अन्य मोस्ट वांटेड आतंकियों को पाकिस्तान में सजा सुनाई जाने के बावजूद भी कुछ समय तक नजरबंद रहने के बाद आजाद घूमते हैं। बीएसएफ के पूर्व डीजीपी पीके मिश्रा ने बताया कि पाकिस्तान बार-बार दिखावे की कार्रवाई करता है। उससे पहले भी उसने हाफिज सईद, मसूद अजहर, लखवी आदि के मामले में आंख में धूल झोंकने का काम किया है। आतंकी अदालती आदेश के बावजूद सेना और आईएसआई के संरक्षण में खुलेआम अपनी गतिविधियां चलाते हैं। मुंबई हमले के मामले में पाकिस्तान ने कभी भारत के साथ सहयोग नहीं किया। उसका दोहरा चेहरा दुनिया के सामने स्पष्ट है। जानकारों का कहना है कि पाक सेना और आईएसआई की सरपरस्ती में पलने वाले आतंकियों पर मजबूरी में दिखावे की कार्रवाई होती है। पाकिस्तान फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की ग्रे लिस्ट से बाहर आने के लिए पूरा जोर लगा रहा है। खुद पाकिस्तानी सेना अपने देश को ग्रे लिस्ट से बाहर निकालने के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा रही है, इसलिए पाकिस्तान दिखावा करने में जुटा है। हाफिज सईद पाकिस्तान आतंकवादी है। उसका जन्म चार जून, 1950 को पाकिस्तान के पंजाब में हुआ था। उसने पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का गठन किया था। फिलहाल वह जमात-उद-दावा नाम के आतंकवादी संगठन का प्रमुख है। हाफिज सईद को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आतंकवादी घोषित किया जा चुका है। ताजा कार्रवाई ा़दिखावे के अलावा और कुछ नहीं है, पाकिस्तान की नौटंकी है।

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