Thursday, 7 April 2022
श्रीलंका जैसे न हो जाएं हालात
पधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वरिष्ठ नौकरशाहों के साथ बैठक में कुछ अधिकारियों ने कई राज्यों द्वारा घोषित लोकलुभावन योजनाओं पर चिंता जताई और दावा किया कि वह आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं हैं और वह उन्हें श्रीलंका के रास्ते पर ले जा सकती हैं। यह बात सूत्रों ने रविवार को कही। मोदी ने रविवार को 7 लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने शिविर कार्यालय में सभी विभागों के सचिवों के साथ चार घंटे बैठक की। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, पधानमंत्री के पधान सचिव पीके मिश्रा और कैबिनेट सचिव राजीव गौतम के अलावा केन्द्र सरकार के अन्य शीर्ष नौकरशाह भी शमिल हुए। सूत्रों ने कहा कि दो सचिवों ने हाल के विधानसभा चुनावों में एक राज्य में घोषित एक लोकलुभावन योजना का उल्लेख किया जो आर्थिक रूप से खराब स्थिति में है। उन्होंने साथ ही अन्य राज्यों में इसी तरह की योजनाओं का हवाला देते हुए कहा कि वह आर्थिक रूप से fिटकाऊ नहीं हैं और राज्यों को श्रीलंका के रास्ते पर ले जा सकती हैं। मोदी ने नौकरशाहों से स्पष्ट रूप में कहा कि वे कर्मियों के पबंधन की मानसिकता से बाहर निकलकर अधिशेष के पबंधन की नई चुनौती का सामना करें। मोदी ने पमुख विकास योजनाओं को नहीं लेने के बहाने के तौर पर गरीबी का हवाला देते हुए पुरानी कहानी को छोड़ने और उसे एक बड़ा दृष्टिकोण अपनाने को कहा। कोविड-19 महामारी के दौरान सचिवों ने जिस तरह से साथ मिलकर एक टीम की तरह काम किया उसका उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि उन्हें भारत सरकार के सचिवों के रूप में काम करना चाहिए न कि केवल अपने संबंधित विभागों के सचिवों के रूप में और एक टीम के रूप में काम करना चाहिए। सूत्रों ने कहा कि 24 से अधिक सचिवों ने अपने विचार व्यक्त किए और पधानमंत्री के साथ अपनी पतिकिया साझा की जिन्होंने उन सबको ध्यान से सुना। 2014 के बाद से पधानमंत्री की सचिवों के साथ नौवीं बैठक थी।
-अनिल नरेन्द्र
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