Sunday, 3 April 2022

गांधी परिवार को झटका

आयकर अपीलीय न्यायधिकरण ने गांधी परिवार के खिलाफ 800 करोड़ रुपए से अधिक की अचल वाणिज्य सम्पत्ति से संबंधित टैक्स चोरी के मामले को बरकरार रखा है। यह मामला गांधी परिवार द्वारा पांच लाख रुपए के शेयर कैपिटल वाली कंपनी यंग इंडियन बनाने व कोलकाता की शेल कंपनी से हवाले के माध्यम से एक करोड़ रुपए की रकम से जुड़ा है। 26 फरवरी 2011 को एसोसिएटिड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के शेयरों के अधिग्रहण के साथ मामला चर्चा में आया था। एजेएल का गठन एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी के तौर पर 20 नवम्बर 1937 को भारतीय कंपनी अधिनियम 1913 के अंतर्गत विभिन्न भाषाओं में समाचार पत्रों के प्रकाशन के लिए किया गया था। एजेएल ने अंग्रेजी में नेशनल हेराल्ड, हिन्दी में नवजीवन और उर्दू में कौमी आवाज समाचार पत्र प्रकाशित करने शुरू किए थे। इस मामले में आयकर विभग की कार्रवाई और असेनमेंट आदेश को गांधी परिवार द्वारा दो बार दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। कोर्ट ने दोनों याचिकाओं को निरस्त कर दिया था। आयकर अधिकारियों द्वारा 249.15 करोड़ रुपए का टैक्स लगाए जाने के आदेश पर आयकर आयुक्त अपील (सीआईटीए) छह दिसम्बर 2018 को मुहर लगा चुका है। बता दें, एजेएल की वाणिज्य परिसम्पत्तियों का अधिग्रहण यंग इंडियन का गठन होने के तीन माह के भीतर कोई टैक्स और स्टाम्प ड्यूटी चुकाए बिना ही परा कर लिया गया था। 27 दिसम्बर 2017 के आदेश में आयकर विभाग ने इस धोखाधड़ी वाले सौदे में गांधी परिवार को अवर्जित (एक्रूड) 414.40 करोड़ के आदेश को आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण में चुनौती दी। इसका दूसरी अपील का अधिकरण ने 31 मार्च 2022 को निरस्तांतरण किया। इसमें न्यायाधिकरण ने मूल्यांकन अधिकारी प्रथम अपीलीय अधिकारी को गांधी परिवार को उपर्जित लाभ की रकम 395 करोड़ करने के फैसले को बरकरार रखा।

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