Wednesday, 6 April 2022

चंडीगढ़ को लेकर मान और मनोहर आमने-सामने

पंजाब विधानसभा में पहली अप्रैल को एक अहम प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ को तत्काल पंजाब को हस्तांतरित करने की मांग की गई। आम आदमी पार्टी (आप) के बहुमत वाली विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को छोड़कर अन्य सभी पार्टियों ने भी इस प्रस्ताव को समर्थन दिया, जिसके बाद यह प्रस्ताव विधानसभा से पारित हो गया। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस प्रस्ताव को विधानसभा में पेश किया, उन्होंने केंद्र सरकार पर केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासन के साथ ही साझा सम्पत्तियों में संतुलन बिगाड़ने का आरोप भी लगाया। प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान भाजपा के दो विधायक सदन से अनुपस्थित रहे। उन्होंने सदन का बहिर्गमन किया और सीएम भगवंत मान ने भाजपा विधायकों की अनुपस्थिति में ही यह प्रस्ताव पेश किया, जिसे आम आदमी पार्टी के साथ-साथ कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल के सदस्यों और बहुजन समाज पार्टी के इकलौते विधायक का भी समर्थन हासिल हुआ। प्रस्ताव का समर्थन करने वाली पार्टियों ने केंद्र सरकार के कदम को तानाशाही और निरंकुश बताया। उधर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने चंडीगढ़ के मसले पर पंजाब विधानसभा में रेजुलेशन पास करने को लेकर कहा कि चंडीगढ़ दोनों राज्योंöहरियाणा और पंजाब की राजधानी है और रहेगी भी। उन्होंने राजधानी चंडीगढ़ पर हरियाणा की दावेदारी मजबूत करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुला लिया है। हरियाणा सरकार चंडीगढ़ पर अपने हक को लेकर प्रस्ताव पारित कराएगी। इसके अलावा सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) का पानी देने और हिन्दीभाषी पंजाब के क्षेत्रों को हरियाणा में स्थानांतरण करने का भी प्रस्ताव ला सकती है। चंडीगढ़ पंजाब को सौंपने की मांग पर पंजाब विधानसभा की ओर से पारित प्रस्ताव के बाद हरियाणा की राजनीति में हलचल बढ़ गई है। खुद मोर्चा संभालते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि जब तक हरियाणा की जनता साथ है, तब तक चंडीगढ़ को कोई नहीं छीन सकता। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बने चन्द दिन हुए हैं और उसने विवादित मुद्दा छेड़ दिया है। चंडीगढ़ पर दावा करने से पहले पंजाब सरकार को एसवाईएल से हरियाणा के हिस्से का पानी देना चाहिए। पंजाब हरियाणा का बड़ा भाई है और बड़े को छोटे के हितों के बारे में भी सोचना चाहिए। पंजाब सरकार ने गलत निर्णय लेते हुए हरियाणा के हितों के साथ कुठाराघात करना शुरू कर दिया है।

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