Thursday, 19 October 2023
निशिकांत दुबे बनाम महुआ मोइत्रा
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने रविवार को तृणमूल कांग्रोस की महुआ मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने के लिए एक कारोबारी से रिश्वत लेने का आरोप लगाया और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से उनके खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक जांच समिति गठित करने का आग्राह किया। दुबे ने रविवार को ओम बिरला को संसद में सवाल के लिए नकदी विषय पर पत्र लिखा, जिसमें सांसद महुआ मोइत्रा पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120ए के तहत गंभीर विशेषाधिकार हनन, सदन की अवमानना और आपराधिक साजिश के लिए आरोप लगाया गया। एक वकील से मिले पत्र का हवाला देते हुए दुबे ने कहा कि वकील ने तृणमूल कांग्रोस (टीएमसी) नेता और एक कारोबारी के बीच रिश्वत के आदान-प्रादान के अव््राटा सबूत साझा किए हैं। दुबे ने बिरला से उनके खिलाफ आरोपों की जांच के लिए समिति गठित करने का आग्राह किया। भाजपा सांसद ने कहा, महुआ मोइत्रा द्वारा संसद में प्राश्न पूछकर एक कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के कारोबारी हितों की रक्षा के लिए रची गईं आपराधिक साजिश के बारे में रत्ती भर भी संदेह नहीं है। जो 12 दिसम्बर 2005 के वैश फॉर क्वेरी प्राकरण की याद दिलाता है। इस बार पलटवार करते हुए महुआ मोइत्रा ने एक्स पर कहा, मैं अपनी सारी गलत कमाईं और उपहारों का इस्तेमाल एक कालेज, विश्वविदृालय खरीदने के लिए कर रही हूं जहां से दुबे आखिरकार एक असली डिग्री खरीद सकते हैं। लोकसभा अध्यक्ष को टैग करते हुए उन्होंने कहा, झूठे हलफनामों के लिए उनके खिलाफ जांच खत्म करें और फिर मेरी जांच के लिए समिति गठित करें। लोकसभा अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में दुबे नेकहा कि हाल तक लोकसभा में पूछे गए 61 सवालों में से 50 अडानी समूह पर वेंद्रित थे, जिस पर तृणमूल सांसद अक्सर कदाचार के आरोप लगाती रही है। हाईंकमान ने दुबे का सीधे तौर पर नाम लिए बिना उस पर पलटवार करने के लिए एक्स पर कईं संदेश पोस्ट किए और अडानी समूह पर नए सिरे से हमला किया।
उन्होंने एक्स पर लिखा कि फजा डिग्री वाला और भाजपा के अन्य दिग्गजों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के कईं मामले लंबित हैं।
अध्यक्ष द्वारा इन प्रास्तावों पर कार्रवाईं करने के तुरन्त बाद मेरे खिलाफ किसी भी प्रास्ताव का स्वागत है। मैं अपने दरवाजे पर आने से पहले अडानी कोयला घोटाले में ईंडी कईं अन्य लोगों द्वारा एफआईंआर दर्ज करने का इतंजार कर रही हूं। उन्होंेने कहा कि समय बर्बाद न करें अपने वकीलों का बुद्धिमानी से इस्तेमाल करें। बिरला को लिखे अपने पत्र में दुबे ने आरोप लगाया कि मोइत्रा का आचरण सवाल के बदले नकदी प्राकरण के फिर से उभर आने का प्रातीक है। बता दें कि वर्ष 2005 में यह कांड सामने आया था, जिसमें एक जांच समिति की सिफारिशों पर उसके गठन के 23 दिन के भीतर 11 सांसदों की सदस्यता रद्द कर दी गईं थी। राहुल गांधी, संजय सिह के बाद क्या अब महुआ मोइत्रा की सदस्यता पर प्राश्नचिह्न् लगने वाला कौन है? देखें, मामला आगे वैसे बढ़ता है?
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