Wednesday 4 October 2023

स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव

इस बार विधानसभा चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को अखबारों में विज्ञापन देकर अपने आपराधिक रिकार्ड को बताना होगा। अभी यह व्यवस्था पर्चा भरते समय केवल फार्म में लिखने तक सीमित थी। चुनाव आयोग राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव में इसे लागू करेगा। एक और पहल के तहत राजनीतिक दलों को यह कारण बताना होगा कि उन्होंने अपने उम्मीदवार को किस आधार पर चुना है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव वुमार ने जयपुर में रविवार को कहा कि चुनाव आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए प्रातिबद्ध है। जिसमें मतदान आम आदमी के लिए आसान बनाना और मतदान प्रातिशत बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया गया है। आयुक्त ने यह भी कहा कि आयोग के समक्ष अनिवार्यं मतदान का कोईं प्रास्ताव नहीं है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव वुमार ने रविवार को कहा कि राजस्थान विधानसभा चुनाव में पहली बार बुजुर्ग मतदाताओं के साथ-साथ 40 फीसदी दिव्यांगता वाले व्यक्तियों के लिए भी घर पर ही वोट देने की सुविधा उपलब्ध होगी। आयोग अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में राजस्थान में विधानसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा कर सकता है। राज्य में 200 विधानसभा सीटें हैं और राज्य विधानसभा का कार्यंकाल 14 जनवरी को खत्म होगा। घर से मतदान की पहल मतदान प्रातिशत बढ़ाने और मतदान में आसानी बढ़ाने के लिए की गईं है। साथ ही राज्य के कानून प्रावर्तन एजेंसियों को सीमा क्षेत्र खासकर हरियाणा और पंजाब सीमा पर शराब और नकदी के परिवहन की जांच करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। आयोग ने तीन दिवसीय दौरे के दौरान राजनीतिक दलों के प्रातिनिधियों, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, जिला कलैक्टरों, जिला पुलिस अधीक्षकों और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की। चुनाव में 1600 मतदान केन्द्रों का प्राबंधन महिलाएं, 200 केन्द्रों का प्राबंधन दिव्यांगजन और 1600 वेंद्रों का प्राबंधन नवनियुक्त युवाओं द्वारा किया जाएगा। वुल 51756 मतदान केन्द्रों में से 50 प्रातिशत की वेबकास्टिंग भी की जाएगी। आयोग ने मतदान बढ़ाने के लिए इस बार 75 फीसदी मतदान का नारा दिया है। यह मिशन सभी 5,756 मतदान केन्द्रों पर चलेगा। 2018 के विधानसभा चुनाव में राज्य में 74 फीसदी मतदान हुआ था। इसमें महिला मतदाताओं की संख्या 74.68 फीसदी और पुरुष मतदाताओं की संख्या 73.83 फीसदी थी। केवल 103 ऐसे पोलिग बूथ थे जहां पर राज्य के औसत से कम मतदान हुआ था। इसमें 17,500 संवेदनशील मतदान वेंद्र थे। हम चुनाव आयोग के इन कदमों का स्वागत करते हैं। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव हो यह लोकतंत्र की नींव है। चुनाव आयोग ने ईंवीएम मशीनों में गड़बड़ी पर भी ध्यान देने की बात की है। उन्होंेने कहा कि कहीं से भी ईंवीएम में छेड़छाड़ की खबर मिलते ही डेढ़ घंटे के अंदर आयोग की टीम जांच करने पहुंच जाएगी। देखना यह है कि राजनीतिक दल आयोग के निर्देशों का कितना पालन करते हैं?

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