Saturday, 14 October 2023

चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया

अमेरिकी कांग्रोस की एक समिति के चेयरमैन ने कहा है कि बीते शनिवार को इजरायल पर हुए हमास के घातक हमले से तीन दिन पहले मिरत्र ने सीमा पार से संभावित हमले की चेतावनी दी थी। हाउस ऑफ रिप्रोजेन्टेटिव्स के विदेश मामलों की समिति के प्रामुख माइकल मैकॉल ने फिलस्तीन के समूह हमास की इस कथित चेतावनी के बारे में मीडिया से बात की। इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहु ने इन रिपोर्टो को हालांकि बिल्वुल गलत बताया है। इजरायल के 75 साल के इतिहास में हमास ने कईं बार जानलेवा हमला किया है। अब तक 1100 से ज्यादा इजरायलियों की जान जा चुकी है। इजरायली खुफिया एजेंसी मौसाद पहले ही जांच के घेरे में है। कहा जा रहा है कि मौसाद को हमास के हमले की भनक क्यों नहीं लगी? इसे मौसाद की सबसे बड़ी नाकामी के रूप में देखा जा रहा है। समाचार एजेंसी एएफटी के अनुसार मध्य-पूर्व में जारी संकट को लेकर बुधवार को सांसदों के लिए बंद दरवाजों के पीछे एक खुफिया ब्रीफिग रखी गईं थी। इस बैठक के बाद माइकल मैकॉल ने बताया, हम जानते हैं कि मिरत्र ने हमास के हमले में तीन दिन पहले इजरायल के अधिकारियों को चेतावनी दी थी कि इस तरह की कोईं घटना हो सकती है। माइकल मैकॉल टेक्सास से सांसद है और रिपब्लिकन पाटा से हैं। उन्होंने कहा कि ये गोपनीय जानकारी है और मैं इसके बारे में ज्यादा विस्तार से बताना नहीं चाहता। मिरत्र की खुफिया एजेंसी के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर एसोसिएटिड प्रौस को बताया, हमने चेतावनी दी थी कि स्थिति विस्फोटक होने वाली है और यह बहुत जल्द होगा और बड़ा होगा लेकिन हमारी ऐसी चेतावनी को कम करके आंका गया। हमास के हमले के बाद इजरायल में बनी इमरजेंसी सरकार। इजरायल की आपातकालीन सरकार की पहली बैठक के बाद प्राधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने चेतावनी दी है कि हमास के सभी सदस्यों को खत्म कर दिया जाएगा। नेतान्याहू के करीब मौजूद विपक्षी नेता बेनीगैरन्स ने कहा है कि यह युद्ध का वक्त है। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि उन्होंने नेतान्याहू से बात की है और स्पष्ट किया है कि इजरायल को युद्ध के नियमों का पूंरी तरह पालन करना होगा। बाइडन ने कहा, हम इजरायली नागरिकों का गुस्सा और उनकी परेशानियां समझते हैं। लेकिन हमने इजरायल से कहा है कि वो जेनेवा समझौते का पालन करें। बाइडन ने हमास के हमले का स्वागत करने के लिए ईंरान को भी चेतावनी दी और कहा कि सावधान रहें। हमास के हमले के चार दिन बाद बुधवार को नेतान्याहू और बेनीग्रौरन्स ने राजनीतिक प्रातिबद्धता को अलग रखते हुए युद्धकालीन सरकार बनाने के लिए साथ आने का पैसला किया था। वैचारिक मतभेद के कारण दोनों नेता एक-दूसरे के विरोधी बने हुए थे। नेतान्याहू के प्रास्तावित न्यायिक सुधारों की विपक्षी पार्टियां और जनता जमकर विरोध कर रही थीं और इसे लेकर उनके समर्थक व जनता देश भर में विरोध प्रादर्शन कर रहे थे। इन विरोध प्रादर्शनों को नेतान्याहू के राजनीतिक प्रातिद्वंद्वियों के अलावा सेना और खुफिया विभाग के पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों, पूर्व चीफ जस्टिस और बिजनेस लीडर्स का भी समर्थन हासिल था। देश की नईं युद्धकालीन सरकार गठबंधन सरकार है, जिसमें नेतान्याहू और बेनीगैरंस के अलावा पूर्व रक्षा मंत्री शामिल हैं। वहीं वॉर वैबिनेट नाम से एक अस्थायी वैबिनेट भी बनाईं गईं है, जिसमें रक्षा मंत्री मौआव गैलान्ट शामिल हैं। देश के मुख्य विपक्षी नेता यलैपिड ने गठबंधन से दूर रहने का पैलसा किया है। कहा गया है कि युद्ध के दौरान किसी बिल पर बात नहीं होगी और ऐसे कोईं पैसले नहीं लिए जाएंगे, जिनका नाता युद्ध से न हो। ——अनिल नरेन्द्र

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