Thursday, 26 October 2023
गाजा, वेस्ट बैंक, सीरिया, लेबनान सभी निशाने पर
लेबनान सभी निशाने पर इजरायल के विमानों ने शनिवार रात भर और रविवार को पूरे गाजा में कईं जगह हमले किए। साथ ही उसने सीरिया में दमिश्क और अलेप्पो को एयरफोर्स और फिलस्तीनी क्षेत्र वेस्ट बैंक में एक मस्जिद पर हमला किया। कथित तौर पर इस मस्जिद का आतंकवादियों ने इस्तेमाल किया था। इजरायल ने लेबनान के हिजबुल्ला आतंकी गुट पर भी गोलाबारी की। हिजबुल्ला ने कहा है कि हमास के युद्ध में उसकी अहम भूमिका है। अगर इजरायल गाजा पट्टी पर जमीनी हमला करता है तो उसे इसकी भारी कीमत चुकानी होगी। हिजबुल्ला के उपनेता शेख नईंम कासिम का यह बयान उस वक्त आया जब इजरायल ने दक्षिणी लेबनान में बमबारी और ड्रोन से हमले किए। साथ ही हिजबुल्ला ने इजरायल की ओर राकेट और मिसाइलें दागी। हिजबुल्ला ने कहा कि हमले में शनिवार को उसके छह लड़ाके मारे गए जो दो हफ्ते पहले शुरू हुए युद्ध के बाद एक दिन में मारे गए लोगों की सबसे बड़ी संख्या है।
उधर पूरी दुनिया में इजरायल द्वारा निदरेष फिलस्तीनियों पर हुए बर्बर हमले की निदा शुरू हो गईं है। साधारण फिलस्तीनी नागरिकों के मारे जाने से हाहाकार मच गया है। अब फिलस्तीनियों के लिए सब जगह से राहत सामग्री पहुंचने लगी है। भारत सरकार को यह अहसास हो गया लगता है कि उसने युद्ध में इजरायल का खुला समर्थन करके गलती की और अगले दिन ही उसने सुधार कर लिया और फिलस्तीनी लोगों के प्राति हमददा जाहिर कर दी। अब भारत ने इजरायल-हमास युद्ध के चलते खाने-पीने के सामान और दवाओं की कमी से जूझ रहे फिलस्तीनियों के लिए मानवीय मदद भेजी है। गाजियाबाद के हिडन एयरबेस से रविवार सुबह आठ बजे उड़ा भारतीय वायुसेना का सी-17 परिवहन विमान करीब 6.5 टन चिकित्सा सहायता और 32 टन आपदा राहत सामग्री लेकर शाम को मिरत्र की राजधानी काहिरा पहुंचा। भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि वह आतंकी संगठन हमास के खिलाफ इजरायल व निदरेष फिलस्तीनियों के साथ खड़ा है। इजरायल-हमास जंग के बीच अब गाजा की आखिरी उम्म्मीद डॉक्टर्स ही हैं। पिछले मंगलवार को गाजा के अल-अहली अरब अस्पताल पर एक हमले में करीब 500 लोगों की जान गईं थी। गाजा में खौफ सिर्प हवाईं हमलों का ही नहीं बल्कि यहां की चिकित्सक सुविधाओं के दम पर जान बचाने का भी है। जब यह जंग शुरू हुईं तब से बमबारी में 44 चिकित्साकर्मियों की मौत हो चुकी है और 77 से ज्यादा डॉक्टर घायल हैं। जब यह जंग शुरू हुईं थी तब गाजा के अस्पतालों में वुल 2500 बैड उपलब्ध थे। आज हालात यह हैं कि करीब 12500 घायल लोग अस्पतालों के दरवाजे पर हैं। क्षमता से 5 गुना ज्यादा संसाधनों की जरूरत है। गाजा में कईं अस्पताल बिना बिजली के काम कर रहे हैं, जिससे वहां काम करने वाले डॉक्टर्स को मोबाइल की लाइट पर निर्भर रहना पड़ रहा है। एनेस्थिसिया के बिना ही अस्पतालों के फर्श पर ही मरीजों की सर्जरी करनी पड़ रही है। लंदन से 9 अक्टूबर को गाजा पहुंचे डाक्टर कहते हैं कि मैं यहां शिफा अस्पताल में दिनभर आपरेशन थियेटर में रहता हूं और रात को यहीं स्ट्रेचर पर सोता हूं। अल अहली अरब अस्पताल में हमले के बाद यहां हजारों घायलों का सुविधाओं के अभाव में इलाज ढंग से नहीं हो पा रहा है। सेलफोन की रोशनी से आपरेशन करने पड़ रहे हैं। हम 7 दिनों में वुल 10 घंटे सो सके हैं।
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