रविवार को रूस में राष्ट्रपति पद के लिए मतदान हुआ है। इस चुनाव में वर्तमान राष्ट्रपति पुतिन के अलावा 4 अन्य प्रत्याशी मैदान में हैं। ब्लादिमीर पुतिन वर्ष 2000 में पहली बार राष्ट्रपति चुने गए थे। उन्होंने अपने दो कार्यकाल पूरे किए थे और फिर रूसी कानून के तहत उन्होंने राष्ट्रपति का पद छोड़ा था। इस बीच दमित्री मेदवेदेव ने राष्ट्रपति का पद सम्भाला था और पुतिन खुद प्रधानमंत्री बन गए थे। 59 वर्षीय पुतिन जो कभी रूसी खुफिया एजेंसी केजीबी के जासूस थे, का राष्ट्रपति बनना तय है। माना जा रहा है कि पुतिन दो-तिहाई बहुमत से जीतेंगे पर इस बार का कार्यकाल पहले के कार्यकालों से ज्यादा चुनौतीपूर्ण होने की सम्भावना है। क्योंकि पिछले कुछ दिनों से रूस में असंतोष नजर आ रहा है। पुतिन के खिलाफ जगह-जगह प्रदर्शन हुए। हाल के दिनों में संसदीय चुनावों में गड़बड़ी के आरोपों और उनके शासन के खिलाफ व्यापक स्तर पर प्रदर्शन हुए हैं। पुलिस भी चुनावों के बाद किसी तरह की अशांति से निपटने के लिए तैयारी कर रही है। अमेरिका के घटते रुतबे एवं आर्थिक संकट से जूझते यूरोप के साथ अटलांटिक जगत अपनी चमक तेजी से खोता जा रहा है। दुनिया की धुरी एशिया-प्रशांत क्षेत्र की ओर खिसक रही है। इस दृष्टि से एक स्थिर रूस पूरे क्षेत्र को बल प्रदान कर सकता है। पुतिन ने रूस को मजबूत किया है और धीरे-धीरे लाइन से उतरती रूसी गाड़ी को कुछ हद तक वापस लाइन पर लाने में सफलता पाई है। भारत के लिए भी एक सशक्त रूस इसके हित में होगा। राष्ट्रपति पुतिन के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती आबादी में गिरावट है। विश्व बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि ने पुतिन का सिरदर्द बढ़ा दिया है पर उनकी सर्वाधिक चिन्ता जनसांख्यिकीय कम जन्मदर और कार्यशील पुरुष कर्मचारियों-मजदूरों की उच्च मृत्युदर से भूराजनीतिक शून्यता पैदा हो रही है। फिलहाल पुतिन ने खासकर पुरुषों में शराबखोरी की वज्रपाती दर रोकने के लिए एक नया अभियान चलाया है। उन्होंने उन महिलाओं को विशेष भत्ता देने की घोषणा की है, जिनके दो से अधिक बच्चे हैं। पुतिन के पैकेज में सभी रूसी नागरिकों को आवास और शिक्षा की बेहतर सुविधाएं प्रदान करना शामिल हैं। उन्होंने एक स्मार्ट आव्रजन नीति अपनाने की बात कही है, जिसके जरिये विदेश में रहने वाले रूसी मूल के लोगों को मातृभूमि पर लौटने के लिए लुभाया जाएगा। जनमत सर्वेक्षणों के ताजा नतीजों में प्रधानमंत्री ब्लादिमीर पुतिन के राष्ट्रपति पद के लिए हो रहे चुनाव में दो-तिहाई मतों से स्पष्ट जीत दर्ज कराने की बात कही गई है। रूस में चुनावी रुझान से जुड़े बेहद सटीक आंकड़े देने वाले लेवादा सेंटर ने बताया है कि पुतिन को इस चुनाव में 63 से 66 फीसदी वोट मिल सकते हैं। रूस और यूकेन की सुरक्षा एजेंसियों ने रूस में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले ब्लादिमीर पुतिन की हत्या की साजिश को नाकाम कर दिया। समाचार डेली टेलीग्रॉफ के अनुसार षड्यंत्रकारी अपराधियों के गिरोह को यूकेन के शहर ओडेसा में हिरासत में लिया गया। गिरोह राष्ट्रपति चुनाव के ठीक बाद मास्को में पुतिन की हत्या का षड्यंत्र बना रहा था। बताया जाता है कि चेचन विद्रोहियों के कथित सरगना एडम ओस्माचेव ने स्वीकार किया है कि षड्यंत्र उमारोव के आदेश पर किया गया था, जो उत्तरी काकेइनस क्षेत्र में रूस के शासन के खिलाफ आंदोलनरत् इस्लामिक गतिविधियों का अमीर है। चैनल वन ने ओस्माचेव को हिरासत में यह कहते हुए दिखाया है, अंतिम लक्ष्य मास्को की यात्रा और पुतिन की हत्या था। पुतिन का प्रयास है कि वह रूस को उसके गौरवमय इतिहास को फिर से दोहराएं।
Anil Narendra, Daily Pratap, Russia, Valadimir Putin, Vir Arjun
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