Saturday 17 March 2012

...और अब अमेरिकी सैनिक ने अफगानिस्तान में किया कत्लेआम

Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi
Published on 17 March 2012
अनिल नरेन्द्र
अफगानिस्तान में लगता है कि अमेरिकी सैनिक अपना आपा खोते जा रहे हैं, लगता है कि इन सैनिकों को अब न तो अनुशासन में रहने की परवाह है और न ही दुनियादारी की। कुछ ही दिन पहले पवित्र कुरान शरीफ को जलाने की घटना हुई थी और अब निर्दोष अफगानियों के कत्लेआम की घटना सामने आई है। अफगानिस्तान के दक्षिणी प्रांत कंधार में गत रविवार तड़के एक अमेरिकी सैनिक गहरी नींद में सो रहे लोगों पर काल बनकर टूट पड़ा। उसने अंधाधुंध फायरिंग करते हुए पंचवाई जिले के नजीबन और अलकोजी गांव में घरों में घुसकर 16 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। कंधार गवर्नर के प्रवक्ता अहमद जावेद फैसल के अनुसार रविवार तड़के करीब 3 बजे एक अमेरिकी सैनिक नाटो के सैन्य ठिकाने से बाहर निकला और पास के गांवों नजीबन और अलकोजी में गहरी नींद में सो रहे अफगानियों पर उनके घरों में घुसकर अंधाधुंध गोलियां चलाने लगा। इस घटना में 9 बच्चे और 3 महिलाओं सहित 16 लोगों की मौत हो गई। नजीबन गांव के हाजी समद के मुताबिक फायरिंग में उसके परिवार के 11 लोगों की इस फायरिंग में मौत हो गई। इस हत्याकांड से एक नया बवाल खड़ा हो गया। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने अफगानी समकक्ष हामिद करजई से फोन पर बात कर कंधार की इस वारदात की जांच तेजी से कराने का इरादा जाहिर किया है। अमेरिकी रक्षा मंत्री लियोन पेनेटा ने कहा कि अफगानिस्तान में 16 नागरिकों की हत्या करने वाले सैनिक को यदि दोषी ठहराया जाता है तो उसे मृत्युदंड का सामना करना पड़ सकता है। पेनेटा ने स्पष्ट किया कि इस सैनिक ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया है। उन्होंने इसे छिटपुट घटना करार देते हुए काफी दुःखद बताया। अभी तक इस सैनिक का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है। इस शिविर में सैनिकों द्वारा हिंसा का पुराना इतिहास भी रहा है। पेनेटा ने कहा कि `युद्ध नरक है' लेकिन इस बात से इंकार किया कि यह घटना पिछले 10 साल से चले आ रहे संघर्ष के कारण अमेरिकी सैनिकों का धैर्य टूटने का संकेत है। उधर अफगान तालिबान ने मंगलवार को धमकी दी कि इस घटना का बदला लेने के लिए वे अमेरिकी सैनिकों के सिर कलम कर देंगे। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने एक ईमेल के माध्यम से अपने संदेश में कहा, `हम अमेरिकी जानवरों को बता देना चाहते हैं कि मुजाहिद्दीन उनसे बदला लेकर रहेंगे और अल्लाह के रहम-ओ-करम से हम तुम्हारे बर्बर सैनिकों का सिर धड़ से अलग कर देंगे।' 16 ग्रामीणों की हत्या पर अफसोस जताने गए एक अफगान प्रतिनिधिमंडल जिसमें करजई का भाई भी शामिल था, तालिबान के हमले का शिकार हो गया। इस प्रतिनिधिमंडल की सुरक्षा कर रहे एक अफगान सैनिक को मौत के घाट उतार दिया गया। हमले में एक और सैन्य अधिवक्ता घायल हो गया। इस घटना का दुःखद पहलू यह भी है कि इस प्रकार की घटना से अमेरिका उलटा तालिबान को बल दे रहा है। कुरान जलाने और 16 निर्दोषों की हत्या की घटना से ओबामा प्रशासन की अफगानिस्तान से 2012 के लिए बनाई गई वापसी योजना संकट में पड़ेगी। अमेरिकी सैन्य और प्रशासनिक अधिकारियों का मानना है कि इस प्रकार की घटनाएं तालिबान के भीतर कट्टरपंथियों को मजबूत करेंगी जो ऐसे रक्षा बल के साथ बातचीत का विरोध कर रहे हैं जो देश छोड़ रहा है। कुरान जलाए जाने के बाद अब इस घटना ने ओबामा प्रशासन के सारे प्रयासों पर पानी फेर दिया है। इसकी जितनी निन्दा की जाए कम है।
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