Tuesday 27 March 2012

अलकायदा के जेहादी ने यहूदी बच्चों को भून डाला

Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published from Delhi
Published on 27 March 2012
अनिल नरेन्द्र
बृहस्पतिवार को फ्रांस के तुलूज शहर में एक नाटकीय कार्यक्रम में स्थानीय पुलिस ने अलकायदा के एक संदिग्ध आतंकवादी को जिस इमारत में वह छिपा हुआ था उसे चारों ओर से घेर लिया। इस तथाकथित अलकायदा के जेहादी ने जब अपने आपको चारों तरफ से घिरा पाया तो उसने बालकॉनी से ताबड़तोड़ गोलियां चलानी आरम्भ कर दीं। उसने 30 से ज्यादा फायर किए। अन्त में वह पुलिस की गोलियों से मारा गया और इस तरह पिछले चार दिनों से चल रहा यह घटनाक्रम समाप्त हो गया। मारा गया जेहादी मोहम्मद मेराह 23 वर्ष पर आरोप था कि उसने तुलूज के एक यहूदी बच्चों के स्कूल के बाहर अंधाधुंध गोलाबारी की और तीन यहूदी बच्चों सहित चार लोगों की हत्या कर दी। मोहम्मद गोलाबारी की और तीन यहूदी बच्चों सहित चार लोगों की हत्या कर दी। मोहम्मद मेराह मूल रूप से अल्जीरिया का था। इन यहूदी बच्चों की उम्र 4, 5 और 7 वर्ष थी। मेराह ने एक फ्रांस के 3 सैनिकों को भी मौत के घाट उतार दिया था। पुलिस ने कहा कि मेराह के इस हत्या करने के पीछे कई कारण थे। मेराह ने मरने से पहले कहा था कि फ्रांस में औरतों को परदा न करने का सरकारी फैसला उसे बिल्कुल स्वीकार्य नहीं था। पुलिस को मेराह के घर से कई वीडियो रिकॉर्डिंग मिलीं। इनमें से एक में उसने फ्रांस के एक सैनिक पैराट्रूपर (सैनिक) को मारने से पहले कहा `तुम मेरे भाई को मारो, मैं तुम्हें मार डालूंगा।' एक और वीडियो में वह दो फ्रांसीसी सैनिकों को मारने के वक्त `अल्लाह हो अकबर' का नारा बोलता रहा। मेराह ने पुलिस को मरने से पहले बताया कि उसने वजीरिस्तान के क्वेटा शहर में अलकायदा ट्रेनिंग कैम्प में ट्रेनिंग ली थी और उसने कई और हमलों की योजना बना रखी थी पर बुधवार मार्च 21 को तुलूज पुलिस के 300 जवानों ने उस इमारत को घेर लिया जिसमें मेराह यहूदी स्कूल में फायरिंग करने के बाद छिप गया था। ओजर हेतोराह यहूदी स्कूल के मारे गए तीन बच्चों के शवों को बुधवार को यरुशलम में दफनाया गया। यद्यपि तुलूज का यह हमला एक भारी त्रासदी थी पर यह पूरी तरह से अप्रत्याशित नहीं थी। फ्रांस में यहूदी लम्बे समय से उस देश में अरब आप्रवासियों से शत्रुता का सामना कर रहे हैं और अब तो नौबत यह आ गई है कि फ्रांस में रह रहे यहूदी फ्रांस से इजरायल पलायन करने की सोचने पर मजबूर हो रहे हैं। यहूदी बच्चों को स्कूल जाते वक्त सताया जाता है, उन पर ताने कसे जाते हैं। तुलूज और आसपास के इलाकों में बीते दिनों के भीतर गोलीबारी की तीन घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें सात लोग मारे जा चुके हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सर्कोजी ने कहाöराष्ट्रीय अखंडता को भंग करने में आतंकवाद को कभी कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। यह वक्त है जब पूरा देश एकजुट रहे। इससे पहले फ्रांस के गृहमंत्री ने इस बात की पुष्टि की थी कि संदिग्ध के बारे में फ्रांसीसी डीसीआरआई घरेलू खुफिया एजेंसी को जानकारी थी और उसे पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर कानूनविहीन क्षेत्र में घूमते देखा गया। इस घटना से एक बात और साबित होती है कि नई दिल्ली, बैंकाक और जॉर्जिया में यहूदियों पर हमले या हमलों का प्रयास एक तयशुदा रणनीति के तहत ही किया गया था जिसमें फ्रांस का तुलूज शहर भी शामिल है। वैसे कोई भी धर्म नन्हें, निर्दोष बच्चों को मारने की इजाजत नहीं देता।
बृहस्पतिवार को फ्रांस के तुलूज शहर में एक नाटकीय कार्यक्रम में स्थानीय पुलिस ने अलकायदा के एक संदिग्ध आतंकवादी को जिस इमारत में वह छिपा हुआ था उसे चारों ओर से घेर लिया। इस तथाकथित अलकायदा के जेहादी ने जब अपने आपको चारों तरफ से घिरा पाया तो उसने बालकॉनी से ताबड़तोड़ गोलियां चलानी आरम्भ कर दीं। उसने 30 से ज्यादा फायर किए। अन्त में वह पुलिस की गोलियों से मारा गया और इस तरह पिछले चार दिनों से चल रहा यह घटनाक्रम समाप्त हो गया। मारा गया जेहादी मोहम्मद मेराह 23 वर्ष पर आरोप था कि उसने तुलूज के एक यहूदी बच्चों के स्कूल के बाहर अंधाधुंध गोलाबारी की और तीन यहूदी बच्चों सहित चार लोगों की हत्या कर दी। मोहम्मद गोलाबारी की और तीन यहूदी बच्चों सहित चार लोगों की हत्या कर दी। मोहम्मद मेराह मूल रूप से अल्जीरिया का था। इन यहूदी बच्चों की उम्र 4, 5 और 7 वर्ष थी। मेराह ने एक फ्रांस के 3 सैनिकों को भी मौत के घाट उतार दिया था। पुलिस ने कहा कि मेराह के इस हत्या करने के पीछे कई कारण थे। मेराह ने मरने से पहले कहा था कि फ्रांस में औरतों को परदा न करने का सरकारी फैसला उसे बिल्कुल स्वीकार्य नहीं था। पुलिस को मेराह के घर से कई वीडियो रिकॉर्डिंग मिलीं। इनमें से एक में उसने फ्रांस के एक सैनिक पैराट्रूपर (सैनिक) को मारने से पहले कहा `तुम मेरे भाई को मारो, मैं तुम्हें मार डालूंगा।' एक और वीडियो में वह दो फ्रांसीसी सैनिकों को मारने के वक्त `अल्लाह हो अकबर' का नारा बोलता रहा। मेराह ने पुलिस को मरने से पहले बताया कि उसने वजीरिस्तान के क्वेटा शहर में अलकायदा ट्रेनिंग कैम्प में ट्रेनिंग ली थी और उसने कई और हमलों की योजना बना रखी थी पर बुधवार मार्च 21 को तुलूज पुलिस के 300 जवानों ने उस इमारत को घेर लिया जिसमें मेराह यहूदी स्कूल में फायरिंग करने के बाद छिप गया था। ओजर हेतोराह यहूदी स्कूल के मारे गए तीन बच्चों के शवों को बुधवार को यरुशलम में दफनाया गया। यद्यपि तुलूज का यह हमला एक भारी त्रासदी थी पर यह पूरी तरह से अप्रत्याशित नहीं थी। फ्रांस में यहूदी लम्बे समय से उस देश में अरब आप्रवासियों से शत्रुता का सामना कर रहे हैं और अब तो नौबत यह आ गई है कि फ्रांस में रह रहे यहूदी फ्रांस से इजरायल पलायन करने की सोचने पर मजबूर हो रहे हैं। यहूदी बच्चों को स्कूल जाते वक्त सताया जाता है, उन पर ताने कसे जाते हैं। तुलूज और आसपास के इलाकों में बीते दिनों के भीतर गोलीबारी की तीन घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें सात लोग मारे जा चुके हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सर्कोजी ने कहाöराष्ट्रीय अखंडता को भंग करने में आतंकवाद को कभी कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। यह वक्त है जब पूरा देश एकजुट रहे। इससे पहले फ्रांस के गृहमंत्री ने इस बात की पुष्टि की थी कि संदिग्ध के बारे में फ्रांसीसी डीसीआरआई घरेलू खुफिया एजेंसी को जानकारी थी और उसे पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर कानूनविहीन क्षेत्र में घूमते देखा गया। इस घटना से एक बात और साबित होती है कि नई दिल्ली, बैंकाक और जॉर्जिया में यहूदियों पर हमले या हमलों का प्रयास एक तयशुदा रणनीति के तहत ही किया गया था जिसमें फ्रांस का तुलूज शहर भी शामिल है। वैसे कोई भी धर्म नन्हें, निर्दोष बच्चों को मारने की इजाजत नहीं देता।
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