एशिया कप क्रिकेट के महत्वपूर्ण मैच में बंगलादेश ने श्रीलंका को हराकर पहली बार फाइनल में प्रवेश कर लिया। अब बंगलादेश और पाकिस्तान के बीच फाइनल होगा। भारत बाहर हो गया। पाकिस्तान के खिलाफ इतना अच्छा खेलने के बाद भी टीम इंडिया के बाहर होने का सभी को दुःख है। एक सवाल जो किया जा रहा है कि क्या श्रीलंका जानबूझ कर बंगलादेश से हारा ताकि फाइनल में भारत प्रवेश न कर सके? जिस श्रीलंका के एक गेंदबाज ने भारत के साथ एक वर्ष पहले हुए मुकाबले में अंतिम गेंद पर जब भारत को जीत के लिए एक रन चाहिए था और वीरेन्द्र सहवाग 99 पर नाबाद थे, की सेंचुरी रोकने के लिए जानबूझ कर नो बॉल डाल दी हो तो उस श्रीलंका से सच्ची खेल भावना की उम्मीद नहीं की जा सकती। पूरे देश में यही चर्चा थी कि इस नूराकुश्ती की मार भारत पर ही पड़ेगी। श्रीलंका ने बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग में महज खानापूर्ति करते हुए जीत बंगलादेश को परोस दी। वजह एक थी कि जिस भारत ने श्रीलंका को धूल चटा रखी है, वह फाइनल में न पहुंच सके। बंगलादेश की जीत के साथ ही पांच बार का चैंपियन भारत फाइनल की होड़ से बाहर हो गया। हालांकि भारत और बंगलादेश के एक बराबर आठ अंक रहे लेकिन मेजबान टीम ने चूंकि भारत को हराया था इसलिए उसे फाइनल का टिकट मिल गया। बेशक टीम इंडिया फाइनल में नहीं आ सकी पर इस सीरीज में भारत की कम से कम दो बहुत बड़ी उपलब्धियां रहीं। पहली सचिन का सौवां सैकड़ा और दूसरा विराट कोहली जो एक अत्यंत महत्वपूर्ण बैट्समैन के रूप में उभरे। इस 23 वर्षीय पश्चिमी दिल्ली के युवा खिलाड़ी ने अब दुनिया के महान बल्लेबाजों की सूची में प्रवेश कर लिया है। जब वह बल्लेबाजी करता है तो विपक्ष के बड़े से बड़ा स्कोर बौना बन जाता है। तीन हफ्ते में दो बार अकेले अपने दमखम से विराट ने टीम इंडिया को जीत का सेहरा पहनाया है। रविवार को कोहली का 148 गेंदों में 183 व इनकी वजह से टीम इंडिया ने एक रिकॉर्ड कायम कर दिया रन चेस में। बुरा न मानो कोहली है यह एमएमएस पूरे मीरपुर में गूंजता रहा। पिछले साल विराट कोहली ने वनडे का सबसे ज्यादा स्कोर बनाया था। उससे पहले सात वह दूसरे नम्बर के हाइस्ट स्कोरर रहे। इसलिए यह कहना शायद गलत नहीं होगा कि इस समय विराट कोहली दुनिया के सबसे अव्वल वनडे बल्लेबाज बन गए हैं। हालांकि विराट कोहली की इस शानदार फार्म पर सबको नाज है पर उन्हें अपने व्यवहार में सुधार लाना चाहिए। गुस्सा, अहंकार अच्छे-अच्छे को धूल चटा देता है। कुछ ज्योतिषियों का कहना है कि उन्हें गुस्सा इसलिए आता है कि वह 18 नम्बर की जर्सी पहनते हैं। इसका योग होता है 9। यह अच्छा योग नहीं है। इनके अनुसार विराट को ऐसी जर्सी पहननी चाहिए जिसका योग 5 होना चाहिए। जैसे 14, 32। विराट का जन्म का नम्बर 5 है। वह 23 वर्ष के हैं जिसका योग भी 5 है, यह साल 2012 है जिसका नम्बर भी 5 बनता है। इसी वजह से यह साल उनके लिए विशेष है। उनके गुस्से व अहंकार के कारण उन्हें टीम इंडिया का एंग्री यंगमैन भी कहा जा रहा है।
एशिया कप क्रिकेट के महत्वपूर्ण मैच में बंगलादेश ने श्रीलंका को हराकर पहली बार फाइनल में प्रवेश कर लिया। अब बंगलादेश और पाकिस्तान के बीच फाइनल होगा। भारत बाहर हो गया। पाकिस्तान के खिलाफ इतना अच्छा खेलने के बाद भी टीम इंडिया के बाहर होने का सभी को दुःख है। एक सवाल जो किया जा रहा है कि क्या श्रीलंका जानबूझ कर बंगलादेश से हारा ताकि फाइनल में भारत प्रवेश न कर सके? जिस श्रीलंका के एक गेंदबाज ने भारत के साथ एक वर्ष पहले हुए मुकाबले में अंतिम गेंद पर जब भारत को जीत के लिए एक रन चाहिए था और वीरेन्द्र सहवाग 99 पर नाबाद थे, की सेंचुरी रोकने के लिए जानबूझ कर नो बॉल डाल दी हो तो उस श्रीलंका से सच्ची खेल भावना की उम्मीद नहीं की जा सकती। पूरे देश में यही चर्चा थी कि इस नूराकुश्ती की मार भारत पर ही पड़ेगी। श्रीलंका ने बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग में महज खानापूर्ति करते हुए जीत बंगलादेश को परोस दी। वजह एक थी कि जिस भारत ने श्रीलंका को धूल चटा रखी है, वह फाइनल में न पहुंच सके। बंगलादेश की जीत के साथ ही पांच बार का चैंपियन भारत फाइनल की होड़ से बाहर हो गया। हालांकि भारत और बंगलादेश के एक बराबर आठ अंक रहे लेकिन मेजबान टीम ने चूंकि भारत को हराया था इसलिए उसे फाइनल का टिकट मिल गया। बेशक टीम इंडिया फाइनल में नहीं आ सकी पर इस सीरीज में भारत की कम से कम दो बहुत बड़ी उपलब्धियां रहीं। पहली सचिन का सौवां सैकड़ा और दूसरा विराट कोहली जो एक अत्यंत महत्वपूर्ण बैट्समैन के रूप में उभरे। इस 23 वर्षीय पश्चिमी दिल्ली के युवा खिलाड़ी ने अब दुनिया के महान बल्लेबाजों की सूची में प्रवेश कर लिया है। जब वह बल्लेबाजी करता है तो विपक्ष के बड़े से बड़ा स्कोर बौना बन जाता है। तीन हफ्ते में दो बार अकेले अपने दमखम से विराट ने टीम इंडिया को जीत का सेहरा पहनाया है। रविवार को कोहली का 148 गेंदों में 183 व इनकी वजह से टीम इंडिया ने एक रिकॉर्ड कायम कर दिया रन चेस में। बुरा न मानो कोहली है यह एमएमएस पूरे मीरपुर में गूंजता रहा। पिछले साल विराट कोहली ने वनडे का सबसे ज्यादा स्कोर बनाया था। उससे पहले सात वह दूसरे नम्बर के हाइस्ट स्कोरर रहे। इसलिए यह कहना शायद गलत नहीं होगा कि इस समय विराट कोहली दुनिया के सबसे अव्वल वनडे बल्लेबाज बन गए हैं। हालांकि विराट कोहली की इस शानदार फार्म पर सबको नाज है पर उन्हें अपने व्यवहार में सुधार लाना चाहिए। गुस्सा, अहंकार अच्छे-अच्छे को धूल चटा देता है। कुछ ज्योतिषियों का कहना है कि उन्हें गुस्सा इसलिए आता है कि वह 18 नम्बर की जर्सी पहनते हैं। इसका योग होता है 9। यह अच्छा योग नहीं है। इनके अनुसार विराट को ऐसी जर्सी पहननी चाहिए जिसका योग 5 होना चाहिए। जैसे 14, 32। विराट का जन्म का नम्बर 5 है। वह 23 वर्ष के हैं जिसका योग भी 5 है, यह साल 2012 है जिसका नम्बर भी 5 बनता है। इसी वजह से यह साल उनके लिए विशेष है। उनके गुस्से व अहंकार के कारण उन्हें टीम इंडिया का एंग्री यंगमैन भी कहा जा रहा है।
एशिया कप क्रिकेट के महत्वपूर्ण मैच में बंगलादेश ने श्रीलंका को हराकर पहली बार फाइनल में प्रवेश कर लिया। अब बंगलादेश और पाकिस्तान के बीच फाइनल होगा। भारत बाहर हो गया। पाकिस्तान के खिलाफ इतना अच्छा खेलने के बाद भी टीम इंडिया के बाहर होने का सभी को दुःख है। एक सवाल जो किया जा रहा है कि क्या श्रीलंका जानबूझ कर बंगलादेश से हारा ताकि फाइनल में भारत प्रवेश न कर सके? जिस श्रीलंका के एक गेंदबाज ने भारत के साथ एक वर्ष पहले हुए मुकाबले में अंतिम गेंद पर जब भारत को जीत के लिए एक रन चाहिए था और वीरेन्द्र सहवाग 99 पर नाबाद थे, की सेंचुरी रोकने के लिए जानबूझ कर नो बॉल डाल दी हो तो उस श्रीलंका से सच्ची खेल भावना की उम्मीद नहीं की जा सकती। पूरे देश में यही चर्चा थी कि इस नूराकुश्ती की मार भारत पर ही पड़ेगी। श्रीलंका ने बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग में महज खानापूर्ति करते हुए जीत बंगलादेश को परोस दी। वजह एक थी कि जिस भारत ने श्रीलंका को धूल चटा रखी है, वह फाइनल में न पहुंच सके। बंगलादेश की जीत के साथ ही पांच बार का चैंपियन भारत फाइनल की होड़ से बाहर हो गया। हालांकि भारत और बंगलादेश के एक बराबर आठ अंक रहे लेकिन मेजबान टीम ने चूंकि भारत को हराया था इसलिए उसे फाइनल का टिकट मिल गया। बेशक टीम इंडिया फाइनल में नहीं आ सकी पर इस सीरीज में भारत की कम से कम दो बहुत बड़ी उपलब्धियां रहीं। पहली सचिन का सौवां सैकड़ा और दूसरा विराट कोहली जो एक अत्यंत महत्वपूर्ण बैट्समैन के रूप में उभरे। इस 23 वर्षीय पश्चिमी दिल्ली के युवा खिलाड़ी ने अब दुनिया के महान बल्लेबाजों की सूची में प्रवेश कर लिया है। जब वह बल्लेबाजी करता है तो विपक्ष के बड़े से बड़ा स्कोर बौना बन जाता है। तीन हफ्ते में दो बार अकेले अपने दमखम से विराट ने टीम इंडिया को जीत का सेहरा पहनाया है। रविवार को कोहली का 148 गेंदों में 183 व इनकी वजह से टीम इंडिया ने एक रिकॉर्ड कायम कर दिया रन चेस में। बुरा न मानो कोहली है यह एमएमएस पूरे मीरपुर में गूंजता रहा। पिछले साल विराट कोहली ने वनडे का सबसे ज्यादा स्कोर बनाया था। उससे पहले सात वह दूसरे नम्बर के हाइस्ट स्कोरर रहे। इसलिए यह कहना शायद गलत नहीं होगा कि इस समय विराट कोहली दुनिया के सबसे अव्वल वनडे बल्लेबाज बन गए हैं। हालांकि विराट कोहली की इस शानदार फार्म पर सबको नाज है पर उन्हें अपने व्यवहार में सुधार लाना चाहिए। गुस्सा, अहंकार अच्छे-अच्छे को धूल चटा देता है। कुछ ज्योतिषियों का कहना है कि उन्हें गुस्सा इसलिए आता है कि वह 18 नम्बर की जर्सी पहनते हैं। इसका योग होता है 9। यह अच्छा योग नहीं है। इनके अनुसार विराट को ऐसी जर्सी पहननी चाहिए जिसका योग 5 होना चाहिए। जैसे 14, 32। विराट का जन्म का नम्बर 5 है। वह 23 वर्ष के हैं जिसका योग भी 5 है, यह साल 2012 है जिसका नम्बर भी 5 बनता है। इसी वजह से यह साल उनके लिए विशेष है। उनके गुस्से व अहंकार के कारण उन्हें टीम इंडिया का एंग्री यंगमैन भी कहा जा रहा है।
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