Thursday, 2 March 2017

भारत में पहली बार आईएस का लोन वुल्फ गिरफ्तार

भारत में पहली बार आतंकी संगठन आईएस (इस्लामिक स्टेट) के दो लोन वुल्फ हमलावर गिरफ्तार किए गए हैं। दोनों पश्चिमी देशों की तर्ज पर भारत को दहलाने की साजिश रच रहे थे। गुजरात के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने रविवार को राजकोट और भावनगर से दो संदिग्ध आईएस आतंकियों को धर दबोचा। दोनों आतंकी चोटीला स्थित चामुंडा मंदिर और अन्य धार्मिक स्थलों पर हमले की फिराक में थे। एटीएस के हत्थे चढ़े वसीम और नईम रमोडिया सगे भाई हैं और एक की पत्नी भी इन गतिविधियों में लिप्त है। दोनों जिला स्तर के क्रिकेट अंपायर आरिफ रमोडिया के बेटे हैं।  वसीम के पास बीसीए की डिग्री है। गुजरात एटीएस के महानिरीक्षक जेके भट्ट के अनुसार दोनों आतंकियों के पास से विस्फोटक सामग्री के अलावा जेहादी साहित्य भी बरामद किया गया है। जब उन्हें गिरफ्तार किया गया तब वे बम बना रहे थे। उनसे 90 ग्राम गन पाउडर और बैटरी भी बरामद हुई। दोनों आतंकी करीब दो साल पहले आईएस के ऑनलाइन साहित्य के संपर्क में आए। इसके बाद आईएस के विवादास्पद प्रचारक अब्दुल सामी कासमी से भी इनकी बातचीत शुरू हो गई थी। स्काइप ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया के जरिए आईएस हैंडलरों के संपर्क में थे। दोनों पर पिछले तीन महीने से निगाह रखी जा रही थी। इनका इरादा बड़े पैमाने पर खूनखराबा करने के अलावा देश में खौफ पैदा करना था। इन्होंने हमले का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर भी जारी करने का मंसूबा पाल रखा था। कई स्थानों पर हमला करने और वाहनों में आग लगाने की भी उनकी साजिश थी। लोन वुल्फ हमला, भेड़िए की तरह अकेले हमला करने की तरह रणनीति को `लोन वुल्फ' हमला कहते हैं। इन हमलों में छोटे हथियार, बम, चाकुओं, ग्रेनेड आदि का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे हमलों को अकेला आतंकी इसलिए अंजाम देता है ताकि वह ज्यादा से ज्यादा लोगों को मार सके। दरअसल इस तरह की साजिश रचने वाले का पता लगाना खुफिया एजेंसियों के लिए मुश्किल होता है। कभी-कभी यह इतना खतरनाक होता है कि हाल ही में अमेरिका के ओरलेंडो में ऐसे ही लोन वुल्फ हमले में एक नाइट क्लब में 49 लोगों की जान चली गई थी। उमर मतीन नाम के आतंकी ने पिछले साल जून में यह हमला किया था। फ्रांस के नीस शहर में पिछली जुलाई को एक ऐसे ही आतंकी ने 86 लोगों पर ट्रक चढ़ाकर हत्या कर दी थी। अमेरिका की ओहायो यूनिवर्सिटी में एक आतंकी ने गोलीबारी कर 11 लोगों को घायल कर दिया था। आईएस भारत में प्रवेश कर चुका है। आईएस में शामिल होने वाला केरल का एक युवक हफीजुद्दीन गत शुक्रवार को अफगानिस्तान में हुए ड्रोन हमले में मारा गया। हफीजुद्दीन कसारगौड़ से 2016 में लापता उन 17 युवकों में से एक था जो आईएस में शामिल होने के लिए गए थे।

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