Saturday 18 March 2017

फतवों से डरने वाली नहीं, गाती रहूंगी ः नाहिद

एक बार फिर इन मौलवियों की फतवों की सियासत चर्चा में है। असम में कुछ कट्टरपंथी मौलवियों ने इंडियन आइडल जूनियर की रनर-अप रही सोलह वर्षीय जूनियर गायिका नाहिद आफरीन के खिलाफ ताजा फतवा जारी किया है। नाहिद के खिलाफ 46 मौलवियों, संगठनों और लोगों के नाम से जारी फतवे में कहा गया है कि नाहिद इंडियन आइडल के फाइनल से दूर रहें। ऐसे कार्यक्रम नई पीढ़ी को भ्रष्ट करेंगे। इस तरह के मनोरंजन के कार्यक्रम जारी रखे गए तो अल्लाह का कहर बरपेगा। जादू, नृत्य, नाटक थियेटर शरीयत के खिलाफ है। शरीयत का उल्लंघन कर मस्जिद, ईदगाह, मदरसों और कब्रिस्तान से घिरे मैदान में म्यूजिकल नाइट का आयोजन किया गया तो लोगों पर अल्लाह का कहर टूट पड़ता है। नाहिद आफरीन हाल ही में सोनाक्षी सिन्हा की फिल्म अकीरा के लिए प्लेबैक सिंगिंग कर चुकी हैं। अभी 25 मार्च को असम में नाहिद का म्यूजिक शो होना है। फतवे पर नाहिद ने दो टूक कहा कि संगीत इस्लाम के खिलाफ नहीं है। उसमें गायक खुदा की सौगात है और मेरा मानना है कि इसका सही तरीके से इस्तेमाल होना चाहिए। ऐसा न करना खुदा को नजरंदाज करना होगा। मेरे पिता का कहना है कि हमारे धर्मगुरुओं ने कहा कि मेरे गाने में कोई बुराई नहीं है। असम में अल्पसंख्यकों की कई जानी-मानी हस्तियों ने नाहिद का समर्थन किया है। नाहिद ने कहा कि अल्लाह ने ही मुझे यह आवाज बख्शी है। उसी खुदा ने मुझे तोहफे के तौर पर संगीत भी दिया है। अगर मैं इसका सही इस्तेमाल न करूं तो आखिरकार खुदा की ही अनदेखी होगी। मुझे धमकी इसलिए दी गई है क्योंकि मैं लड़की हूं। लड़का होता तो उन्हें कोई दिक्कत न होती। नाहिद ने मौलवियों के जवाब में उचित ही कहा है कि अगर वह अपना संगीत जारी नहीं रखेंगी तो खुदा की अनदेखी करेगी। दरअसल खुदा की अनदेखी तो वे मौलवी कर रहे हैं जो न तो एक बच्ची की प्रतिभा का सम्मान कर रहे हैं और न ही भारतीय उपमहाद्वीप में इस्लाम और संगीत के दीर्घकालिक रिश्ते की कद्र कर रहे हैं। कई बार ऐसे फतवे उन युवा प्रतिभाओं और उनके परिवारों के भीतर भय पैदा करते हैं जो मीडिया और फिल्मी दुनिया में जगह बना रहे होते हैं। ऐसी ही घटना कश्मीर की लड़की जायरा वसीम के साथ भी हुई थी जिसने आमिर खान की दंगल फिल्म में पहलवान बेटी की भूमिका निभाई थी। भारतीय उपमहाद्वीप की कला और संगीत जगत हिन्दुओं और मुस्लिमों की साझी विरासत की शानदार गवाही देता है। उस्ताद विलायत खान, उस्ताद बड़े गुलाम अली खां, उस्ताद अब्दुल करीम खां, उस्ताद बिस्मिल्ला खां और बेगम अख्तर, शमशाद बेगम, नूरजहां से लेकर आज के गायक की फेहरिस्त बेहद लंबी है जिसे बचाना होगा।

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