Saturday, 25 March 2017

ब्रिटिश संसद पर आतंकी हमला

बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स पर आतंकी हमले की पहली बरसी पर बुधवार को लंदन में ब्रिटिश संसद को निशाना बनाया गया। हमलावर ने फ्रांस के नीस शहर में हुए ट्रक हमले जैसा हमला करने का प्रयास किया। कार सवार हमलावर ने तेज रफ्तार कार से संसद की ओर जाने वाले वेस्टमिस्टर ब्रिज पर दर्जनभर पैदल यात्रियों को कुचल दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक कार की टक्कर इतनी जोरदार थी कि कुछ लोग टेम्स नदी में जा गिरे। याद रहे कि जुलाई 2016 में नीस में ट्रक सवार आत्मघाती हमलावर ने 84 लोगों को कुचल डाला था। ब्रिटेन की संसद को बुधवार ब्रुसेल्स के एयरपोर्ट पर हुए आत्मघाती हमले की पहली बरसी पर निशाना बनाया गया। ब्रुसेल्स हमले में तीन आत्मघाती हमलावरों ने धमाका किया था जिसमें 36 लोग मारे गए थे। बुधवार को लंदन हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) ने ली है। आतंकी संगठन की ओर से कहा गया है कि खलीफा के सिपाही ने इस हमले को अंजाम दिया। ब्रिटिश प्राइम मिनिस्टर टेरिजा मे ने हाउस ऑफ कामंस में बताया कि हमलावर आईएस से प्रभावित था और हमलावर ने अकेले ही घटना को अंजाम दिया था। ब्रिटिश पुलिस के मुताबिक 52 साल का खालिद मुस्तफा ब्रिटेन में ही पैदा हुआ था और चरमपंथी खतरे को लेकर एक बार उसकी जांच भी की गई थी। घटना में एक हमलावर समेत चार लोगों की मौत हो चुकी है और 40 लोग घायल हैं। ब्रिटेन की संसद पर हमले की कोशिश के बीच हाउस ऑफ कामंस में करीब 400 सांसद मौजूद थे। वह सभी आसपास हो रही वारदातों और उसके बाद की पुलिस छानबीन के बीच कई घंटों तक संसद भवन के अंदर ही बंद रहे। टेरिजा सरकार में विदेश मामलों के मंत्री टेबियस एलवुड ने संसद भवन के बाहर आकर हमलावर के चाकू से घायल पुलिसकर्मी का बेतहाशा बहता खून रोकने की कोशिश भी की। बताया जाता है कि तमाम प्रयासों के बावजूद बुरी तरह से जख्मी पुलिसकर्मी ने बाद में दम तोड़ दिया। आईएस के खिलाफ अभियान के बाद ही ब्रिटेन आतंकी हमले को लेकर दूसरे सबसे उच्चतम अलर्ट पर था। लंदन में मई 2013 में ऐसी ही घटना में दो ब्रिटिश आतंकियों ने एक सैनिक पर चाकुओं से हमला कर उसकी जान ले ली थी। जबकि जुलाई 2005 में लंदन के एक मेट्रो स्टेशन पर हुए हमले में 52 लोगों की जान चली गई थी। पिछले कुछ समय से पूरा यूरोप आईएस के निशाने पर है। कभी ब्रुसेल्स तो कभी फ्रांस तो कभी ब्रिटेन, जर्मनी। दुखद पहलू यह है कि ब्रिटेन में हो रहे आतंकी हमले ब्रिटेन में पैदा हुए नागरिक कर रहे हैं।

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