Sunday 5 March 2017

आखिरकार अबू बकर अल बगदादी ने कबूली हार!

मध्य-पूर्व एशिया में कहर ढाहने वाला आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के खूंखार मुखिया अबू बकर अल बगदादी ने अंतत इराक में अपनी हार मान ली है। बगदादी ने `फेयरवेल स्पीच' शीर्षक नाम का एक बयान जारी किया है और इसे मंगलवार को आईएस प्रचारकों और कठमुल्लाओं में वितरित किया गया। बगदादी का यह बयान इराक सेना द्वारा आईएस बहुल मौसुल पर कब्जे के बाद आया है। बता दें कि बगदादी ने खुद को खलीफा घोषित किया था। एक समय था कि आईएस का जाल 18 देशों में फैल गया था। अफगानिस्तान और पाकिस्तान तक प्रभावित था। दिसम्बर 2016 तक आईएस का कब्जा 60 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर था। उल्लेखनीय है कि अंतर्राष्ट्रीय और अमेरिकी सेनाओं व रूसी बमबारी के सहयोग से इराकी सेना ने 17 अक्तूबर को मौसुल से आईएस को खदेड़ने का अभियान शुरू किया था। जनवरी 2017 तक मौसुल के पूर्वी हिस्से पर सेना का कब्जा हो गया था। विभिन्न मीडिया रिपोर्टों में बगदादी के कई बार घायल होने की खबरें भी सामने आ चुकी हैं। बगदादी पर एक करोड़ डॉलर (करीब 66 करोड़ रुपए) का इनाम अमेरिका ने रखा है। इराकी टीवी नेटवर्क अलसुमारिया ने अल अरबिया रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि बगदादी ने आईएस कार्यालय से एक संदेश जारी किया है जिसमें समूह के लड़ाकों और समूह के गैर अरब लड़ाकों को अपने वतन लौटने और खुद को विस्फोट से उड़ाने के निर्देश दिए हैं और उनसे स्वर्ग में 72 हूरें मिलने का वादा किया है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि बगदादी इस समय सेना से घिरे हुए इलाके में ही फंसा है या कहीं और चला गया है? रिपोर्ट के मुताबिक आईएस के कई बड़े आतंकी इस समय इराक से कूच कर पड़ोसी देश सीरिया में पहुंच चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट में बगदादी को हमले में गंभीर रूप से घायल बताया गया है। उसके सिर पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम है। गौरतलब है कि पूर्वी सीरिया और उत्तरी इराक में आईएस के कब्जे के बाद बगदादी ने 2014 में खुद को खलीफा घोषित कर लिया था। इराक में कई आईएस नेता पड़ोसी सीरिया में समूह द्वारा नियंत्रित क्षेत्र में भाग गए हैं। बगदादी का जन्म 29 जुलाई 1971 को इराक के सामरी में हुआ था। बगदाद के इस्लामी विज्ञान में इसने मास्टर की डिग्री हासिल की और फिर पीएचडी की। चार अक्तूबर 2011 को अमेरिका ने प्रतिबंधित सूची में शामिल किया और उस पर एक करोड़ डॉलर का इनाम रखा। 16 दिसम्बर 2016 को राशि बढ़ाकर ढाई करोड़ डॉलर कर दी गई। 2014 में बगदादी अलकायदा का कमांडर बना और 2014 में खुद को खलीफा घोषित कर लिया। उसके हार मानने की खबर स्वागत योग्य है और बड़ी उपलब्धि है।

-अनिल नरेन्द्र

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