Saturday, 11 March 2017

भारत में इस्लामिक स्टेट का नया खतरा


मध्य प्रदेश के भोपाल-उज्जैन पैसेंजर रेल में हुए विस्फोट के बाद जिस ढंग से आईएस (इस्लामिक स्टेट) का संजाल सामने आ रहा है। वह न सिर्फ बहुत भीषण है, इससे यह भी साफ है कि असुरक्षित अब सिर्फ रेल यात्राएं नहीं बल्कि कमोबेश पूरा देश है। दुर्घटना के तत्काल बाद इस विस्फोट को जिस तरह आईएस द्वारा संचालित बता दिया गया, वह फिलहाल जल्दबाजी का नमूना ज्यादा लगता है। इस मामले में पूर्ण सच्चाई तो खैर समुचित जांच-पड़ताल के बाद ही सामने आएगी। उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सें में युवाओं पर आईएस के प्रभाव की आशंका पहले से जताई जा रही है। कुछ युवकों के दूसरे देशों में जाकर आईएस में शामिल होने की पुष्टि भी हो चुकी है। हमला हुआ मध्य प्रदेश में और आतंकवादी निकल रहे हैं उत्तर प्रदेश से। जिस ढंग से इस हमले के मास्टरमाइंड माने जाने वाले सैफुल्लाह से उत्तर प्रदेश पुलिस को करीब 11 घंटे भिड़ंत करनी पड़ी, उससे पता चलता है कि यह आतंकवादी घटनाओं के लिए काफी प्रशिक्षित किए जा चुके हैं। जेहादी विचारों के प्रति उसका समर्पण देखिए कि पुलिस ने हरसंभव कोशिश की कि उसे जिंदा पकड़ लिया जाए, लेकिन उसने कहा कि वह शहीद होना चाहता है और वही हुआ। राजधानी लखनऊ की हाजी कालोनी में एनकाउंटर में मारे गए संदिग्ध आतंकी सैफुल्लाह ने साथियों के साथ इमामबाड़ा समेत शहर की कई दरगाहों को दहलाने की साजिश रची थी। उसके निशाने पर बाराबंकी की देवा शरीफ दरगाह भी थी। सैफुल्लाह और कानपुर से पकड़े गए उसके दो साथी देवा शरीफ में 27 मार्च को उर्स मेले में जुटने वाली भीड़ को निशाना बनाने की बड़ी साजिश रच रहे थे। यह खुलासा दोनों संदिग्ध आतंकियों से पूछताछ और सैफुल्लाह के पास बरामद सामान से हुआ है। लखनऊ में एटीएस के घेरे में आए और कानपुर से गिरफ्तार आतंकियों के तार आईएस से जुड़े हैं। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार आईएस से जुड़े इसी आतंकी गुट ने मंगलवार सुबह मध्य प्रदेश के राजापुर जिले में ट्रेन में धमाका किया था। तेलंगाना पुलिस ने इन आतंकियों की पहचान कर उत्तर प्रदेश पुलिस को जानकारी दी और उसके बाद आतंकियों की धरपकड़ शुरू हुई। तेलंगाना पुलिस की सूचना पर इस पहले भी आईएस के कई आतंकी मॉड्यूल को ध्वस्त किया जा चुका है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आईएस के इस आतंकी गुट का सरगना अल कासिम है, जो कानपुर का रहने वाला है। भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में ब्लास्ट करने वाले आतंकी संगठन का आईएस से जुड़े होने का एक सबूत यह है कि घटना स्थल की फोटो अपने हैंडलर को सीरिया अपलोड भी किए। एनकाउंटर में ढेर हुए सैफुल्लाह के कमरे से मुंगेर की बनी .32 बोर की आठ पिस्टल, 630 कारतूस, .32 बोर के 71 खोखे बरामद हुए। इसके अलावा 45 ग्राम सोना, 3 मोबाइल फोन, विभिन्न बैंकों की चैक बुक, एटीएम कार्ड, पैन कार्ड और अतीक, दानिश, सैफुल्लाह के पासपोर्ट और एक बाइक बरामद की गई, साथ ही डेढ़ लाख रुपए और कुछ सउदी रियाल बरामद हुए है। बताया गया है कि सैफुल्लाह कुछ दिन पहले सउदी अरब में उमरा करने गया था। कुछ लोग जो यह कहते नहीं कि आतंकी एक जाति समूह के क्यों होते हैं या जो लोग यह कहते हैं कि पहले यह तो साबित करो कि सैफुल्लाह आतंकवादी था, उनके मुंह पर सैफल्लाह के पिता ने करारा तमाचा मारा है। जाजमऊ के मनोहर नगर में रहने वाले आतंकी सैफुल्लाह के पिता सरताज ने कहा कि जो देश का नहीं, वह मेरा बेटा नहीं हो सकता। उसे यही सजा मिलनी चाहिए थी। सैफुल्लाह के दो भाइयों ने भी शव को सुपुर्द--खाक करने से इंकार कर दिया। जितनी संख्या में संदिग्ध पकड़े जा रहे हैं, उसके पास से जो सामग्रियां बरामद हो रही हैं, उनका निष्कर्ष यही है कि आईएस से प्रभावित आतंकवादियों ने हमारे देश में न सिर्फ संगठन बना लिया है, बल्कि वह अनेक हमलों की साजिशें भी रच चुके हैं। पिछले महीने ही गुजरात के राजकोट से आईएस के दो लोन वुल्फ आतंकवादी पकड़े गए थे। यह लोन आईएस खुरासान नाम के जिस संगठन के तहत काम कर रहे थे, उसका विस्तार इन कुछ आतंकियों तक सीमित नहीं हो सकता है। आईएस ने पूरी दुनिया में अपने इस्लामिक साम्राज्य का जो नक्शा प्रकाशित किया है, उसमें उसने इस क्षेत्र का नाम खुरासान दिया है। दुर्भाग्य से आईएस जैसे खूंखार आतंकी संगठन के रास्ते पर ले जाने वाली तमाम सामग्री इंटरनेट पर मौजूद है और यह उपलब्ध जेहादी सामग्री, बम और बारूद बनाना सिखाने से ज्यादा आतंकी संगठन के रास्ते पर ले जाने वाली विचारधारा से युवा प्रभावित हो रहे हैं। चिंताजनक तो यह भी है कि अब बड़ी संख्या में पढ़े-लिखे युवा भी आतंक के रास्ते पर जा रहे हैं। जाहिर है कि यह भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। आईएस के हिंसक विचार को नष्ट करना होगा, अन्यथा यह विनाश मचा सकते हैं। इसके लिए यह जरूरी है कि राज्यों के बीच समन्वय के साथ फोकस करके अभियान चलाया जाए।

öअनिल नरेन्द्र

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