Thursday 30 March 2017

राजधानी, शताब्दी में फ्लेक्सी योजना समाप्त होगी

लगता है कि रेल मंत्रालय का वीआईपी ट्रेनों, राजधानी और शताब्दी एक्सप्रेस में फ्लेक्सी किराया योजना कामयाब नहीं हो पाई। सामान्य से डेढ़ गुना अधिक किराया होने से रेल  यात्री अब हवाई सफर करना बेहतर विकल्प मान रहे हैं। ट्रेनों में बर्थ खाली जा रही है और ज्यादा कमाई की जगह रेलवे को नुकसान उठाना पड़ रहा है। खबर है कि रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रेलवे बोर्ड को फ्लेक्सी किराया स्कीम हटाने का निर्देश दिया है। हालांकि रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह भी कहा कि अधिकारियों का एक वर्ग अभी भी फ्लेक्सी फेयर के फैसले पर अड़ा है। राजधानी और शताब्दी में खाली बर्थ भरने की योजना को अगर सब ठीक रहा तो 1 अप्रैल से हटाया जा सकता है। इसमें मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों में प्रतीक्षा वाले यात्रियों को बगैर अतिरिक्त किराया दिए राजधानी और शताब्दी में सफर करने का मौका दिया जाएगा। हालांकि आरक्षण फार्म भरते समय यात्री को विकल्प के तौर पर संबंधित राजधानी-शताब्दी अथवा दुरंतो ट्रेन का उल्लेख करना होगा। यात्री का टिकट कंफर्म नहीं हुआ तो विकल्प वाली ट्रेन में बर्थ खाली होने पर सफर करने का मौका मिलेगा। एक मई अथवा जून महीने में राजधानी-शताब्दी और दुंरतो से फ्लेक्सी फेयर का हटाना लगभग तय  है। बता दें कि फ्लेक्सी फेयर योजना 9 सितंबर 2015 से लागू है। 22 दुरंतो, 25 राजधानी व 38 जुड़ी शताब्दी ट्रेनें चल रही हैं। टिकट बुकिंग की शुरुआत के 10 बर्थ पर सामान्य किराया लेते हैं। हर 10 प्रतिशत बर्थ की बुकिंग के साथ 10 प्रतिशत किराया बढ़ता है। उदाहरण के लिए किसी ट्रेन में कुल 100 बर्थ हैं, तो पहली 10 बर्थ का किराया 100 रुपए (सामान्य) रहेगा। फिर 11 से 20 बर्थ का किराया 110 रुपए, 21 से 30 बर्थ का किराया 120, 31 से 40 बर्थ का किराया 130 रुपए, 41 से 50 बर्थ का किराया 140 रुपए  होगा। इसके पश्चात 51 वीं बर्थ के आगे सभी बर्थ के लिए मूल किराये से 50 फीसदी अधिक कीमत देनी होगी। रेलवे को फ्लेक्सी फेयर से सालाना एक हजार करोड़ रुपए अतिरिक्त कमाई होने का अनुमान था। लेकिन रेल यात्रियों ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। इसलिए पिछले छह माह में महज 300 करोड़ रुपए की आय हो सकी है। वहीं डेढ़ गुना किराया होने से रेल यात्रियों की संख्या में दिनोंदिन कमी आ रही है। यह रेलवे के लिए चिंता का विषय है। यात्री सुविधा  के लिए रेलवे एक अप्रैल से कई नए बदलाव भी करेगा। रेलवे बोर्ड से सभी जोन में यह आदेश भेजा गया है। अगर यह फ्लेक्सी फेयर योजना समाप्त होती है तो सभी को फायदा है, यात्रियों को भी और रेलवे को भी।

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