Tuesday, 19 December 2017

अमरनाथ गुफा में मंत्रोच्चारण पर प्रतिबंध नहीं

हिमालय के ऊंचे पर्वतों की कठिन यात्राओं के कष्ट बहुत सारे होते हैं। बाबा अमरनाथ की यात्रा ऐसी ही कठिन यात्रा है। बर्फीले तूफान, वायु का कम दबाव और सबसे बड़ी बात है ऑक्सीजन की मात्रा में कमी किसी भी शिवभक्त के लिए कठिन चुनौती होती है। हर शिवभक्त को तब हैरानी हुई जब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एनजीटी ने अपने फैसले में कह दिया कि अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले तार्थयात्रियों को जयकारा नहीं लगाना चाहिए या मंत्रोच्चारण नहीं करना चाहिए। इससे पता नहीं कैसे यह संदेश गया कि एनजीटी ने पूरे यात्रा पथ को शांत क्षेत्र घोषित कर दिया है। जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि आदेश में सिर्फ यह कहा गया है कि कोई भी श्रद्धालु या दर्शनार्थी महाशिवलिंग के सामने  जब पहुंचे तो वहां शांति बनाए रखे। महाशिवलिंग की प्राकृतिक अवस्था और पवित्रता को ध्वनि, गरमाहट, तरणों और अन्य चीजों से कोई नुकसान न पहुंचे इसलिए यह आदेश दिया गया है। पीठ ने कहा कि अंतिम सीढ़ी से बाबा बर्फानी की गुफा के प्रवेश द्वार के बीच की दूरी बमुश्किल 30 कदम है। कुछ एहतियातन रोक इसी सीढ़ी के  बाद है। इस सीढ़ी से पहले या नीचे किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है। अमरनाथ दर्शन के दौरान मंत्रोच्चारण पर एनजीटी के रोक के फैसले के बाद इस पर प्रतिक्रिया होनी स्वाभाविक ही थी। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी कहा है कि वह नहीं समझ पा रहे हैं कि जयकारों से पर्यावरण को क्षति कैसे पहुंचेगी? भाजपा सांसद जुगल किशोर शर्मा ने कहा कि यह फैसला हमें स्वीकार नहीं है। हिन्दुओं की आस्था पर ठेस पहुंचाना गलत है। विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत सह-मंत्री अजय मिन्हास ने सवाल किया कि क्या प्रदूषण के लिए सिर्फ हिन्दू ही जिम्मेदार हैं। एनजीटी का फैसला हिन्दुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ है। बजरंग दल के प्रदेश प्रधान नवीन सूदन ने कहा कि एनजीटी सिर्फ हिन्दू समाज के खिलाफ फैसले दे रही है। चौतरफा विरोध के कारण एनजीटी ने स्पष्ट किया कि उसने गुफा के अंदर मंत्रोच्चारण और भजन गाने पर किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है। श्रद्धालुओं को शिवलिंग के समक्ष शांति बनाए रखना चाहिए। एनजीटी ने अच्छा किया कि यह स्पष्ट कर दिया कि उसने अमरनाथ में पूरे इलाके को ध्वनि निषेध घोषित नहीं किया है, न ही ऐसी कोई मंशा है। जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि पवित्र गुफा की तरफ जाने वाली मुख्य सीढ़ियों पर प्रतिबंध लागू नहीं किया गया है। ओउम् नम शिवाय।

-अनिल नरेन्द्र

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