Friday 1 December 2017

लालू की सिक्यूरिटी हटाने पर बवाल

केंद्र सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की जैड प्लस सिक्यूरिटी वापस ले ली है जिस पर सियासी बवाल मच गया है। लालू के बेटे तेज प्रताप यादव ने तो गुस्से में सारी हदें पार कर दीं और प्रधानमंत्री मोदी के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल भी किया है। और लालू ने भी कहा है कि यह फैसला सही नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा उनके खिलाफ साजिश रच रही है। सुरक्षा हटाने पर वह बोले कि यह मेरी हत्या करने की साजिश है। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने हालांकि कहा कि लालू की सुरक्षा को घटाने के पीछे कोई राजनीतिक आधार नहीं है। केंद्र हो या राज्य सरकार हो, केंद्रीय गृह मंत्रालय समय-समय पर खतरे का आकलन कर उसके आधार पर सुरक्षा में वृद्धि या कमी करता है। देश के दिग्गज नेताओं, बड़े अधिकारियों और खास शख्सियतों को सरकार की तरफ से अलग-अलग श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई जाती है और इसका फैसला केंद्र सरकार करती है। इनमें केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जज, मशहूर नेता और वरिष्ठ अधिकारी शामिल होते हैं। फिलहाल भारत में 450 लोगों को इस तरह की सुरक्षा मिली हुई है। भारत सरकार की तरफ से मुहैया की जाने वाली सभी तरह की सुरक्षा में स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी), नेशनल सिक्यूरिटी गार्ड्स (एनएसजी), इंडियन-तिब्बत बार्डर पुलिस (आईटीबीपी) और सैंट्रल रिजर्व पुलिस (सीआरपीएफ) एजेंसियां शामिल होती हैं। जैड प्लस श्रेणी की सुरक्षा देश की सबसे बड़ी सुरक्षा व्यवस्था है। यह वीवीआईपी श्रेणी की सुरक्षा मानी जाती है। इस श्रेणी में 36 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं। फिलहाल देश में सिर्फ आठ लोगों को यह सुरक्षा मिली हुई है जिसमें प्रधानमंत्री मोदी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, उनकी पत्नी गुरशरण कौर, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी प्रमुख हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि मुकेश अंबानी को भी जैड श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है। इतना अमीर आदमी अपने सिक्यूरिटी गार्ड नहीं रख सकता? तेज प्रताप यादव ने कहा कि मीडिया में इतनी हिम्मत नहीं कि इस फैसले पर सवाल उठा सके? सरकारी सुरक्षा आजकल एक तरह का स्टेटस सिम्बल बन गया है। दुनिया में शायद कहीं ऐसा नहीं है कि 450 लोगों को निजी सुरक्षा प्रदान की जाए। हजारों सुरक्षाकर्मी इन छोटे-बड़े नेताओं की सुरक्षा में तैनात किए गए हैं। अगर इनको हटाकर पब्लिक की सुरक्षा पर लगाया जाए तो जनता का भी भला हो। कुछ तो क्रिमिनल टाइप के छुटभैयों को भी सरकारी सुरक्षा मिली हुई है।

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