पाकिस्तान
में जमात-उद-दावा
प्रमुख और मुंबई आतंकवादी हमले का मुख्य षड्यंत्रकारी हाफिज सईद आतंकवाद निरोधक और
जन सुरक्षा कानूनों के तहत 11 महीने की नजरबंदी से रिहाई के बाद
अपना जेहादी एजेंडा सक्रियता से आगे बढ़ा रहा है। आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा संस्थापक सईद के सिर पर एक करोड़ डॉलर का इनाम
घोषित है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तालिबान और अन्य आतंकवादी संगठनों को
अपनी धरती पर सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराने को लेकर पाकिस्तान को चेतावनी भी दी है।
अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पैंस ने अपनी अघोषित अफगानिस्तान यात्रा के दौरान यह
बात कही। अमेरिकन चेतावनियों के बावजूद हाफिज सईद अपने इरादों में आगे बढ़ रहा है।
सईद ने इस महीने की शुरुआत में पुष्टि की थी कि उसका संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) साल 2018 के आम चुनाव में मिल्ली मुस्लिम लीग
(एमएमएल) के बैनर तले चुनाव लड़ेगा। पाकिस्तान
चुनाव आयोग ने एमएमएल को राजनीतिक पार्टी के रूप में पंजीकृत करने से मना कर दिया था।
आयोग के इस फैसले को एमएमएल ने 11 अक्तूबर को अदालत में चुनौती
दी थी। पाक गृह मंत्रालय ने एमएमएल की याचिका पर इस्लामाबाद हाई कोर्ट में अपने लिखित
जवाब में कहा है कि वह इस समूह के राजनीतिक पार्टी के रूप में पंजीकरण का विरोध करता
है, क्योंकि यह समूह प्रतिबंधित संस्थाओं की शाखा है। मंत्रालय
ने अपने जवाब में कहा कि राजनीतिक दल आदेश 2002 के तहत ऐसे संगठन
जो मौलिक अधिकारों के प्रति पूर्वाग्रह रखता हो, देश की एकता
को चुनौती देता है, नस्लीय अलगाव को बढ़ावा देता हो, क्षेत्रीय और प्रांतीय द्वेष फैलाता हो और जिसका नाम आतंकी समूहों से जुड़ा
हो उसे राजनीतिक दल के रूप में पंजीकृत करने पर रोक है। पाकिस्तान का दोहरा चेहरा एक
बार फिर बेनकाब हुआ है। सार्वजनिक रूप से वह सईद की आलोचना करता है और अंदरखाते महिमामंडन
करता है। हाफिज सईद संयुक्त राष्ट्र तक में आतंकी घोषित है, उसके
सिर पर इनाम है, अमेरिका खुलेआम उसे आतंकवाद प्रायोजित करने का
आरोप लगाता है, पाकिस्तान सरकार और एजेंसियां उसे रिहा कर देती
हैं और उसे अपनी गतिविधियों को आगे बढ़ाने की पूरी छूट देती है। हाफिज खुलेआम घूम रहा
है और भारत के खिलाफ जहर उगलने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। इसको तो सलाखों के पीछे
होना चाहिए।
-अनिल नरेन्द्र
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